कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के छात्र सहायता प्रकोष्ठ(Student Support Cell) के बाहर आए दिन ही सैकड़ों छात्रों की भीड़ जमा रहती थी. सबसे अधिक मांग यहां डिग्री बनवाने की थी, और सालों पुरानी व्यवस्था के तहत छात्रों को अपनी डिग्री के लिए जहां विवि के तमाम चक्कर काटने पड़ते थे. वहीं, जो दलाल जल्दी काम कराने के नाम पर खूब रिश्वत भी वसूल लेते थे. हालांकि विवि के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने इस संकट को खत्म किया और नई व्यवस्था के तहत छात्रों की डिग्री उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था कर दी.
अब विवि से हर माह औसतन छह हजार छात्रों को घर बैठे ही उनकी डिग्री डाक विभाग से पहुंच जाएगी. खास बात यह है, कि अगर छात्र की डिग्री मौजूदा सत्र से पहले के वर्षों की है तो उसे डिग्री का कोई शुल्क नहीं देना होगा. लेकिन डाक विभाग की फीस के तौर पर महज 200 रुपये खर्च करने होंगे. इसी तरह मौजूदा सत्र की डिग्री के लिए यह शुल्क 1000 रुपये होगा. दरअसल, सीएसजेएमयू से संबद्ध 11 अलग-अलग जिलों के लगभग पांच लाख छात्र-छात्राएं यहां पढ़ाई करते हैं. ऐसे में औसतन एक दिन में डिग्री के लिए 150 से 200 आवेदन आते हैं.
24 घंटे बाद डाउनलोड हो जाएगी डिजीटल डिग्री: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि को डिजीटल यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा चुके हैं. इसी के अंतर्गत अब डिग्री के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को 24 घंटे के अंदर उनकी डिजीटल डिग्री मिल जाएगी. छात्र, इस डिग्री को अपने मोबाइल व लैपटाप पर डाउनलोड कर सकेंगे. विवि के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि डिजीटल डिग्री भी सभी जगह मान्य होगी.
अक्टूबर से अब तक 47 हजार से अधिक छात्रों को घर पर मिली डिग्री: विवि के स्टूडेंट सपोर्ट सेल से मिले आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2021 से लेकर 30 अप्रैल 2022 तक करीब 47 हजार छात्र-छात्राओं को उनके घर पर डिग्री भेजी गई है. इनमें से अधिकांश छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने विवि की इस व्यवस्था के लिए अपना फीडबैक भी भेजा है. आने वाले समय में छात्रों के परीक्षा फार्म के साथ ही डिग्री का शुल्क भी जमा कराया जाएगा.
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