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अब कानपुर की आबोहवा में नहीं घुलेंगे जहर! शहर के 10 स्थानों पर लगेंगे प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर

कानपुर शहर की प्रदूषित हवा को देखते हुए 10 स्थानों पर प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर लगेंगे. जिसके बाद जुलाई से ये पता चल जायेगा कि कहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा है.

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कानपुर की आबोहवा में नहीं घुलेंगे जहर!
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Published : May 8, 2022, 6:42 PM IST

कानपुरः दिले में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है. जिसकी रोकथाम के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन अफसरों को वैसी सफलता नहीं मिलती जिसकी वो उम्मीद करते हैं. लेकिन अब उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए शहर के 10 अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर लगाये जाएंगे. जिसके बाद जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा पाया जायेगा. उसे ठीक करने की व्यवस्था की जायेगी.

दरअसल कुछ दिनों पहले आईआईटी कानपुर की ओर से आठ स्थानों पर ये सेंसर लगाने का फैसला किया गया था. आईआईटी कानपुर की विकसित तकनीक डायनमिक हाइपर सोर्सेस अपार्टमेंट स्टडी टू मॉनिटर एयर पॉल्यूशन के तहत ये कवायद करने की योजना बनी थी. हालांकि अब कानपुर में एफटीआई-किदवई नगर, एनएसआई-कल्याणपुर, नेहरू नगर, जरीब चौकी, नौबस्ता की दोनों क्रासिंग, फजलगंज, पनकी सॉलिड वेस्ट प्लान्ट, दादा नगर, रामदेवी चौराहा और चिड़ियाघर सहित 10 स्थानों को चयनित किया गया है.

इसे भी पढ़ें- कानपुर के 5 युवाओं को रामलीला में मिलेगा अभिनय करने का मौका: मनोज तिवारी

इस पूरे मामले पर शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि 10 जुलाई तक शहर के 10 अलग-अलग स्थानों पर वायु प्रदूषण संबंधी सेंसर लगाए जायेंगे. जिसकी देखरेख का जिम्मा मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, डीएफओ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों का होगा. यानी जो डाटा इन सेंसर के माध्यम से मिलेगा, उसके मुताबिक प्रदूषण की रोकथाम को लेकर काम शुरू होगा. जहां मात्रा मानक से अधिक निकलेगी, वहां प्रदूषण बढ़ने की वजह देखे जाएंगे. इसके बाद प्रदूषण को कम करने की कवायद होगी.

कानपुरः दिले में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है. जिसकी रोकथाम के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन अफसरों को वैसी सफलता नहीं मिलती जिसकी वो उम्मीद करते हैं. लेकिन अब उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए शहर के 10 अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण मॉनिटरिंग सेंसर लगाये जाएंगे. जिसके बाद जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा पाया जायेगा. उसे ठीक करने की व्यवस्था की जायेगी.

दरअसल कुछ दिनों पहले आईआईटी कानपुर की ओर से आठ स्थानों पर ये सेंसर लगाने का फैसला किया गया था. आईआईटी कानपुर की विकसित तकनीक डायनमिक हाइपर सोर्सेस अपार्टमेंट स्टडी टू मॉनिटर एयर पॉल्यूशन के तहत ये कवायद करने की योजना बनी थी. हालांकि अब कानपुर में एफटीआई-किदवई नगर, एनएसआई-कल्याणपुर, नेहरू नगर, जरीब चौकी, नौबस्ता की दोनों क्रासिंग, फजलगंज, पनकी सॉलिड वेस्ट प्लान्ट, दादा नगर, रामदेवी चौराहा और चिड़ियाघर सहित 10 स्थानों को चयनित किया गया है.

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इस पूरे मामले पर शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि 10 जुलाई तक शहर के 10 अलग-अलग स्थानों पर वायु प्रदूषण संबंधी सेंसर लगाए जायेंगे. जिसकी देखरेख का जिम्मा मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, डीएफओ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों का होगा. यानी जो डाटा इन सेंसर के माध्यम से मिलेगा, उसके मुताबिक प्रदूषण की रोकथाम को लेकर काम शुरू होगा. जहां मात्रा मानक से अधिक निकलेगी, वहां प्रदूषण बढ़ने की वजह देखे जाएंगे. इसके बाद प्रदूषण को कम करने की कवायद होगी.

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