कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान से पहले घाटमपुर विधानसभा के रामसारी गांव में एक चौकाने वाला मामला सामने आया. यहां अधिकारियों ने 12 से ज्यादा मृतकों के नाम सत्यापित कर दिए. ग्राम प्रधान के देवर उपेन्द्र भदौरिया ने बताया कि कोई भी अधिकारी उनके घर पर सर्वे करने नहीं आया था. अगर उनसे अधिकारी पूछते, तो जानकारी दी जाती.
तीसरे चरण में 20 फरवरी को कानपुर में मतदान होना है. घाटमपुर विधानसभा के रामसारी गांव में बीएलओ व जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही देखने को मिली. यहां बीएलओ ने बिना सर्वे किये ही मतदाता सूची में 12 से ज्यादा मृतकों के नामों को सत्यापित कर दिया. इस वजह से इन सभी के नाम वोटर लिस्ट में अब भी दर्ज हैं.
इस गांव में लगभग 2412 मतदाता हैं. प्रधान पति सत्येंद्र सिंह की हत्या 2019 में हुई थी. सत्येंद्र ही नहीं बल्कि जगदेव, दुर्गा, रामआसरे, प्रेमकांत, अरुणा देवी, महिपाल सिंह, अरविंद, ब्रजेन्द्र समेत 12 से ज्यादा मृतकों के नाम वोटर लिस्ट में सत्यापित कर दिए गए. नियमानुसार अधिकारियों ने काम किया होता, तो इनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता.
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ग्रामीणों का आरोप है कि बीएलओ ने सर्वे नहीं किया. घरों में सर्वे न करते हुए वोटर लिस्ट अपने मन से फाइनल कर दी. इसके चलते ऐसे कई लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल हो गए, जिनका देहांत हो गया था.
वहीं कई लोग ऐसे हैं, जो अभी तक जीवित हैं लेकिन उनका नाम मतदाता सूची से नदारद है. इस मामले में उपजिलाधिकारी आयुष चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनका फोन पिक नहीं हुआ.
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