कानपुर: गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए जवान धर्मेंद्र का शव रविवार को जिले के घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा. उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बेटे ने दी. इस दौरान बेटे ने कहा कि वह अफसर बनकर शहीद पिता का सपना पूरा करेंगे.
गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए कानपुर के लाल का शव आज घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा, जहां पूरा गांव और परिजनों ने अपने लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई दी. सेना के अफसरों, नेताओं, गणमान्य लोगों ने शहीद के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित किए.
गांव में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. हर कोई शहीद धर्मेंद्र को आखिरी बार निहारने के लिए वहां मौजूद था. शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामीणों में कोहराम मच गया. सभी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.
शहीद के बड़े बेटे ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए शहीद के बेटे ने कहा कि उसकी आखिरी बार 13 तारीख को अपने पिता से बात हुई थी.
उन्होंने उसको मन लगाकर पढ़ने और सबका ख्याल रखने की सलाह दी थी. यह भी कहा था कि सेना में जाकर तुम्हें भी देश की सेवा करनी है. बेटे ने कहा कि वह भविष्य में अपनी पिता की तरह सेना में जाकर देश की सेवा करेंगे और सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेंगे.
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