कानपुर: महानगर में कोरोना की रफ्तार तो धीमी हुई है, लेकिन डेंगू का डंक लगाकर लोगों को सता रहा है. कानपुर शहर में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज माइक्रोबायोलॉजी लैब में बुखार की जांच के लिए आ रहे सैंपल में 30 से 40 फीसदी टेस्ट डेंगू पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. 15 दिन में इधर डेंगू की वजह से कई मौतें हो चुकी हैं. कई बार लोग वायरल फीवर जानकर इलाज में लापरवाही कर देते हैं. इस बुखार में तेजी से प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं, जो जानलेवा हो सकते हैं.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम ने बताया कि यह डेंगू का सीजन है. इसमें डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं, जिस वजह से अब कोरोना के मामले तो कम हो रहे हैं, लेकिन डेंगू बढ़ रहा है. इधर प्रतिदिन 50 से 60 लोगों के टेस्ट हो रहे हैं, जिसमें 30 से 40 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए जा रहे हैं.
पहले एंटीजन फिर करवाते हैं एंटीबॉडी टेस्ट
डॉ. एसके गौतम ने बताया कि जब कोई इस दौरान बुखार की समस्या लेकर आता है, तो पहले उसका एंटीजन फिर यदि बुखार एक हफ्ते तक नहीं जाता है तो एंटीबॉडी टेस्ट करवाया जाता है. ताकि डेंगू की पुष्टि हो सके. इसी के साथ डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को भर्ती करके उपचार किया जाता है.
प्लेटलेट्स की नियमित जांच करवाएं
डॉ. एसके गौतम ने बताया कि जब डेंगू का बुखार आता है तो पूरा परिवार परेशान होता है, लेकिन जब कुछ दिन बाद बुखार उतरता है तो मरीज को शरीर में दर्द की शिकायत होती है और उसका प्लेटलेट्स कम होना शुरु हो जाता है. इसलिए बुखार उतरने के बाद नियमित प्लेटलेट्स की जांच करवाते रहे. क्योंकि कई बार मरीज बुखार उतरने के बाद बेफिक्र हो जाते हैं, जो कई बार भारी पड़ जाता है.
कोरोना और डेंगू दोनों में आता है बुखार
डॉ. एसके गौतम के मुताबिक कोरोना और डेंगू दोनों में व्यक्ति को पहले बुखार आता है, लेकिन जहां कोरोना में सिर्फ बुखार और जुकाम होता है. वहीं डेंगू में बुखार के साथ शरीर में तेज दर्द होता है. यदि मरीज से पूछा जाए तो वे बुखार से ज्यादा शरीर दर्द से परेशान होते हैं. इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है.
अब कोरोना का कहर हो रहा कम
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम ने बताया कि 16 सिंतबर से लगातार कोरोना के केस शहर में कम हो रहे हैं. अब केस की संख्या तो कम हो रही है, वहीं एडमिट मरीज भी अब कम है.
ये हैं लक्षण
- डेंगू- तेज बुखार, शरीर में चकते पड़ना, उलझन होना, पेशाब न उतरना
- टाइफाइड- पेट दर्द के साथ बुखार, शरीर दर्द होना
- मलेरिया- तेज बुखार के साथ ठंड लगना, मुँह का स्वाद चला जाना
ऐसे कर सकते हैं बचाव
- दिन में फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर निकले.
- साफ पानी को भी ढक कर ही घर पर रखे.
- रात में मछरदानी का उपयोग करें.
- घर के आसपास सफाई रखें, कहीं पर पानी न एकत्र होने दें.
- कमरों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते रहे.