कानपुर: बहुचर्चित बिकरु कांड की सुनवाई करते हुए एंटी डकैती कोर्ट ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे के खिलाफ वारंट जारी करते हुए 13 दिसंबर तक कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. ऋचा दुबे ने सुप्रीमकोर्ट में प्रार्थनापत्र देते हुए कहा था कि पुलिस ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर आरोपी बनाया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने ऋचा दुबे के प्रार्थनापत्र को खारिज करते हुए एक सप्ताह में कानपुर देहात की माती कोर्ट में एंटी डकैती कोर्ट में हाज़िर होने का आदेश जारी किया था. एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी ऋचा दुबे कोर्ट में न तो पेश हुईं और न ही उनकी तरफ से कोई वकील पहुंचा.
पेश न होने पर एंटी डकैती कोर्ट ने 25 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी कर दिया. इस बारे में DGC अधिवक्ता राजू पोरवाल का कहना है कि कोर्ट में पेश न होने पर ऋचा दुबे के खिलाफ 25 हज़ार का ज़मानती वारंट जारी किया गया है.
बिकरु कांड में पुलिस ने बिना सहमति के सिम रखने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को आरोपी बनाया था. इसमें ऋचा दुबे भी शामिल हैं. ऋचा दुबे पर नौकर का सिम बिना सहमति के इस्तेमाल करने के आरोप में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी. कोर्ट ने इस मामले में ऋचा दुबे को 13 दिसंबर तक हाजिर होने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि बीती 2 जुलाई को जब पुलिस विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची तो उसने साथियों के साथ मिलकर सीओ समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. इस घटना को अंजाम देने के बाद विकास फरार हो गया और यूपी पुलिस उसकी तलाश करती रही. हालांकि इस दौरान पुलिस ने विकास के कई साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. 9 जुलाई को विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक कानपुर ले आते समय रास्ते में विकास ने भागने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे मारा गया.
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