कानपुर : आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम वर्षा कराने की ओर एक कदम और बढ़ाया है. आईआईटी के वैज्ञानिक बारिश की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र से करेंगे. इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने आईआईटी को एचएएल डोनियर डीओ 228 विशेष विमान का परीक्षण कराया.इसी विमान पर आईआईटी के वैज्ञानिक केमिकल के मिशन का प्रयोग करते हुए पहले आसमान में बादल तैयार करेंगे और फिर बारिश कराएंगे.
कृत्रिम बारिश कराने के लिए 3 चरणों से गुजरना पड़ेगा. पहले चरण में कैल्शियम क्लोराइड, कैलशियम कार्बाइड, कैलशियम ऑक्साइड, अमोनियम नाइट्रेट को सीडिंग उपकरण से बादल में छोड़ा जाएगा. यह हवा से जलवाष्प को सोक लेते हैं. दूसरे चरण में नमक, सूखी बर्फ, यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट और कैल्शियम क्लोराइड से बादलों के घनत्व को बनाया जाएगा. तीसरे चरण में सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ का छिड़काव इन बादलों पर किया जाता है.
बादलों का घनत्व बढ़ने पर यह बर्फ की क्रिस्टल में बदल जाते हैं. फिर पानी के कण बिखर कर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धरती पर गिरने लगते हैं. शुरुआत में कृत्रिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर ने बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है क्योंकि यहां काफी कम वर्षा होती है.