कानपुरः पिछले दिनों कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस में एक करोड़ 40 लाख रुपये मिले थे. जिसे लेकर रेलवे के अफसर आयकर विभाग के निशाने पर आ गये हैं. उनका मानना है कि कहीं न कहीं ये रकम रेलवे के ही किसी अधिकारी से जुड़ी है. इसलिये अब तक रेलवे न तो कानपुर से और न ही दिल्ली से सीसीटीवी फुटेज दे पा रहा है. उसने ये भी जानने की कोशिश नहीं की है कि इंटरकॉम पर फोन कहां से आया था. 1 सप्ताह का समय बीत जाने के बाद अब जाकर आयकर अधिकारियों ने इस रकम को कब्जे में लेने की अनुमति मांगी है.
एक्शन में आयकर विभाग
पिछले 15 फरवरी को देर रात दिल्ली से जयनगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्री कार में 1 करोड़ 40 लाख रुपये मिले थे. जिसे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतारकर किसी को देने के लिए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को रेलवे के इंटरकॉम पर फोन आया था. वहीं फोन करने वाले ने अपने आप को रेलवे का बड़ा अधिकारी बताया था. 1 करोड़ 40 लाख रुपये से भरे बैग की डिलीवरी किसी अनजान शख्स को करने के लिये कहा गया था. लेकिन आईडी न दिखाने के चलते उस चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने बैग उस शख्स को नहीं दिया था. रेलवे के इंटरकॉम पर लगातार आई कॉल के चलते आयकर विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि जिसने भी रुपये भेजे थे, वो रेलवे से ही जुड़ा था. जिसे रुपये देने थे वो भी रेलवे से ही जुड़ा हो सकता है.
अधिकारियों का मानना है कि किसी गलती की वजह से रुपये उस शख्स के हाथों तक नहीं पहुंच पाये, और बात खुल गयी. फिलहाल आयकर विभाग इन रुपयों को कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन जांच रेलवे की जीआरपी पुलिस को ही करनी होगी.