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शामली एनकाउंटरः 'गब्बर' जैसा था कग्गा का खौफ, शाम होते ही पुलिस चौकियों में लटक जाते थे ताले, अरशद संभाले था कमान - UP NEWS

शामली में एसटीएफ ने गैंग के चार सदस्यों को मार गिराने में सफलता हासिल की. यूपी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि.

up shamli encounter latest news.
यूपी पुलिस ने किया कग्गा गैंग का सफाया. (photo credit: social media)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 1:09 PM IST

शामलीः शामली में एसटीएफ ने जिन चार बदमाशों को ढेर किया है वे सभी कग्गा गैंग के सक्रिय सदस्य थे. कभी कग्गा गैंग आतंक का बड़ा नाम माना जाता था. इस गैंग की कभी ऐसी दहशत थी कि पुलिस चौंकियों तक में ताले लटक जाते थे.

कग्गा का शागिर्द था अरशदः एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर में मारे गए एक लाख के इनामी अरशद समेत सभी चार बदमाश मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के लिए काम करते थे. अरशद सहारनपुर के बाहड़ी माजरा निवासी मुस्तफा उर्फ कग्गा का शार्गिद था. मुस्तफा भी बाहडी माजरा गांव का खूंखार अपराधी था. उसने कई राज्यों में वारदातें अंजाम दी थी. कभी इस गैंग की दहशत के चलते शाम होते ही पुलिस चौंकियों में ताले लटक जाते थे.

सिपाही की हत्या कर चुका गैंगः वर्ष 2011 में सहारनपुर में खनन की रॉयल्टी चेकपोस्ट लूटकर भाग रहे मुस्तफा ने यूपी पुलिस के सिपाही बलबीर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद आलाधिकारियों ने उसके खात्में के लिए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया था.

खबर पढ़ेंः योगी सरकार का सबसे बड़ा एनकाउंटर; शामली में UP STF ने एक साथ 4 बदमाशों को किया ढेर, कई राउंड फायरिंग में इंस्पेक्टर भी घायल

जब भाग निकला था कग्गाः पुलिस ने वर्ष 2011 में दीपावली पर्व के दौरान कग्गा को गंगोह क्षेत्र के एक खेत में घेर लिया था, जहां पर वह अपनी प्रेमिका के साथ मौजूद था, लेकिन वह गोलीबारी के बीच अपनी प्रेमिका के साथ पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था, हालांकि दीपावली के दो दिन बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने उसे गंगोह के जंगल में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था.


मुकीम और फिर अरशद ने संभाला गैंगः कग्गा के एनकाउंटर के बाद पूरा गैंग अंडरग्राउंड हो गया. कैराना के जहानपुरा निवासी मुकीम काला और बाहड़ी माजरा निवासी अरशद दोनों ही कग्गा के शार्गिद थे. हालांकि कग्गा के एनकाउंटर के बाद मुकीम ने अपना अलग गैंग बना लिया था और अरशद कग्गा गैंग का ही संचालन कर रहा था. दोनों के बीच दोस्ती भी थी. मुकीम ने भी कग्गा की तरह कई वारदातें अंजाम दी.

जब लूटा था शोरूमः मुकीम ने पुलिस की वर्दी पहनकर सहारनपुर में तनिष्क शोरूम में भी डकैती डाली थी. रंगदारी, फिरौती और अपहरण में भी उसने खूब नाम कमाया था, जिसके आतंक पर शिकंजा कसने की जिम्मेदारी भी एसटीएफ को सौंपी गई थी. एसटीएफ ने वर्ष 2015 में मुकीम को गिरफ्तार कर लिया था और वर्ष 2017 में चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में मुकीम की हत्या हो गई थी.

अरशद संभाल रहा था दोनों गैंगः गुरू मुस्तफा उर्फ कग्गा और मुकीम काला के एनकाउंटर के बाद अरशद दोनों ही गैंग को ऑपरेट कर रहा था. उस पर एक लाख रूपए का इनाम था. मुस्तफा, फिर मुकीम और अब अरशद के खात्मे के बाद अब वेस्ट यूपी का कग्गा और मुकीम गैंग पूरी तरह से कमजोर हो गया है. यह एनकाउंटर पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि यह मुठभेड़ पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. अरशद जैसे कुख्यात अपराधी के खात्मे से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत होगी.

