ETV Bharat / state

जब पीएम मोदी ने कहा- ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको इन्होंने ठगा नहीं, पढ़िए ठग्गू के लड्डू की कहानी - pm modi kanpur visit

कानपुर में ऐसा कोई बचा नहीं, जिसको इसने ठगा नहीं. हम बात कर रहे हैं कानपुर के मशहूर ठग्गू के लड्डू की, जिसका जिक्र आज पीएम मोदी ने कानपुर में अपने भाषण में भी किया. जिसको भी इन लड्डुओं का स्वाद लग जाता है वह यहीं का होकर रह जाता है, इसीलिए तो जब इनकी बदनाम कुल्फी का बात होती है तो पहले ही टैगलाइन दे दी गई है कि भईया 'मेहमान को चखाना नहीं टिक जाएगा'. जानिए क्या है इन लड्डुओं की खासियत और इसका नाम ठग्गू कैसे पड़ा...

ठग्गू के लड्डू
ठग्गू के लड्डू
author img

By

Published : Dec 28, 2021, 5:47 PM IST

कानपुर: मेहमानों का मुंह मीठा कराना हो या भगवान को प्रसाद चढ़ाना दोनों ही चीजों में लड्डू की कोई तुलना नहीं है. शादी-ब्याह हो या फिर कोई अन्य उत्सव बिना लड्डू के अधूरा सा लगता है. बात अगर कानपुर की हो तो ठग्गू के लड्डू और बदनाम कुल्फी का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है. और तो और मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तो उन्होंने अपने भाषण में ठग्गू के लड्डू का जिक्र किया. उन्होंने कहा उसकी दुकान पर लिखा रहता है 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं'. पीएम ने कहा कानपुर के लोगों का मिजाज, उनकी हाजिर जवाबी, उनके अंदाज की तुलना ही नहीं की जा सकती.

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस दुकान का नाम ठग्गू के लड्डू कैसे पड़ा दुकान कितनी पुरानी है और इसके पीछे की कहानी क्या है...

ऐसे पड़ा दुकान का नाम

कानपुर को स्वाद की सौगात दी थी रामऔतार पांडेय ने. रामावतार पाण्डेय गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले शख्स थे. गांधी जी कहते थे शक्कर मीठा जहर है और लड्डू व कुल्फी में शक्कर का भरपूर उपयोग होता है. उन्होंने धंधे में इसे बेईमानी माना और अपने आप को 'ठग्गू' कहना शुरू कर दिया. तभी से दुकान का नाम ठग्गू के लड्डू पड़ा. हालांकि अब दुकान के मालिक रामऔतार पांडेय और उनके छोटे बेटे भी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह शहर को एक ऐसी मिठास देकर गए हैं, जिसकी शान में कसीदे पढ़े जाते हैं.

कानपुर में पीएम मोदी की जनसभा.

50 साल से ज्यादा पुरानी है दुकान

यह दुकान रामऔतार पांडेय ने करीब 50 साल पहले खोली थी. उन्होंने ही इस दुकान का नामकरण किया था. इस दुकान में मिलने वाले लड्डू पूरी तरह से देशी घी के बने होते हैं. इसमें देशी आइटम जैसे- सूजी, खोया, गोंद, चीनी, काजू , इलायची बादाम, पिस्ता से तैयार किया जाता है. ये दुकान इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर लड्डू बनाकर स्टोर नहीं किए जाते हैं. जितने भी लड्डू बनते हैं वह रोज के रोज बिक जाते हैं. लड्डू के अलावा यहां की खासियत है बदनाम कुल्फी. अब कुल्फी बदनाम क्यों है ये तो खाकर ही पता चलेगा.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज के लोगों को खूब भा रहे बहू रानी के लड्डू

बदनाम है ये कुल्फी

इस दुकान के बाहर मिलती है बदनाम कुल्फी. जिसना इसका नाम अजीब है उतनी ही इसकी टैगलाइन. टैगलाइन है- मेहमान को चखाना नहीं टिक जाएगा, चखते ही जेब और जुबां की गर्मी हो जाएगी गायब. दरअसल, केसर और पिस्ता से बनी ये कुल्फी जमाई नहीं जाती है, बल्कि नमक और बर्फ के बीच हैंडजर्न की जाती है. इससे कुल्फी का टेस्ट और टेक्चर फ्रोजन कुल्फी जैसा होता. ये शुद्ध दूध से बनाई जाती है. नाम भले ही इसका बदनाम कुल्फी हो लेकिन लोगों की जुबां पर जो स्वाद घोलती है न कि बस मजा ही आ जाए.

बंटी और बबली की हुई से लाइमलाइट में आया

कानपुर शहर उस वक्त सबसे ज्यादा लाइमलाइट में आया, जब साल 2005 में यहां बंटी और बबली फिल्म की शूटिंग हुई. इस फिल्म में शहर के मशहूर ठग्गू के लड्डू को दिखाया गया था. बंटी-बबली यानि अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी ने भी यहां के लड्डू का स्वाद चखा था. इसके बाद गाना 'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं' की शूटिंग हुई थी.

