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HMPV को लेकर आगरा में रैपिड रिस्पांस टीम अलर्ट; कंट्रोल रूम का नंबर जारी, ऐसे करें बचाव - ALERT IN AGRA REGARDING HMPV

HMPV को लेकर केंद्रीय मंत्रालय ने एक जारी किया अलर्ट, एसएन मेडिकल कॉलेज में HMPV के मरीजों के लिए बनाया जाएगा आइसोलेशन वॉर्ड.

एचएमपीवी वायरस
एचएमपीवी वायरस (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 19 hours ago

आगरा: चीन से कोरोना के बाद अब नई बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का डर दुनिया को सता रहा है. एचएमपीवी की बात करें तो चीन में तेजी से फैल रहा है. भारत में अब-तक आठ केस मिले हैं. जिससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट हो गया है. इस बारे में केंद्रीय मंत्रालय ने एक अलर्ट जारी किया है. जिसमें लिखा है कि घबनाएं नहीं, एचएमपीवी में सर्दी जुकाम के साथ ही निमोनिया और खांसी की समस्या हो रही है.

आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एचएमपीवी के कुछ केस देश भर में मिले हैं. जिनमें तीन बच्चे हैं. इससे घबराने नहीं. इसकी जांच की एसएन मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलाजी लैब में पूरी व्यवस्था की गई है. इलाज की व्यवस्था भी एसएन में की गई है. मरीज आने पर आइसोलेशन वॉर्ड बनाया जाएगा. किसी भी तरह की जानकारी और समस्या के लिए कंट्रोल रूम के नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

डरे नहीं, घातक नहीं है एचएमपीवी: इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मृदुल चतुर्वेदी बताते हैं कि अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, एचएमपीवी घातक नहीं है. बुजुर्ग और कैंसर, मधुमेह सहित गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों में ही संक्रमण का खतरा है. इसकी कोई दवा भी नहीं है. अभी तक लक्षण के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है. एसएन के रेस्पिरेटरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि एचएमपीवी के अभी तक जितने भी केस मिले हैं. उनमें कोविड जैसी घातकता नहीं है. जिसमें स्वस्थ व्यक्ति के भी संक्रमित होने पर जान को खतरा था. जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं. उनमें खतरा ज्यादा है.

23 साल पहले फैला था एचएमपीवी का संक्रमण: एसएन के माइक्रोबॉयोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि एचएमपीवी का संक्रमण नया नहीं है. संक्रमण 2001 में फैल चुका है. इसकी जांच भी कोविड की तरह से मुंह और नाक का स्राव लेकर आरटीपीसीआर से की जाती है. वायरोलाजी लैब में जांच की सुविधा है. खांसने और छींकने पर निकलने वाली सूक्ष्म बूंद और मरीज के संपर्क में आने पर संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.

बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर: डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम को भी अलर्ट कर किया जाए. देश भर में तेजी से केस बढ़ने पर बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाएगी. जिले में सांस संबंधी बीमारी होने पर उनकी जांच और इलाज कराया जाएगा. तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी होने पर डाक्टर को दिखाने के बाद ही दवा लें. इसके लिए सीएमओ कार्यालय का कंट्रोल रूम का नंबर 87913 93336 0562-2600412 पर कॉल कर सकते हैं.

ये हैं लक्षण

  • जुकाम और नाक बहना. तेज बुखार आना.
  • सांस लेने में परेशानी.खांसी बंद ना होना.
  • फेफड़ों में संक्रमण.
  • निमोनिया होना.

संक्रमण से बचाव के लिए ये करें

  • बाहर से आने पर हाथों को साबुन से धोएं.
  • बार−बार हाथ से नाक और मुंह ना छूएंखांसने और छींक आने पर रुमाल रख लें.
  • मास्क भी लगा सकते हैं.

आगरा: चीन से कोरोना के बाद अब नई बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का डर दुनिया को सता रहा है. एचएमपीवी की बात करें तो चीन में तेजी से फैल रहा है. भारत में अब-तक आठ केस मिले हैं. जिससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट हो गया है. इस बारे में केंद्रीय मंत्रालय ने एक अलर्ट जारी किया है. जिसमें लिखा है कि घबनाएं नहीं, एचएमपीवी में सर्दी जुकाम के साथ ही निमोनिया और खांसी की समस्या हो रही है.

आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एचएमपीवी के कुछ केस देश भर में मिले हैं. जिनमें तीन बच्चे हैं. इससे घबराने नहीं. इसकी जांच की एसएन मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलाजी लैब में पूरी व्यवस्था की गई है. इलाज की व्यवस्था भी एसएन में की गई है. मरीज आने पर आइसोलेशन वॉर्ड बनाया जाएगा. किसी भी तरह की जानकारी और समस्या के लिए कंट्रोल रूम के नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

डरे नहीं, घातक नहीं है एचएमपीवी: इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मृदुल चतुर्वेदी बताते हैं कि अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, एचएमपीवी घातक नहीं है. बुजुर्ग और कैंसर, मधुमेह सहित गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों में ही संक्रमण का खतरा है. इसकी कोई दवा भी नहीं है. अभी तक लक्षण के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है. एसएन के रेस्पिरेटरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि एचएमपीवी के अभी तक जितने भी केस मिले हैं. उनमें कोविड जैसी घातकता नहीं है. जिसमें स्वस्थ व्यक्ति के भी संक्रमित होने पर जान को खतरा था. जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं. उनमें खतरा ज्यादा है.

23 साल पहले फैला था एचएमपीवी का संक्रमण: एसएन के माइक्रोबॉयोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि एचएमपीवी का संक्रमण नया नहीं है. संक्रमण 2001 में फैल चुका है. इसकी जांच भी कोविड की तरह से मुंह और नाक का स्राव लेकर आरटीपीसीआर से की जाती है. वायरोलाजी लैब में जांच की सुविधा है. खांसने और छींकने पर निकलने वाली सूक्ष्म बूंद और मरीज के संपर्क में आने पर संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.

बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर: डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम को भी अलर्ट कर किया जाए. देश भर में तेजी से केस बढ़ने पर बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाएगी. जिले में सांस संबंधी बीमारी होने पर उनकी जांच और इलाज कराया जाएगा. तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी होने पर डाक्टर को दिखाने के बाद ही दवा लें. इसके लिए सीएमओ कार्यालय का कंट्रोल रूम का नंबर 87913 93336 0562-2600412 पर कॉल कर सकते हैं.

ये हैं लक्षण

  • जुकाम और नाक बहना. तेज बुखार आना.
  • सांस लेने में परेशानी.खांसी बंद ना होना.
  • फेफड़ों में संक्रमण.
  • निमोनिया होना.

संक्रमण से बचाव के लिए ये करें

  • बाहर से आने पर हाथों को साबुन से धोएं.
  • बार−बार हाथ से नाक और मुंह ना छूएंखांसने और छींक आने पर रुमाल रख लें.
  • मास्क भी लगा सकते हैं.
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