कानपुर: जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मकड़ीखेड़ा में रहने वाले बुजुर्ग दंपति की जहर खाने से मौत हो गई. दोनों अपने कमरे में अचेत अवस्था में पड़े हुए थे. परिजन दोनों को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. छोटे बेटे ने अवसाद के चलते जहर खाने की बात बताई है. पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मकड़ीखेड़ा के बालाजी पुरम में रहने वाले प्रेमचंद तोमर (72) निजी फर्म में अकाउंटेंट की नौकरी करते थे. प्रेमचंद के दो बेटे विकास और शिवम है. बड़ा बेटा विकास कानपुर देहात के रानियां की एक निजी फर्म में काम करता है. वह अकबरपुर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है जबकि छोटा बेटा शिवम कानपुर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पिता प्रेमचंद के साथ रहकर वकालत कर रहा है. शिवम की पत्नी सास-ससुर को चाय देने के लिए उनके कमरे में गई तो देखा कि प्रेमचंद और उनकी पत्नी माया देवी (70) अचेत अवस्था में पड़े हैं.
इसे भी पढ़ें: महिला के साथ दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन का बनाया दबाव
परिजन दोनों को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. माता-पिता के जहर खाने की सूचना शिवम ने पुलिस को दी. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
'स्लीप डिस्क के कारण डिप्रेशन में थे'
कल्याणपुर थानाध्यक्ष वीर सिंह ने बताया कि पुलिस की पूछताछ के दौरान शिवम ने बताया कि पिता को आठ वर्ष पहले पीठ पर मेज का कोना लगने से स्लीप डिस्क की समस्या हो गई थी. काफी इलाज के बाद भी ठीक न हो पाने के कारण पिता प्रेमचंद डिप्रेशन में थे. पिछले दस दिनों से असहनीय दर्द भी हो रहा था और दवा का भी कोई असर नहीं हो रहा था. पिछले कुछ दिनों से वे सिर्फ एक ही बात कहते थे कि अब जी नहीं सकते. शिवम ने बताया कि बीमारी के कारण अवसाद में आकर पिता के जहर खाने के बाद मां ने भी जहरीला पदार्थ खा लिया होगा.
जांच में जुटी पुलिस
थानाध्यक्ष वीर सिंह ने बताया कि घटना स्थल पर कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस सुसाइड और हत्या दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है.