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भारत ने अंतरिक्ष मे लगाई लंबी छलांग, चंद्रयान मिशन 2 सफलतापूर्वक हुआ लॉन्च - कानपुर न्यूज

सोमवार को भारत ने चांद पर दूसरा महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च कर दिया है. इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं. दरअसल इस मिशन की खासियत यह है कि पहली बार भारत चंद्रमा की उत्तरी सतह पर 'लुनर रोवर' उतारेगा. IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लुनर रोवर' यानि मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा.

चंद्रयान मिशन 2
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Published : Jul 22, 2019, 5:38 PM IST

कानपुर: चांद पर भारत का दूसरा महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 सोमवार को आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV-मार्क III-M1 (बाहुबली) के जरिए लॉन्च कर दिया गया. चंद्रयान-2 का यह सफर 48 दिनों तक चलेगा और इसके बाद वह चांद पर उतरेगा. चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण दोपहर ठीक 2 बजकर 43 मिनट पर किया गया. इस मिशन की लागत कुल 978 करोड़ रुपये है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

तकनीकी खराबी के चलते 15 जुलाई को नहीं हो सका था लांच:
इसरो द्वारा पहले चंद्रयान-2 15 जुलाई को लांच होना था, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था. सोमवार 22 जुलाई को दोबारा चंद्रयान को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लांच किया गया. इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई है, क्योंकि पहली बार मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर लैंड करेगा, जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है.

IIT कानपुर ने तैयार किया 'लुनर रोवर':
इस मिशन की खासियत यह है कि पहली बार भारत चंद्रमा की उत्तरी सतह पर 'लुनर रोवर' उतारेगा. IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लुनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा.

आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है. जिसमें लगभग पचास लाख रुपए की लागत आई है. आईआईटी कानपुर में तैयार यह चंद्रयान कि जो मुख्य खासियत मौसम प्लानिंग यानी चंद्रमा की सतह पर रोवर कैसे कब और कहा जाएगा साथ ही इसमें कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डिवेलप किया गया है.

कानपुर: चांद पर भारत का दूसरा महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 सोमवार को आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV-मार्क III-M1 (बाहुबली) के जरिए लॉन्च कर दिया गया. चंद्रयान-2 का यह सफर 48 दिनों तक चलेगा और इसके बाद वह चांद पर उतरेगा. चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण दोपहर ठीक 2 बजकर 43 मिनट पर किया गया. इस मिशन की लागत कुल 978 करोड़ रुपये है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

तकनीकी खराबी के चलते 15 जुलाई को नहीं हो सका था लांच:
इसरो द्वारा पहले चंद्रयान-2 15 जुलाई को लांच होना था, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था. सोमवार 22 जुलाई को दोबारा चंद्रयान को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लांच किया गया. इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई है, क्योंकि पहली बार मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर लैंड करेगा, जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है.

IIT कानपुर ने तैयार किया 'लुनर रोवर':
इस मिशन की खासियत यह है कि पहली बार भारत चंद्रमा की उत्तरी सतह पर 'लुनर रोवर' उतारेगा. IIT कानपुर द्वारा निर्मित 'लुनर रोवर' यानी मानवरहित चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की सतह के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा.

आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है. जिसमें लगभग पचास लाख रुपए की लागत आई है. आईआईटी कानपुर में तैयार यह चंद्रयान कि जो मुख्य खासियत मौसम प्लानिंग यानी चंद्रमा की सतह पर रोवर कैसे कब और कहा जाएगा साथ ही इसमें कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डिवेलप किया गया है.

Intro:कानपुर :- भारत ने अंतरिक्ष मे लगाई लंबी छलांग चंद्रयान मिशन 2 का लांच हुआ सफल

चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को आज श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV-मार्क III-M1 (बाहुबली) के जरिए लॉन्च कर दिया गया। चंद्रयान-2 का यह सफर 48 दिनों तक चलेगा और इसके बाद वह चांद पर उतरेगा। चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण दोपहर ठीक 2 बजकर 43 मिनट पर किया गया। इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है। पहले इसको 15 जुलाई को लांच होना था लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था।


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इसरो द्वारा पहले 15 जुलाई को चंद्रयान मिशन टू का आगाज किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसको रोक दिया गया था , आज दुबारा चंद्रयान को 2 बजकर 43 मिनट पर लांच किया गया इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई है क्योंकि यह पहली बार है कि मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंदा की दक्षिणी सतह पर लैंड करेगा जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है जिसमें लगभग पचास लाख रुपए की लागत आई है
आईआईटी कानपुर में तैयार यह चंद्रयान कि जो मुख खासियत है वह है मौसम प्लैनिंग यानी चंद्रमा की सतह पर रोवर कैसे कब और कहा जाएगा साथ ही इसमें कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डिवेलप किया गया है

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।


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