ETV Bharat / state

जहरीली हुई कानपुर की हवा, एयर क्वालिटी 300 के पार

कानपुर की हवाओं में जहर फैल रहा है. रविवार सुबह तक कानपुर के एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार था, वहीं पीएम भी 2.5 हो चला है. जिसके कारण सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए काफी चिंता का विषय है.

जहरीली हुई कानपुर की हवा
जहरीली हुई कानपुर की हवा
author img

By

Published : Nov 1, 2020, 11:31 AM IST

कानपुर: जिले के गुलाबी सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ रहा है. रविवार सुबह तक कानपुर के एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार था, वहीं पीएम भी 2.5 हो चला है. इसकी मुख्य वजह धूल मिट्टी के कण और खस्ता हाल सड़कें है, जो फेफड़ों के मरीजों के लिए अब घातक साबित हो रहा है. कोरोना ने पहले से ही लोगों के फेफड़े को जकड़ के रखा है वहीं दूसरी ओर यह स्थिति और भी घातक साबित हो रही है.

खस्ताहाल रोड और निर्माण कार्य है मुख्य वजह
शहर में प्रदूषण का प्रमुख कारण खस्ताहाल रोड और अलग-अलग जगह चल रहे निर्माण कार्य हैं. जिसके चलते धूल मिट्टी के कण सर्दी होने की वजह से हवा की नमी से मिल जाते हैं जिससे हवा में प्रदूषण के साथ जहरीली गैस भी मिलने लगती है. इसको लेकर निगम खानापूर्ति मात्र कार्रवाई कर रहा है. बता दें कि जहां अप्रैल-मई में शहर का एक्यूआई 30 से भी कम था. वहीं अक्टूबर के बाद की शुरुआत से यह 300 से ऊपर ही रह है, जो आबोहवा को जहरीली कर रहा है. वहीं अनलॉक के बाद से वायु प्रदूषण में तेजी आई है.

सांस के मरीज अभी से बेहाल
डॉक्टरों को सबसे ज्यादा चिंता सांस के मरीजों की हो रही है क्योंकि इस प्रदूषण ले चलते अभी से सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है तो आने वाले दीवाली त्योहार में लोगों की क्या हालत होगी. पहले से कोरोना के चलते लोगों के फेफड़ों में काफी असर पड़ चुका है ऐसे में यह एक चिंता का विषय है.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान भी बेअसर
बता दें प्रदेश में समय से पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया गया है. इसमें नगर निगम, आरटीओ, पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, जिला प्रशासन और सभी विभाग अपने स्तर में कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन सभी कोशिशों का भी कोई खास असर नहीं नजर आ रहा है.

कानपुर: जिले के गुलाबी सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ रहा है. रविवार सुबह तक कानपुर के एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार था, वहीं पीएम भी 2.5 हो चला है. इसकी मुख्य वजह धूल मिट्टी के कण और खस्ता हाल सड़कें है, जो फेफड़ों के मरीजों के लिए अब घातक साबित हो रहा है. कोरोना ने पहले से ही लोगों के फेफड़े को जकड़ के रखा है वहीं दूसरी ओर यह स्थिति और भी घातक साबित हो रही है.

खस्ताहाल रोड और निर्माण कार्य है मुख्य वजह
शहर में प्रदूषण का प्रमुख कारण खस्ताहाल रोड और अलग-अलग जगह चल रहे निर्माण कार्य हैं. जिसके चलते धूल मिट्टी के कण सर्दी होने की वजह से हवा की नमी से मिल जाते हैं जिससे हवा में प्रदूषण के साथ जहरीली गैस भी मिलने लगती है. इसको लेकर निगम खानापूर्ति मात्र कार्रवाई कर रहा है. बता दें कि जहां अप्रैल-मई में शहर का एक्यूआई 30 से भी कम था. वहीं अक्टूबर के बाद की शुरुआत से यह 300 से ऊपर ही रह है, जो आबोहवा को जहरीली कर रहा है. वहीं अनलॉक के बाद से वायु प्रदूषण में तेजी आई है.

सांस के मरीज अभी से बेहाल
डॉक्टरों को सबसे ज्यादा चिंता सांस के मरीजों की हो रही है क्योंकि इस प्रदूषण ले चलते अभी से सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है तो आने वाले दीवाली त्योहार में लोगों की क्या हालत होगी. पहले से कोरोना के चलते लोगों के फेफड़ों में काफी असर पड़ चुका है ऐसे में यह एक चिंता का विषय है.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान भी बेअसर
बता दें प्रदेश में समय से पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया गया है. इसमें नगर निगम, आरटीओ, पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, जिला प्रशासन और सभी विभाग अपने स्तर में कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन सभी कोशिशों का भी कोई खास असर नहीं नजर आ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.