कानपुर: आईआईटी कानपुर का 56वां दीक्षांत समारोह कैम्पस में तीन जुलाई को आयोजित होगा. इस समारोह की खास बात यह है कि आईआईटी कानपुर के इतिहास में पहली बार 260 छात्रों को पीएचडी की डिग्रियां दी जाएंगी. इसके अलावा 500 छात्रों को भी उनके कोर्स के मुताबिक डिग्रियां मिलेंगी. दीक्षांत समारोह को भव्य बनाने के लिए कैम्पस में तैयारियां शुरू हो गई हैं. सभी छात्रों को मेडल व डिग्री देने के लिए प्रशासनिक अफसरों की बैठक मंगलवार को कैम्पस में होगी. इसमें छात्रों के नाम फाइनल किए जाएंगे. सभी छात्रों को डिग्रियां ब्लाकचेन तकनीक की मदद से देने की योजना बनाई गई है. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि 55वें दीक्षा समारोह में 126 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्रियां दी गई थीं. जबकि, इस समारोह में अब तक की सबसे अधिक 260 पीएचडी की डिग्रियां दी जाएंगी.
एनआर नारायण मूर्ति होंगे मुख्य अतिथि
निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इंफोसिस जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के संस्थापक व चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति होंगे. साथ ही इस समारोह में देश के नामचीन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी को आनरेरी डॉक्टरेट के सम्मान से सम्मानित करेंगे. दीक्षांत समारोह के लिए छात्र-छात्राओं को अपने ड्रेस कोड में ही कैम्पस आना होगा.
54वें दीक्षांत समारोह में ब्लाकचेन तकनीक से दी गई थीं डिग्रियां
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि 54वें दीक्षा समारोह में पीएम मोदी के सामने पहली बार छात्रों को ब्लाकचेन तकनीक की मदद से डिग्रियां दी गई थीं. इस तकनीक के माध्यम से छात्र की उपाधि हमेशा के लिए पूरी तरह सुरक्षित रहती है. उसमें किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है.
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