कानपुर: देश की राजधानी दिल्ली में पकड़े गए जैश ए मोहम्मद के दो आतंकियों के तार कानपुर से जुड़ रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिए आतंकी कनेक्शन जुड़े होने के अहम साक्ष्य मिलने के बाद खुफिया विभाग को अलर्ट कर दिया गया है. आतंकी सोशल मीडिया के जरिए कानपुर के चार से पांच लोगों के संपर्क में थे. उनके पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल से ये खुलासा हुआ है.
यहां से हुई गिरफ्तारी
दिल्ली के सराय काले खां इलाके से पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकी जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं. इनमें से एक का नाम अब्दुल लतीफ है. ये बारामुला जिले के डोरू गांव का रहने वाला है. दूसरे का नाम अशरफ खटाना बताया जा रहा है और ये कुपवाड़ा के हटमुल्ला गांव का रहने वाला है. दिल्ली पुलिस ने आतंकियों के पास से दो ऑटोमेटिक पिस्टल और 15 कारतूस के साथ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पता चला है कि आतंकी फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से कानपुर के लोगों के संपर्क में थे.
खुरासान मॉड्यूल के संपर्क में थे आतंकी
3 साल पहले कानपुर में आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. इसमें मुख्य सरगना गौस मोहम्मद खान समेत एक दर्जन आतंकवादी गिरफ्तार हुए थे. लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया गया था. सूत्रों के मुताबिक उस दौरान अब्दुल लतीफ सीधे-सीधे गौस मोहम्मद के संपर्क में था. उसी के जरिए गौस के साथ अन्य आतंकी कानपुर से कश्मीर जाने की फिराक में थे.
कानपुर है मत्वपूर्ण
कानपुर में आयुध फैक्ट्री, इंडियन आयल और पैराशूट फैक्ट्री, एचएएल, कैंट, हवाई अड्डा, एयरफोर्स स्टेशन और आईआईटी सरीखे संस्थान हैं. इसके चलते कानपुर हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहता है. 2018 में इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी कमरुज्जमा कानपुर के चकेरी क्षेत्र से पकड़ा गया था. तब उसके निशाने पर गणेश मंदिर और अन्य सांस्कृतिक धरोहर थी. अब आतंकियों का कानपुर कनेक्शन सामने के आने के बाद शहर में फिर से हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है.