ETV Bharat / state

कानपुर : बुंदेलखंड की प्यास बुझाएगा आईआईटी कानपुर, कई क्षेत्रों में होगी कृत्रिम बारिश - up latest news

आईआईटी कानपुर जल्द ही कृत्रिम बारिश कराएगा. शुरुआत में कृत्रिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर ने बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है.

आईआईटी कानपुर
author img

By

Published : Feb 28, 2019, 2:44 PM IST

कानपुर : आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम वर्षा कराने की ओर एक कदम और बढ़ाया है. आईआईटी के वैज्ञानिक बारिश की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र से करेंगे. इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने आईआईटी को एचएएल डोनियर डीओ 228 विशेष विमान का परीक्षण कराया.इसी विमान पर आईआईटी के वैज्ञानिक केमिकल के मिशन का प्रयोग करते हुए पहले आसमान में बादल तैयार करेंगे और फिर बारिश कराएंगे.

जानकारी देते मनिन्द्र अग्रवाल डिप्टी डायरेक्टर आईआईटी कानपुर.

कृत्रिम बारिश कराने के लिए 3 चरणों से गुजरना पड़ेगा. पहले चरण में कैल्शियम क्लोराइड, कैलशियम कार्बाइड, कैलशियम ऑक्साइड, अमोनियम नाइट्रेट को सीडिंग उपकरण से बादल में छोड़ा जाएगा. यह हवा से जलवाष्प को सोक लेते हैं. दूसरे चरण में नमक, सूखी बर्फ, यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट और कैल्शियम क्लोराइड से बादलों के घनत्व को बनाया जाएगा. तीसरे चरण में सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ का छिड़काव इन बादलों पर किया जाता है.

बादलों का घनत्व बढ़ने पर यह बर्फ की क्रिस्टल में बदल जाते हैं. फिर पानी के कण बिखर कर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धरती पर गिरने लगते हैं. शुरुआत में कृत्रिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर ने बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है क्योंकि यहां काफी कम वर्षा होती है.

कानपुर : आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम वर्षा कराने की ओर एक कदम और बढ़ाया है. आईआईटी के वैज्ञानिक बारिश की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र से करेंगे. इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने आईआईटी को एचएएल डोनियर डीओ 228 विशेष विमान का परीक्षण कराया.इसी विमान पर आईआईटी के वैज्ञानिक केमिकल के मिशन का प्रयोग करते हुए पहले आसमान में बादल तैयार करेंगे और फिर बारिश कराएंगे.

जानकारी देते मनिन्द्र अग्रवाल डिप्टी डायरेक्टर आईआईटी कानपुर.

कृत्रिम बारिश कराने के लिए 3 चरणों से गुजरना पड़ेगा. पहले चरण में कैल्शियम क्लोराइड, कैलशियम कार्बाइड, कैलशियम ऑक्साइड, अमोनियम नाइट्रेट को सीडिंग उपकरण से बादल में छोड़ा जाएगा. यह हवा से जलवाष्प को सोक लेते हैं. दूसरे चरण में नमक, सूखी बर्फ, यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट और कैल्शियम क्लोराइड से बादलों के घनत्व को बनाया जाएगा. तीसरे चरण में सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ का छिड़काव इन बादलों पर किया जाता है.

बादलों का घनत्व बढ़ने पर यह बर्फ की क्रिस्टल में बदल जाते हैं. फिर पानी के कण बिखर कर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धरती पर गिरने लगते हैं. शुरुआत में कृत्रिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर ने बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है क्योंकि यहां काफी कम वर्षा होती है.

Intro:कानपुर :- बुंदेलखंड की प्यास बुझाएगा आईआईटी कानपुर कई क्षेत्रों में होगी कृत्रिम बारिश

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम वर्षा कराने की ओर एक कदम और बढ़ाया है आईआईटी के वैज्ञानिक बारिश की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र से करेंगे इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड आईआईटी को एचएएल डोनियर डीओ 228 विशेष विमान का परीक्षण कराया इसी विमान पर आईआईटी के वैज्ञानिक केमिकल के मिशन का प्रयोग करते हुए पहले आसमान में बादल तैयार करेंगे और फिर बारिश कराएंगे


Body:कृत्रिम बारिश कराने के लिए 3 चरणों से गुजरना पड़ेगा पहले चरण में कैल्शियम क्लोराइड नमक कैलशियम कार्बाईड यूरिया कैलशियम ऑक्साइड अमोनियम नाइट्रेट लोगों को सीडिंग उपकरण से बादल में छोड़ा जाएगा यह हवा से जल वास को सोक लेते हैं दूसरे चरण में नमक सूखी बर्फ यूरिया अमोनियम नाइट्रेट वाह कैल्शियम क्लोराइड से बादलों के घनत्व को बनाया जाता है तीसरे चरण में सिल्वर आयोडाइड व शुष्क बर्फ का छिड़काव इन बादलों पर किया जाता है बादलों का घनत्व और बढ़ने पर यह बर्फ की क्रिस्टल में बदल जाते हैं बादल में छिपे पानी के कर बिखर कर गुरुत्व बल के कारण धरती पर गिरने लगते हैं इस तरह से आईआईटी कानपुर में बारिश कर आएगा शुरुआत में कृतिम बारिश कराने के लिए आईआईटी कानपुर में बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है क्योंकि यहां वर्षा काफी कम होती है

रजनीश दीक्षित
कानपुर
9358992425


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.