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कानपुर: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद धर्मेंद्र, बेटे ने कहा- पिता का सपना पूरा करूंगा - बिराहीनपुर

गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए कानपुर के लाल का शव रविवार को उनके गांव पहुंचा. शहीद के पार्थिव शरीर को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी.

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पंचतत्व में विलीन हुए शहीद धर्मेंद्र
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Published : Jan 19, 2020, 5:03 PM IST

कानपुर: गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए जवान धर्मेंद्र का शव रविवार को जिले के घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा. उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बेटे ने दी. इस दौरान बेटे ने कहा कि वह अफसर बनकर शहीद पिता का सपना पूरा करेंगे.

गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए कानपुर के लाल का शव आज घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा, जहां पूरा गांव और परिजनों ने अपने लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई दी. सेना के अफसरों, नेताओं, गणमान्य लोगों ने शहीद के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित किए.

बेटे ने कहा अफसर बनकर पिता सपना पूरा करूंगा.

गांव में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. हर कोई शहीद धर्मेंद्र को आखिरी बार निहारने के लिए वहां मौजूद था. शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामीणों में कोहराम मच गया. सभी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.

शहीद के बड़े बेटे ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए शहीद के बेटे ने कहा कि उसकी आखिरी बार 13 तारीख को अपने पिता से बात हुई थी.

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शहीद धर्मेंद्र.
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श्रद्धांजलि देते सेना के जवान.

उन्होंने उसको मन लगाकर पढ़ने और सबका ख्याल रखने की सलाह दी थी. यह भी कहा था कि सेना में जाकर तुम्हें भी देश की सेवा करनी है. बेटे ने कहा कि वह भविष्य में अपनी पिता की तरह सेना में जाकर देश की सेवा करेंगे और सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेंगे.

ये भी पढ़ें- कानपुर: शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

कानपुर: गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए जवान धर्मेंद्र का शव रविवार को जिले के घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा. उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बेटे ने दी. इस दौरान बेटे ने कहा कि वह अफसर बनकर शहीद पिता का सपना पूरा करेंगे.

गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए कानपुर के लाल का शव आज घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा, जहां पूरा गांव और परिजनों ने अपने लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई दी. सेना के अफसरों, नेताओं, गणमान्य लोगों ने शहीद के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित किए.

बेटे ने कहा अफसर बनकर पिता सपना पूरा करूंगा.

गांव में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. हर कोई शहीद धर्मेंद्र को आखिरी बार निहारने के लिए वहां मौजूद था. शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामीणों में कोहराम मच गया. सभी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.

शहीद के बड़े बेटे ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए शहीद के बेटे ने कहा कि उसकी आखिरी बार 13 तारीख को अपने पिता से बात हुई थी.

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शहीद धर्मेंद्र.
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श्रद्धांजलि देते सेना के जवान.

उन्होंने उसको मन लगाकर पढ़ने और सबका ख्याल रखने की सलाह दी थी. यह भी कहा था कि सेना में जाकर तुम्हें भी देश की सेवा करनी है. बेटे ने कहा कि वह भविष्य में अपनी पिता की तरह सेना में जाकर देश की सेवा करेंगे और सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेंगे.

ये भी पढ़ें- कानपुर: शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

Intro:कानपुर :- पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद धर्मेंद्र का शव , मुखाग्नि देकर बोला बेटा ,सेना में अफसर बन पूरा करेगा शहीद पिता का सपना ।

गुरुवार को कारगिल में हिमस्खलन में शहीद हुए कानपुर के लाल का शो आज घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव पहुंचा जहां पूरा गांव और परिजनों ने उसे अंतिम विदाई दी सभी परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम थी सभी ने अपने लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई दी सेना के अफसरों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने और गणमान्य लोगों ने शहीद के शव पर श्रद्धांजलि सुमन अर्पित किए


Body:घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव में आज सुबह से ही लोगों का ताता लगा रहा हर कोई धर्मेंद्र को आखिरी बार निहारने के लिए सुबह से ही वहां मौजूद था धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामीणों में कोहराम मच गया सभी का रो रो कर बुरा हाल हो गया सभी ने अपने लाल को नम आंखों से विदाई दी सेना के द्वारा राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई शहीद के बड़े बेटे ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी मुखाग्नि देने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए शहीद के बेटे ने कहा कि उसकी आखिरी बार 13 तारीख को अपने पिता से बात हुई थी उन्होंने उसको मन लगाकर पढ़ने और सबका ख्याल रखने की सलाह दी थी और यह भी कहा था कि सेना में जाकर तुम्हें भी देश की सेवा करनी है उसने कहा कि वह भविष्य में अपनी पिता की तरीके सेना में जाकर दे दी सेवा करेगा और सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेगा ।

बाइट :- उत्कर्ष सिंह , पुत्र , शहीद ।

अखंड प्रताप सिंह
कानपुर ।


Conclusion:
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