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जापान के विशेषज्ञ CSA में तैयार करेंगे मॉडल खेत, सब्जियां और फसलें भी उगाएंगे - Model Farming in Kanpur CSA

कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में जापान के विशेषज्ञ मॉडल खेत तैयार करेंगे. जिसमें सब्जियां व फसलें भी उगाएंगे. जिसका जल्दी ही सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार होगा.

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Published : Aug 17, 2023, 4:54 PM IST

कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) से जुड़े छात्रों, कर्मियों, शिक्षकों व किसानों के लिए जापान से एक अच्छी खबर सामने आई है. बहुत जल्द जापान के विशेषज्ञ सीएसए में आकर खेती के नवीन तरीकों से सभी को अवगत कराएंगे. साथ में वह सीएसए के सब्जी अनुभाग में एक हेक्टेयर खेत को एक मॉडल खेत के रूप में विकसित करेंगे. इस पूरी कवायद के लिए सीएसए के कुलपति डा.आनंद कुमार सिंह ने जहां खाका खींचा है. वहीं, जापान के विशेषज्ञों का एक दल कुछ दिनों पहले ही सीएसए आकर इस संबंध में वार्ता कर चुका है. अब जापान के सदस्यों को अपने कृषि मंत्रालय में सारी जानकारी देनी है. इसके बाद उप्र सरकार के आला अफसर व सीएसए के कुलपति समेत अन्य प्रोफेसरों की मौजूदगी में यह करार होगा. जिसका लाभ कानपुर व आसपास अन्य कई जिलों के लाखों किसानों को मिलेगा.

मॉडल खेत के लिए सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच होगा करार
मॉडल खेत के लिए सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच होगा करार
सीएम के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में मिलेगी मदद: सीएसए व जापान के बीच होने वाले इस साझा कार्यक्रम को लेकर जहां राजभवन के अफसर बेहद खुश हैं. वहीं, सीएसए के विशेषज्ञों का कहना है कि जब जापान के विशेषज्ञ यहां बेहतर कृषि तकनीकों की जानकारी किसानों को देंगे तो निश्चित तौर पर फसलों की पैदावार बढ़ेगी. इससे प्रदेश का आर्थिक विकास होगा और जो सीएम योगी ने उप्र के लिए वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य तय किया है. उसमें यह कार्यक्रम मददगार साबित होगा. जापान के जो विशेषज्ञ सीएसए आए थे, उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी तकनीकों की जानकारी भी दी थी.
सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार होगा.
सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार होगा.
छात्रों के लिए प्रायोगिक जानकारी लेने का सुनहरा मौका होगा: सीएसए के कुलपति डॉ.आनंद कुमार सिंह ने बताया कि उप्र सरकार चाहती है कि जो छात्र कृषि से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक जानकारी मिले. ऐसे में जब जापान के विशेषज्ञ यहां रहकर खेतों में काम करेंगे, तो निश्चित तौर पर विवि के छात्र प्रायोगिक जानकारी के तौर पर उनके साथ हाथ बंटाएंगे. उन्होंने कहा, हमारी योजना है कि जापान की तकनीक छात्रों तक पहुंचे. जिससे भविष्य में छात्र खेती के क्षेत्र में नवाचार कर सकें और रोजगार हासिल कर सकें. जो मॉडल खेत तैयार होगा वह सूबे में सभी शहरों के लिए एक नजीर बनेगी. इसके बाद सरकार को यह प्रस्ताव देंगे कि इस तरह के मॉडल खेत अन्य जिलों में भी तैयार कराए जाएं.
मॉडल खेत तैयार करेंगे. जिसमें सब्जियां व फसलें भी उगाएंगे.
मॉडल खेत तैयार करेंगे. जिसमें सब्जियां व फसलें भी उगाएंगे.
इन दिशाओं में भी होगी कवायद: फसलों के उत्पादन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेंसर बेस्ड तकनीकों का उपयोग करना. प्राकृतिक संसाधनों से खाद्यान्न फसलों को तैयार करना, जिससे फसल सुरक्षित रह सके. फसलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, जिससे उनका अधिक से अधिक निर्यात कर सकें. आधुनिक तकनीकों वाले कृषि यंत्रों को तैयार करना. कीटों व अन्य मृदा रोगों से फसलों की रक्षा करना. मौसम के मुताबिक फसलों की नई प्रजातियों को विकसित करना. किसानों तक अधिक से अधिक नवीन जानकारियों को पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम. उपकरणों की मदद से कम समय में खेती के कार्य को सहज और सुलभ बनाना.
मॉडल खेत के लिए विवि प्रशसान की तैयारियां पूरी
मॉडल खेत के लिए विवि प्रशसान की तैयारियां पूरी

