कानपुर : नगरवासिओ के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग पास किए बिना किसी भी तरह का स्थाई प्रमाण पत्र लाइसेंस के लिए मान्य नहीं होगा. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्टिंग ड्राइविंग ट्रैक से गुजरना होगा. बता दें, कि वर्ष 2020 में कानपुर के भौंती में अत्याधुनिक ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाया गया था. जिसके बाद से स्थाई लाइसेंस के लिए बनवाने वालों को इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक से गुजरना होता है. इस ट्रैक पर उतरते ही स्थाई लाइसेंस बनवाने वालों के पसीने छूट जाते हैं.
ऐसी स्थिति में तमाम आवेदक यहां की परीक्षा में फेल हो चुके हैं. हालांकि इस ट्रैक की कठिन संरचना को देखकर संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने इसमे कुछ बदलाव करने के लिए बैठक की थी. इस बैठक में तय किया गया था, कि जो आवेदक ट्रैक में कठिनाई महसूस कर रहे हैं. वह यहां के अधिकारियों की सहमति लेकर पूर्वाभ्यास कर सकते हैं. पूर्वाभ्यास के बाद आवेदक ड्राइविंग की परीक्षा दे सकते हैं.
संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस पूर्वाभ्यास की प्रक्रिया शुरू होने से लाइसेंस के लिए टेस्ट देने वालों को काफी राहत मिली है. इस प्रक्रिया के शुरू होने से ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या में कमी आई है. हालांकि ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट पास करने वालों की संख्या शत-प्रतिशत नहीं हो पाई. जिसके कारण ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों की टेस्ट में फेल होने से फीस डूब जाती थी. संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश सिंह बताया कि संभागीय परिवहन कार्यालय में यह अफवाह फैली हुई थी, कि जो अभ्यार्थी ऑटोमेटिक ट्रैक में उतरने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं.
वह विकास नगर के रोडवेज ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लेकर उसका प्रमाण पत्र देकर आरटीओ कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वालों को परिवहन कार्यालय के ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक में उतरने की आवश्यकता नहीं है. ये सभी बातें अफवाह हैं, सभी अस्थाई व स्थाई लाइसेंस बनवाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई जा रही थी. वह पहले की तरह ही है, किसी भी व्यक्ति को लाइसेंस बननाने के लिए पूर्व में लागू की गई प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसके लिए कोई नया या अलग से नियम लागू नहीं हुआ है.
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