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कोरोनाः दाह संस्कार के लिए भी लग रही है लाइन - कानपुर में श्मशान घाट पर लाइनें

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कोरोना से मौतों का आंकड़ा तो बढ़ा ही है, साथ में कब्रिस्तान और श्मशान घाट पर शवों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ी है. कमाल की बात सरकारी आंकड़ों में मौत की दर से कहीं ज्यादा शव आ रहे हैं.

कानपुर
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Published : Apr 20, 2021, 4:59 PM IST

कानपुरः जिले में कोरोना के कहर से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. आलम यह है कि चाहे कब्रिस्तान हो या श्मशान घाट, शवों को दफनाने और दाहसंस्कार करने के लिए भी लोगों को लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है. विद्युत शव दाह की चिमनियां तक गर्म होकर पिघलने लगी हैं. श्मशान घाट में शवों की संख्या को देखते हुए रात के 12 बजे तक दाहसंस्कार किया जा रहा है. हैरान करने वाली बात यह है कि कोविड से मरने वालों के सरकारी आंकड़े और कब्रिस्तान-शमशान घाट की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं.

मौतों का दुखद पहलू

आंकड़े अलग, तस्वीरें अलग
अगर कानपुर में कोरोना महामारी से 24 घंटे में मौत के आंकड़ों की बात करें तो जिला प्रशासन के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना से 21 मौतें हुई. वहीं, शहर के 12 कब्रिस्तानों में 24 घंटे में 30 से ज्यादा शवों को दफनाया गया. श्मशान घाट में भी केवल भैरवघाट में 70 शवों का दाहसंस्कार किया गया. हालांकि इसमें कुछ लोग सामान्य मौत वाले भी हो सकते हैं लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने से पहले एक दिन में सामान्य मौतों की बात करें तो कभी भी इतने अंतिम संस्कार एक साथ नहीं होते थे. ऐसे में शवों की ये गिनती कुछ और ही कहानी बयां कर रही है.

ईटीवी भारत की टीम ने कब्रिस्तान का लिया जायजा
जब कोविड से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़ों की पड़ताल में ईटीवी भारत की टीम कानपुर के बेनझावर स्थित शहर के सबसे बड़े कब्रिस्तान में पहुंची और वहां के इंचार्ज से बात की तो पता चला कि मंगलवार तक 24 घंटे में 7 लाशें सिर्फ उनके ही कब्रिस्तान में दफन होने के लिए पहुंची थीं. कोविड काल से पहले महज 2 से 4 लाशें ही आती थीं. कब्रों के व्यवस्थापक मुल्ला आशिक अली बताते हैं कि अब तो शवों की संख्या दोगुनी हो गई है. वह ये भी बताते हैं कि पूरे कानपुर में प्रमुख 12 कब्रिस्तानों में भी यही सूरतेहाल है.

श्मशान घाट की भयावह तस्वीर
वहीं जब ईटीवी भारत की टीम गंगा के तट पर स्थित भैरवघाट पहुंची तो लोगों की लंबी-लंबी लाइन नजर आई. जितने शवों का दाहसंस्कार किया जा रहा था, उससे ज्यादा शव वेटिंग में रखे थे. केवल भैरवघाट में एक समय में 16 लाशें जलाई जा रही थीं. शवों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी था. जब हमने दाहसंस्कार करने वाली कमेटी के सदस्य विनय से पूछा तो उन्होंने जो बताया उसने सकते में डाल दिया. उन्होंने कहा कि केवल इसी घाट में बीते 24 घंटे में 63 लाशों का दाहसंस्कार किया जा चुका है.

इसे भी पढ़ेंः यूपी STF रोकेगी जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी

क्यों है आंकड़ों में फेर
इस सवाल को लेकर जब जिलाधिकारी आलोक तिवारी से बात करनी चाही तो कैमरे से पल्ला झाड़ते हुए बोले कि लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं और आप आंकड़ों की बात पूछ रहे हैं.

कानपुरः जिले में कोरोना के कहर से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. आलम यह है कि चाहे कब्रिस्तान हो या श्मशान घाट, शवों को दफनाने और दाहसंस्कार करने के लिए भी लोगों को लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है. विद्युत शव दाह की चिमनियां तक गर्म होकर पिघलने लगी हैं. श्मशान घाट में शवों की संख्या को देखते हुए रात के 12 बजे तक दाहसंस्कार किया जा रहा है. हैरान करने वाली बात यह है कि कोविड से मरने वालों के सरकारी आंकड़े और कब्रिस्तान-शमशान घाट की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं.

मौतों का दुखद पहलू

आंकड़े अलग, तस्वीरें अलग
अगर कानपुर में कोरोना महामारी से 24 घंटे में मौत के आंकड़ों की बात करें तो जिला प्रशासन के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना से 21 मौतें हुई. वहीं, शहर के 12 कब्रिस्तानों में 24 घंटे में 30 से ज्यादा शवों को दफनाया गया. श्मशान घाट में भी केवल भैरवघाट में 70 शवों का दाहसंस्कार किया गया. हालांकि इसमें कुछ लोग सामान्य मौत वाले भी हो सकते हैं लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने से पहले एक दिन में सामान्य मौतों की बात करें तो कभी भी इतने अंतिम संस्कार एक साथ नहीं होते थे. ऐसे में शवों की ये गिनती कुछ और ही कहानी बयां कर रही है.

ईटीवी भारत की टीम ने कब्रिस्तान का लिया जायजा
जब कोविड से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़ों की पड़ताल में ईटीवी भारत की टीम कानपुर के बेनझावर स्थित शहर के सबसे बड़े कब्रिस्तान में पहुंची और वहां के इंचार्ज से बात की तो पता चला कि मंगलवार तक 24 घंटे में 7 लाशें सिर्फ उनके ही कब्रिस्तान में दफन होने के लिए पहुंची थीं. कोविड काल से पहले महज 2 से 4 लाशें ही आती थीं. कब्रों के व्यवस्थापक मुल्ला आशिक अली बताते हैं कि अब तो शवों की संख्या दोगुनी हो गई है. वह ये भी बताते हैं कि पूरे कानपुर में प्रमुख 12 कब्रिस्तानों में भी यही सूरतेहाल है.

श्मशान घाट की भयावह तस्वीर
वहीं जब ईटीवी भारत की टीम गंगा के तट पर स्थित भैरवघाट पहुंची तो लोगों की लंबी-लंबी लाइन नजर आई. जितने शवों का दाहसंस्कार किया जा रहा था, उससे ज्यादा शव वेटिंग में रखे थे. केवल भैरवघाट में एक समय में 16 लाशें जलाई जा रही थीं. शवों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी था. जब हमने दाहसंस्कार करने वाली कमेटी के सदस्य विनय से पूछा तो उन्होंने जो बताया उसने सकते में डाल दिया. उन्होंने कहा कि केवल इसी घाट में बीते 24 घंटे में 63 लाशों का दाहसंस्कार किया जा चुका है.

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क्यों है आंकड़ों में फेर
इस सवाल को लेकर जब जिलाधिकारी आलोक तिवारी से बात करनी चाही तो कैमरे से पल्ला झाड़ते हुए बोले कि लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं और आप आंकड़ों की बात पूछ रहे हैं.

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