यह भी पढ़ें: CSA University: सीएसए में पंचगव्य और जीवामृत से स्ट्राबेरी की नई प्रजाति तैयार, जल्द ही पूरे प्रदेश में मिलेगी

यह भी पढ़ें: कानपुर में शुरू हुआ ईट राइट मिलेट्स मेला, कारोबारियों को मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय बाजार

कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) से जुड़े छात्रों, कर्मियों, शिक्षकों व किसानों के लिए जापान से एक अच्छी खबर सामने आई है. बहुत जल्द जापान के विशेषज्ञ सीएसए में आकर खेती के नवीन तरीकों से सभी को अवगत कराएंगे. साथ में वह सीएसए के सब्जी अनुभाग में एक हेक्टेयर खेत को एक मॉडल खेत के रूप में विकसित करेंगे. इस पूरी कवायद के लिए सीएसए के कुलपति डा.आनंद कुमार सिंह ने जहां खाका खींचा है. वहीं, जापान के विशेषज्ञों का एक दल कुछ दिनों पहले ही सीएसए आकर इस संबंध में वार्ता कर चुका है. अब जापान के सदस्यों को अपने कृषि मंत्रालय में सारी जानकारी देनी है. इसके बाद उप्र सरकार के आला अफसर व सीएसए के कुलपति समेत अन्य प्रोफेसरों की मौजूदगी में यह करार होगा. जिसका लाभ कानपुर व आसपास अन्य कई जिलों के लाखों किसानों को मिलेगा.

मॉडल खेत के लिए सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच होगा करार
मॉडल खेत के लिए सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच होगा करार
सीएम के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में मिलेगी मदद: सीएसए व जापान के बीच होने वाले इस साझा कार्यक्रम को लेकर जहां राजभवन के अफसर बेहद खुश हैं. वहीं, सीएसए के विशेषज्ञों का कहना है कि जब जापान के विशेषज्ञ यहां बेहतर कृषि तकनीकों की जानकारी किसानों को देंगे तो निश्चित तौर पर फसलों की पैदावार बढ़ेगी. इससे प्रदेश का आर्थिक विकास होगा और जो सीएम योगी ने उप्र के लिए वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य तय किया है. उसमें यह कार्यक्रम मददगार साबित होगा. जापान के जो विशेषज्ञ सीएसए आए थे, उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी तकनीकों की जानकारी भी दी थी.
सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार होगा.
सीएसए व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार होगा.
छात्रों के लिए प्रायोगिक जानकारी लेने का सुनहरा मौका होगा: सीएसए के कुलपति डॉ.आनंद कुमार सिंह ने बताया कि उप्र सरकार चाहती है कि जो छात्र कृषि से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक जानकारी मिले. ऐसे में जब जापान के विशेषज्ञ यहां रहकर खेतों में काम करेंगे, तो निश्चित तौर पर विवि के छात्र प्रायोगिक जानकारी के तौर पर उनके साथ हाथ बंटाएंगे. उन्होंने कहा, हमारी योजना है कि जापान की तकनीक छात्रों तक पहुंचे. जिससे भविष्य में छात्र खेती के क्षेत्र में नवाचार कर सकें और रोजगार हासिल कर सकें. जो मॉडल खेत तैयार होगा वह सूबे में सभी शहरों के लिए एक नजीर बनेगी. इसके बाद सरकार को यह प्रस्ताव देंगे कि इस तरह के मॉडल खेत अन्य जिलों में भी तैयार कराए जाएं.
मॉडल खेत तैयार करेंगे. जिसमें सब्जियां व फसलें भी उगाएंगे.
मॉडल खेत तैयार करेंगे. जिसमें सब्जियां व फसलें भी उगाएंगे.
इन दिशाओं में भी होगी कवायद: फसलों के उत्पादन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेंसर बेस्ड तकनीकों का उपयोग करना. प्राकृतिक संसाधनों से खाद्यान्न फसलों को तैयार करना, जिससे फसल सुरक्षित रह सके. फसलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, जिससे उनका अधिक से अधिक निर्यात कर सकें. आधुनिक तकनीकों वाले कृषि यंत्रों को तैयार करना. कीटों व अन्य मृदा रोगों से फसलों की रक्षा करना. मौसम के मुताबिक फसलों की नई प्रजातियों को विकसित करना. किसानों तक अधिक से अधिक नवीन जानकारियों को पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम. उपकरणों की मदद से कम समय में खेती के कार्य को सहज और सुलभ बनाना.
मॉडल खेत के लिए विवि प्रशसान की तैयारियां पूरी
मॉडल खेत के लिए विवि प्रशसान की तैयारियां पूरी

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