ETV Bharat / state

अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट में शामिल दिल्ली PSRI अस्पताल के सीईओ गिरफ्तार - उत्तर प्रदेश समाचार

अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट में संलिप्त दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं इस मामले में 10 लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

राजेश यादव, पुलिस अधीक्षक.
author img

By

Published : Jun 9, 2019, 4:53 PM IST

कानपुर: दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को किडनी रैकेट में सहभागी होने पर गिरफ्तार कर लिया गया है. स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को उनके खिलाफ मानव अंगों के अवैध कारोबार को संरक्षण देने के पुख्ता सबूत मिले हैं.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक राजेश यादव.
जानें क्या है पूरा मामला
  • पुलिस ने 17 फरवरी को मानव अंगों के अवैध कारोबार करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया था.
  • पुलिस को रैकेट का पता एक महिला संगीता और उसके पति आशीष तिवारी के जरिए लगा था.
  • जिसे नौकरी के बहाने दिल्ली ले जाया गया था और उसकी किडनी निकालने की कोशिश की गई थी.
  • तब महिला की शिकायत पर छह लोग गिरफ्तार किए गए थे.
  • इसके बाद चार अन्य लोग को भी गिरफ्तार किया गया है.
  • एक अन्य फोर्टिस अस्पताल भी पुलिस के रडार पर है.
  • वहीं इस अस्पताल की कोऑर्डिनेटर सोनिका फरार हैं, जिसे पुलिस ने नामजद मुजरिम बनाया है.
  • सोनिका के अलावा दस और भी नामजद मुजरिम फरार हैं.
  • इसमें दिल्ली के डॉ. केतन कौशिक का नाम भी है.
  • पूछताछ के दौरान शुक्ला ने मानव अंगों की खरीद-बिक्री की बात कबूली है.

कानपुर: दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को किडनी रैकेट में सहभागी होने पर गिरफ्तार कर लिया गया है. स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को उनके खिलाफ मानव अंगों के अवैध कारोबार को संरक्षण देने के पुख्ता सबूत मिले हैं.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक राजेश यादव.
जानें क्या है पूरा मामला
  • पुलिस ने 17 फरवरी को मानव अंगों के अवैध कारोबार करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया था.
  • पुलिस को रैकेट का पता एक महिला संगीता और उसके पति आशीष तिवारी के जरिए लगा था.
  • जिसे नौकरी के बहाने दिल्ली ले जाया गया था और उसकी किडनी निकालने की कोशिश की गई थी.
  • तब महिला की शिकायत पर छह लोग गिरफ्तार किए गए थे.
  • इसके बाद चार अन्य लोग को भी गिरफ्तार किया गया है.
  • एक अन्य फोर्टिस अस्पताल भी पुलिस के रडार पर है.
  • वहीं इस अस्पताल की कोऑर्डिनेटर सोनिका फरार हैं, जिसे पुलिस ने नामजद मुजरिम बनाया है.
  • सोनिका के अलावा दस और भी नामजद मुजरिम फरार हैं.
  • इसमें दिल्ली के डॉ. केतन कौशिक का नाम भी है.
  • पूछताछ के दौरान शुक्ला ने मानव अंगों की खरीद-बिक्री की बात कबूली है.
Intro:कानपुर :- किडनी रैकेट में सहभागी दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के सीईओ डा0 दीपक शुक्ला कानपुर में गिरफ्तार ।

दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के सीईओ डा0 दीपक शुक्ला को किडनी रैकेट में सहभागी होने के मुजरिम बनाकर आखिरकार कानपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को उनके खिलाफ मानव अंगों के अवैध कारोबार को संरक्षण देने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं। कानपुर पुलिस ने डा0 शुक्ला को गिरफ्तार तो किया लेकिन पुलिस दिया जाने वाला वीआईपी टीटमेण्ट हैरान करने वाला रहा। मीडिया के सामने वे जिस तरह पुलिस अधिकारी के साथ एसयूीव गाड़ी में पिछली सीट पर बैठा कर लाये गये, वो उनकी उॅची पहुॅच और रूतबे को दर्शा रहा था और कई सवाल भी खड़े कर रहा था।





Body:गौर तलब है कि कानपुर पुलिस ने पिछली 17 फरवरी को मानव अंगों के अवैध कारोबार और प्रत्यारोपण करने वाले एक अन्तर्राष्टीय रैकेट का भण्डाफोड़ किया था। पुलिस को रैकेट का सुराग एक महिला संगीता और उसके पति आशीष तिवारी के जरिये लगा था जिसे नौकरी के बहाने दिल्ली ले जाया गया था और उसकी किडनी निकालने की कोशिश की गयी थी। तब महिला की शिकायत पर छह लोग गिरफ्तार किये गये थे और बाद मेे इन्वेस्टीगेशन के दौरान चार अन्य लोग। इस तरह अब तक इस मामले में छह लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। एक अन्य प्रतिष्ठित फोर्टिस अस्पताल भी पुलिस के रडार पर है लेकिन इस अस्पताल की कोआर्डिनटर सोनिका फरार हो चुकी है जिसे पुलिस ने नामजद मुजरिम बनाया हुआ है। सोनिका के अलावा दस और भी नामजद मुजरिम भागे हुए हैं जिनमें दिल्ली का डाक्टर केतन कौशिक का नाम भी है जो अवैध तरीके से किडनी निकालता था। 
उधर डा0 दीपक शुक्ला जिन्हें पहले पूछताछ सेल में रखा गया था, उनके खिलाफ अकाट्य सबूत मिलने पर पुलिस ने आज शाम भारतीय दण्ड संहिता और मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम की दफाओं के तहत गिरफ्तार कर लिया। कल उन्हें कानपुर की कोर्ट में पेश किया जायेगा जहाॅ उन्हें रिमाण्ड पर लेने के लिये पुलिस अर्जी दे सकती है। उधर पुलिस लाईन में आयोजित प्रेस काॅफ्रेंस में डा0 दीपक शुक्ला को पूरे वीआईपी रूतबे के साथ मीडिया के सामने लाया गया। उन्होने अपनी सफाई में कहा कि प्राधिकार समिति के सामने जो अभिलेख प्रस्तुत किये जाते थे, वे परीक्षण के दौरान कतई फर्जी प्रतीत नहीं होते थे, इसलिये वे खुद को अपराधी नहीं मानते। बहरहाल पुलिस के पास चारों डोनरों को सरकारी गवाह बना चुकी है इसलिये वो अपना पक्ष मजबूत मान रही है। इसके अलावा अपोलो और फोर्टिस को भी पुलिस ने अभी क्लीन चिट नहीं दी है और वहाॅ के रिकार्ड्स की छानबीन जारी है।
बाईट - राजेश यादव
                  पुलिस अधीक्षक अपराध

अखण्ड प्रताप सिंह
कानपुर ।




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.