कानपुर : शहर के मेट्रो डिपो में अब सोलर प्लांट जगमाएगा. मंगलवार देर रात से डिपो में सोलर प्लांट से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया. एक मेगावॉट के सोलर प्लांट से वर्ष में 10.80 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है. इससे मेट्रो को करीब एक करोड़ रुपये सालाना बचत भी होगी, वहीं सालाना 770 मीट्रिक टन कार्बन भी कम उत्सर्जित होगा.
यूपीएमआरसी के आला अफसरों ने कहा कि 'पर्यावरण को लेकर कानपुर मेट्रो डिपो में लगातार इस तरह से काम हो रहे हैं, जिससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे. अब मेट्रो ने आईआईटी से नौबस्ता कॉरिडोर के पॉलीटेक्निक के समीप बने डिपो में सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया गया है. इसी साल मई में सोलर पैनल लगाने का काम शुरू किया गया था. मेट्रो डिपो के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर की छत पर 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में इसे लगाया गया है, इसमें करीब तीन हजार सोलर पैनल लगाए गए हैं. मेट्रो को इससे एक साल के अंदर लगभग एक करोड़ रुपये की बचत होगी. आने वाले समय में कानपुर मेट्रो के सीएसएम और फूलबाग स्थित दो रिसीविंग सब स्टेशनों और दोनों कॉरिडोर के सभी 19 एलिवेटेड स्टेशनों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे.'
आईआईटी से मोतीझील तक के पहले कॉरिडोर में मिल चुका आईएसओ : यूपीएमआरसी के अफसरों ने बताया कि 'जब मेट्रो को आईआईटी से मोतीझील तक के प्राथमिक कॉरिडोर में पर्यावरण आईएसओ 14 हजार प्रमाण पत्र भी मिल चुका है. उन्होंने कहा कि 'सोलर प्लांट के संचालन से काफी हद तक बिजली की बचत होगी. वहीं, दूसरी ओर शहर में सपा विधायकों का कहना है कि 'मेट्रो में खूबियां तो बहुत हैं पर लोग इससे सफर करना पसंद नहीं कर रहे हैं. सरकार को कानपुर मेट्रो के संचालन से कोई खास राजस्व नहीं मिल रहा है.'