कानपुर: अभी तक आप लोगों ने फिल्मों में देखा होगा कि अपराधी जंगलों से चंदन की लकड़ियां गाड़ियों में भरकर उनकी तस्करी कर लेते हैं, लेकिन ठीक वैसे ही कानपुर जिले में तस्करी का मामला सामने आया है. बुधवार को कन्नौज निवासी अरविंद सिंह, करन सिंह व ओमवीर स्विफ्ट डिजायर से 36 लाख रुपये की चंदन की लकड़ी (करीब 146 किलोग्राम) तस्करी कर मध्य प्रदेश से कन्नौज के लिए निकले थे. तस्करों को महाराजपुर हाईवे पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि कुछ माह पहले भी इसी अंदाज में चंदन तस्करों ने अपराध करने की कवायद थी. मगर, सभी को उस समय ही दबोच लिया गया था. कानपुर के आसपास बुंदेलखंड की सीमा से लगे मध्यप्रदेश में तस्कर गिरोह सक्रिय हैं. पिछले मामले में भी जो अभियुक्त पकड़े गए थे, उनका एमपी कनेक्शन सामने आया था. यही नहीं, गिरोह के सदस्य इटावा के रास्ते से भिंड व ग्वालियर तक अपना नेटवर्क फैला चुके हैं. हालांकि, पुलिस व क्राइम ब्रांच इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने की प्लानिंग बना चुकी है.
वहीं, बतौर विशेषज्ञ सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) के सहायक निदेशक डॉ. भक्ति विजय शुक्ला ने बताया कि कन्नौज में चंदन की लकड़ी छह से सात हजार रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकती है. यहां दूसरे शहरों व राज्यों से तेल निकालने के लिए लकड़ी लाई जाती है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन के इत्र व तेल की मांग बहुत अधिक हैं, इसलिए जो तस्कर होते हैं, वह शीशम, सागौन समेत अन्य पौधों की अपेक्षा चंदन की लकड़ी को तस्करी के लिए चुनते हैं.
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