कानपुर: हैलट अस्पताल में जब भी गंभीर मरीज पहुंचते हैं तो अक्सर उन्हें अपने इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. इसकी मुख्य वजह है, अस्पताल में मरीजों की संख्या आवश्यकता से अधिक होना. हालांकि, अब इस समस्या का समाधान करने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.संजय काला ने एक ऐसा प्लान बनाया है, जो मरीजों के लिए संजीवनी साबित होगा. हैलट अस्पताल के इतिहास में पहली बार डॉक्टरों की एक क्यूआरटी यानी क्विक रिस्पांस टीम (Quick Response Team) बनने जा रही है. इस टीम में मेडिकल कॉलेज के नॉन पीजी डॉक्टरों को शामिल किया जाएगा. क्यूआरटी के जो डॉक्टर होंगे, उनके पास मोबाइल फोन होंगे और उनके नंबर अस्पताल में दिए जाएंगे. जैसे ही कोई गंभीर स्थिति वाला मरीज अस्पताल पहुंचेगा तो डॉक्टर उसके इलाज के लिए जल्दी ही सारी व्यवस्थाएं कराएंगे.
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20 नवंबर मेडिकल कॉलेज पहुंचेंगे याचिका समिति के सदस्य: शहर के हैलट अस्पताल, उर्सला अस्पताल, डफरिन, जेके कैंसर समेत कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां रोजाना ही सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. हालांकि, अधिकतर मरीजों को यह शिकायत रहती है कि उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिलता. इसी तरह का एक मामला जब विधानसभा की याचिका समिति के पास पहुंचा तो, अब याचिका समिति के सदस्यों ने 20 नवंबर को कानपुर आने का फैसला किया है. जिसमें समिति के सदस्य शहर के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को देखेंगे और मरीजों से बात करेंगे. फिर, समिति के सदस्य अपनी रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे.
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