इसे भी पढ़ें- घर पर बनाएं मनपसंद लड्डू, सीखें रेसिपी...

इन लोगों ने भी चखा है लड्डू का स्वाद

खोये, रवा और ड्राई फ्रूट्स से बनने वाले इन लड्डुओं का स्वाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ तक ले चुके हैं. मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन की शादी में भी मेहमानों ने इन लड्डुओं का स्वाद चखा था.

कानपुर: मेहमानों का मुंह मीठा कराना हो या भगवान को प्रसाद चढ़ाना दोनों ही चीजों में लड्डू की कोई तुलना नहीं है. शादी-ब्याह हो या फिर कोई अन्य उत्सव बिना लड्डू के अधूरा सा लगता है. बात अगर कानपुर की हो तो ठग्गू के लड्डू और बदनाम कुल्फी का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है. और तो और मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तो उन्होंने अपने भाषण में ठग्गू के लड्डू का जिक्र किया. उन्होंने कहा उसकी दुकान पर लिखा रहता है 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं'. पीएम ने कहा कानपुर के लोगों का मिजाज, उनकी हाजिर जवाबी, उनके अंदाज की तुलना ही नहीं की जा सकती.

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस दुकान का नाम ठग्गू के लड्डू कैसे पड़ा दुकान कितनी पुरानी है और इसके पीछे की कहानी क्या है...

ऐसे पड़ा दुकान का नाम

कानपुर को स्वाद की सौगात दी थी रामऔतार पांडेय ने. रामावतार पाण्डेय गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले शख्स थे. गांधी जी कहते थे शक्कर मीठा जहर है और लड्डू व कुल्फी में शक्कर का भरपूर उपयोग होता है. उन्होंने धंधे में इसे बेईमानी माना और अपने आप को 'ठग्गू' कहना शुरू कर दिया. तभी से दुकान का नाम ठग्गू के लड्डू पड़ा. हालांकि अब दुकान के मालिक रामऔतार पांडेय और उनके छोटे बेटे भी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह शहर को एक ऐसी मिठास देकर गए हैं, जिसकी शान में कसीदे पढ़े जाते हैं.

कानपुर में पीएम मोदी की जनसभा.

50 साल से ज्यादा पुरानी है दुकान

यह दुकान रामऔतार पांडेय ने करीब 50 साल पहले खोली थी. उन्होंने ही इस दुकान का नामकरण किया था. इस दुकान में मिलने वाले लड्डू पूरी तरह से देशी घी के बने होते हैं. इसमें देशी आइटम जैसे- सूजी, खोया, गोंद, चीनी, काजू , इलायची बादाम, पिस्ता से तैयार किया जाता है. ये दुकान इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर लड्डू बनाकर स्टोर नहीं किए जाते हैं. जितने भी लड्डू बनते हैं वह रोज के रोज बिक जाते हैं. लड्डू के अलावा यहां की खासियत है बदनाम कुल्फी. अब कुल्फी बदनाम क्यों है ये तो खाकर ही पता चलेगा.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज के लोगों को खूब भा रहे बहू रानी के लड्डू

बदनाम है ये कुल्फी

इस दुकान के बाहर मिलती है बदनाम कुल्फी. जिसना इसका नाम अजीब है उतनी ही इसकी टैगलाइन. टैगलाइन है- मेहमान को चखाना नहीं टिक जाएगा, चखते ही जेब और जुबां की गर्मी हो जाएगी गायब. दरअसल, केसर और पिस्ता से बनी ये कुल्फी जमाई नहीं जाती है, बल्कि नमक और बर्फ के बीच हैंडजर्न की जाती है. इससे कुल्फी का टेस्ट और टेक्चर फ्रोजन कुल्फी जैसा होता. ये शुद्ध दूध से बनाई जाती है. नाम भले ही इसका बदनाम कुल्फी हो लेकिन लोगों की जुबां पर जो स्वाद घोलती है न कि बस मजा ही आ जाए.

बंटी और बबली की हुई से लाइमलाइट में आया

कानपुर शहर उस वक्त सबसे ज्यादा लाइमलाइट में आया, जब साल 2005 में यहां बंटी और बबली फिल्म की शूटिंग हुई. इस फिल्म में शहर के मशहूर ठग्गू के लड्डू को दिखाया गया था. बंटी-बबली यानि अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी ने भी यहां के लड्डू का स्वाद चखा था. इसके बाद गाना 'ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं' की शूटिंग हुई थी.

इसे भी पढ़ें- घर पर बनाएं मनपसंद लड्डू, सीखें रेसिपी...

इन लोगों ने भी चखा है लड्डू का स्वाद

खोये, रवा और ड्राई फ्रूट्स से बनने वाले इन लड्डुओं का स्वाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ तक ले चुके हैं. मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन की शादी में भी मेहमानों ने इन लड्डुओं का स्वाद चखा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.