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नफरत का जो बीज अंग्रेजों ने बोया था, सुप्रीम कोर्ट ने उसे खत्म कर दियाः हाजी सलीस

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Published : Nov 9, 2019, 7:01 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में अयोध्या भूमि विवाद पर आए फैसले का सभी धर्मों ने स्वागत किया है. आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीस ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि नफरत का जो बीज अंग्रेज बो के गए थे, उसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है.

आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीस.

कानपुरः अयोध्या मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की खंडपीठ के ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने पर मुस्लिम समुदाय ने खुशी जाहिर की है. आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीस का कहना है कि हिन्दुस्तान में नफरत का जो बीज अंग्रेजों ने बोया था, उसे सबसे बड़ी अदालत ने खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब नफरत की सियासत को बंद करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी ने किया स्वागत.

मुल्क 21वीं सदी में है, यहां सब बराबर हैं
सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव ने कहा कि हर हिंदुस्तानी को इबादत करने का हक संविधान में दिया गया है. इसको राष्ट्र धर्म और समाज धर्म बनाने का प्रयास न किया जाए. राम मंदिर मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है, इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट को बधाई देते हैं.

पढ़ें- अयोध्या भूमि विवाद: फैसले से पहले गले मिले इकबाल अंसारी और करपात्री जी महाराज

उन्होंने कानपुर के मुसलमानों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इतने बड़े फैसले के बाद शांति और अमन कायम रखने के लिए जिला प्रशासन और मीडिया को धन्यवाद करता हूं. जिस प्रकार से प्रशासन ने चौकसी बरती है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.

कानपुरः अयोध्या मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की खंडपीठ के ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने पर मुस्लिम समुदाय ने खुशी जाहिर की है. आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीस का कहना है कि हिन्दुस्तान में नफरत का जो बीज अंग्रेजों ने बोया था, उसे सबसे बड़ी अदालत ने खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब नफरत की सियासत को बंद करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी ने किया स्वागत.

मुल्क 21वीं सदी में है, यहां सब बराबर हैं
सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव ने कहा कि हर हिंदुस्तानी को इबादत करने का हक संविधान में दिया गया है. इसको राष्ट्र धर्म और समाज धर्म बनाने का प्रयास न किया जाए. राम मंदिर मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है, इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट को बधाई देते हैं.

पढ़ें- अयोध्या भूमि विवाद: फैसले से पहले गले मिले इकबाल अंसारी और करपात्री जी महाराज

उन्होंने कानपुर के मुसलमानों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इतने बड़े फैसले के बाद शांति और अमन कायम रखने के लिए जिला प्रशासन और मीडिया को धन्यवाद करता हूं. जिस प्रकार से प्रशासन ने चौकसी बरती है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.

Intro:कानपुर :- हिन्दू मुस्लिम के बीच जो नफरत का बीज अंग्रेजो ने बोया था,उसको सबसे बड़ी अदालत ने इस विवाद को ख़त्म किया :- हाजी सलीस ।

अयोध्या मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की खंडपीठ द्धारा ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने पर मुस्लिम समुदाय ने ख़ुशी ज़ाहिर करी है | आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउन्सिल के महासचिव हाजी सलीस का कहना है कि हिन्दुस्तान में हिन्दू मुस्लिम के बीच जो नफरत का बीज अंग्रेजो ने बोया था,उसको सबसे बड़ी अदालत ने इस विवाद को ख़त्म किया है | अब नफरत की सियासत को बंद करना चाहिए और राम मंदिर व बाबरी मस्जिद पर सियासत बंद होनी चाहिए | मुल्क को 21वी सदी में दुनिया की कयादत के लिए आगे बढ़ाने के लिए अब सबको प्रयाश करना चाहिए |


Body: हर हिंदुस्तानी को इबादत करने का प्राइवेट हक़ सविंधान में दिया गया है |  इसको राष्ट्र धर्म या समाज धर्म बनाने का प्रयाश ना किया जाए | राम मंदिर मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ने ख़त्म किया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को बधाई देते है | जिनके हक़ में फैसला गया है उनको भी मुबारकबाद देते है,लेकिन अब वो राम के सिद्धांतो पर चले और रावण के क्रेज से परहेज करे | राम के सिद्धांत न्याय प्रेम और त्याग का नाम है राम किसी के जिलादारी करने का नाम नहीं है | कानपुर के मुसलमान भी मुबारक बाद के पात्र है जिन्होंने इतने बड़े फैसले के बाद सब्र तहम्मुल के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया है | उन्होंने जिला प्रशाशन व मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस प्रकार से चौकसी बरती है इसलिए वो बधाई के पात्र है | 

बाईट - हाजी सलीस ( महासचिव_आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउन्सिल) 




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