ये भी पढ़ेंः यूपी के सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी 30 फीसदी तक सैलरी, योगी सरकार लागू कर सकती है आठवां वेतन आयोग

ये भी पढ़ेंः यूपी के 71 हजार बच्चे महंगे प्राइवेट स्कूलों में फ्री में पढ़ेंगे, RTE के तहत पहले चरण की सीट आवंटित

शामलीः शामली में एसटीएफ ने जिन चार बदमाशों को ढेर किया है वे सभी कग्गा गैंग के सक्रिय सदस्य थे. कभी कग्गा गैंग आतंक का बड़ा नाम माना जाता था. इस गैंग की कभी ऐसी दहशत थी कि पुलिस चौंकियों तक में ताले लटक जाते थे.

कग्गा का शागिर्द था अरशदः एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर में मारे गए एक लाख के इनामी अरशद समेत सभी चार बदमाश मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के लिए काम करते थे. अरशद सहारनपुर के बाहड़ी माजरा निवासी मुस्तफा उर्फ कग्गा का शार्गिद था. मुस्तफा भी बाहडी माजरा गांव का खूंखार अपराधी था. उसने कई राज्यों में वारदातें अंजाम दी थी. कभी इस गैंग की दहशत के चलते शाम होते ही पुलिस चौंकियों में ताले लटक जाते थे.

सिपाही की हत्या कर चुका गैंगः वर्ष 2011 में सहारनपुर में खनन की रॉयल्टी चेकपोस्ट लूटकर भाग रहे मुस्तफा ने यूपी पुलिस के सिपाही बलबीर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद आलाधिकारियों ने उसके खात्में के लिए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया था.

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जब भाग निकला था कग्गाः पुलिस ने वर्ष 2011 में दीपावली पर्व के दौरान कग्गा को गंगोह क्षेत्र के एक खेत में घेर लिया था, जहां पर वह अपनी प्रेमिका के साथ मौजूद था, लेकिन वह गोलीबारी के बीच अपनी प्रेमिका के साथ पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था, हालांकि दीपावली के दो दिन बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने उसे गंगोह के जंगल में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था.


मुकीम और फिर अरशद ने संभाला गैंगः कग्गा के एनकाउंटर के बाद पूरा गैंग अंडरग्राउंड हो गया. कैराना के जहानपुरा निवासी मुकीम काला और बाहड़ी माजरा निवासी अरशद दोनों ही कग्गा के शार्गिद थे. हालांकि कग्गा के एनकाउंटर के बाद मुकीम ने अपना अलग गैंग बना लिया था और अरशद कग्गा गैंग का ही संचालन कर रहा था. दोनों के बीच दोस्ती भी थी. मुकीम ने भी कग्गा की तरह कई वारदातें अंजाम दी.

जब लूटा था शोरूमः मुकीम ने पुलिस की वर्दी पहनकर सहारनपुर में तनिष्क शोरूम में भी डकैती डाली थी. रंगदारी, फिरौती और अपहरण में भी उसने खूब नाम कमाया था, जिसके आतंक पर शिकंजा कसने की जिम्मेदारी भी एसटीएफ को सौंपी गई थी. एसटीएफ ने वर्ष 2015 में मुकीम को गिरफ्तार कर लिया था और वर्ष 2017 में चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में मुकीम की हत्या हो गई थी.

अरशद संभाल रहा था दोनों गैंगः गुरू मुस्तफा उर्फ कग्गा और मुकीम काला के एनकाउंटर के बाद अरशद दोनों ही गैंग को ऑपरेट कर रहा था. उस पर एक लाख रूपए का इनाम था. मुस्तफा, फिर मुकीम और अब अरशद के खात्मे के बाद अब वेस्ट यूपी का कग्गा और मुकीम गैंग पूरी तरह से कमजोर हो गया है. यह एनकाउंटर पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि यह मुठभेड़ पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. अरशद जैसे कुख्यात अपराधी के खात्मे से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत होगी.

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