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'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' पर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी 'आप'- संजय सिंह

आम आदमी पार्टी ने कानपुर से सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Rajya Sabha member Sanjay Singh) ने एक माह के अंदर एक करोड़ लोगों को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' को आगे रखकर जनता के बीच पैठ बनाने की बात कही है.

कानपुर पहुंचे राज्यसभा सदस्य संजय सिंह .
कानपुर पहुंचे राज्यसभा सदस्य संजय सिंह .
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Published : Jul 12, 2021, 5:26 PM IST

कानपुर: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह सोमवार को कानपुर शहर पहुंचे. यहां वे एक निजी गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए. उन्होंने, पार्टी को विस्तार देने और नए लोगों को जोड़ने के खातिर सदस्यता अभियान (membership campaign) की शुरुआत की. उनका कहना है कि पार्टी 'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' को लेकर यूपी का विधानसभा चुनाव लड़ने उतरेगी.

मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपनी जड़ें पूरी तरह जमा चुकी है और लगातार देश के दूसरे राज्यों में पार्टी को विस्तार देने की कोशिश कर रही है. इसको लेकर पार्टी अलग-अलग मॉडल अपना रही है. यही कारण है कि इन दिनों राज्यसभा सांसद संजय सिंह आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. वो पार्टी में नए लोगों को शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं. सोमवार को कानपुर पहुंचे सिंह ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की, जहां एक महीने में एक करोड़ लोगों को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह.

इसे भी पढ़ें-मिशन यूपी 2022 : पीएम मोदी के वाराणसी दौरे के साथ प्रदेश में शुरू होगा चुनावी सफर

हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत चुनाव में पार्टी के कई सदस्य चुने जाने पर संजय सिंह ने अपनी पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. पहली बार पंचायत चुनाव में उतरी पार्टी ने उम्मीद के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और बीडीसी की सीटें जीती हैं. इसके उलट उन्होंने, जिला पंचायत अध्यक्ष पद और ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की जीत को गलत ठहराया. उन्होंने कहा बीजेपी ने जीत के लिए सारी हदें पार कर दी. पार्टी ने धनबल, बाहुबल, सत्ता की हनक और तानाशाही रवैये से चुनाव को अपने पक्ष में किया. जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाएगी. उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि योगी जी की सत्ता के बस 6 महीने ही और बचे हैं.

इसे भी पढ़ें- चुनाव की तैयारियों को धार देने लखनऊ पहुंचेंगी प्रियंका गांधी, लिए जाएंगे अहम फैसले

संजय सिंह ने राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) मामले में चंदे की चोरी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और उनके भांजे पर चंदे की राशि में घपलेबाजी का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि आखिर कैसे कुछ ही मिनटों में लाखों की सरकारी जमीन करोड़ों में बेच दी गई. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कानपुर में भी चंदा चोरों का बैनर लगा है, जो अशोभनीय है.

'योगी आदित्यनाथ ने चैलेंज नहीं किया स्वीकार'

संजय सिंह ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की राजनीति करने से इनकार किया. उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ने में सक्षम है. उनकी पार्टी देशभर में मजबूत स्थिति में है. लिहाजा, पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. पार्टी गांव, गरीब, किसान और बेरोजगारी खत्म करने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और वोट मांगेगी. वहीं हाल ही में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान करने वाली एआईएमआईएम (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) को भाजपा का सहयोगी करार दिया. उन्होंने कहा असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भारतीय जनता पार्टी को जिताने के लिए यूपी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा अन्य पार्टियां कहती हैं कि वो बीजेपी को हराएंगी. कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी ने कई बार चैलेंज दिया, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने चैलेंज नहीं स्वीकार किया, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के चैलेंज को उन्होंने बड़े प्यार से स्वीकार कर लिया. इससे साबित होता है कि ये दोनों ही पार्टियां एक ही हैं.

इसे भी पढ़ें-ऑस्ट्रेलियाई सांसद क्रैग केली यूपी के कोरोना मैनेजमेंट के हुए मुरीद, बोले- 'सीएम योगी को हमें दे दीजिए'

आगे उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो प्रदेशवासियों को मुफ्त बिजली, युवाओं को रोजगार नहीं तो रोजगार भत्ता, फ्री शिक्षा-चिकित्सा उपलब्ध करायी जाएगी. आपको बता दें कि, आम आदमी पार्टी 'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' को दिल्ली के बाहर भी प्रसारित कर रही है. इसमें बिजली, पानी, स्कूल और हॉस्पिटल के साथ ही साथ देशभक्ति वाली बात कर रही है. कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी ने अब अपना सिलेबस तैयार कर लिया है, जिसके सहारे वो कम से कम बीजेपी को देशभर में टक्कर दे सके. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर अभी कोई दल बीजेपी को सीधी चुनौती देते नहीं दिख रहा.

कानपुर: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह सोमवार को कानपुर शहर पहुंचे. यहां वे एक निजी गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए. उन्होंने, पार्टी को विस्तार देने और नए लोगों को जोड़ने के खातिर सदस्यता अभियान (membership campaign) की शुरुआत की. उनका कहना है कि पार्टी 'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' को लेकर यूपी का विधानसभा चुनाव लड़ने उतरेगी.

मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपनी जड़ें पूरी तरह जमा चुकी है और लगातार देश के दूसरे राज्यों में पार्टी को विस्तार देने की कोशिश कर रही है. इसको लेकर पार्टी अलग-अलग मॉडल अपना रही है. यही कारण है कि इन दिनों राज्यसभा सांसद संजय सिंह आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. वो पार्टी में नए लोगों को शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं. सोमवार को कानपुर पहुंचे सिंह ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की, जहां एक महीने में एक करोड़ लोगों को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह.

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हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत चुनाव में पार्टी के कई सदस्य चुने जाने पर संजय सिंह ने अपनी पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. पहली बार पंचायत चुनाव में उतरी पार्टी ने उम्मीद के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और बीडीसी की सीटें जीती हैं. इसके उलट उन्होंने, जिला पंचायत अध्यक्ष पद और ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की जीत को गलत ठहराया. उन्होंने कहा बीजेपी ने जीत के लिए सारी हदें पार कर दी. पार्टी ने धनबल, बाहुबल, सत्ता की हनक और तानाशाही रवैये से चुनाव को अपने पक्ष में किया. जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाएगी. उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि योगी जी की सत्ता के बस 6 महीने ही और बचे हैं.

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संजय सिंह ने राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) मामले में चंदे की चोरी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और उनके भांजे पर चंदे की राशि में घपलेबाजी का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि आखिर कैसे कुछ ही मिनटों में लाखों की सरकारी जमीन करोड़ों में बेच दी गई. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कानपुर में भी चंदा चोरों का बैनर लगा है, जो अशोभनीय है.

'योगी आदित्यनाथ ने चैलेंज नहीं किया स्वीकार'

संजय सिंह ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की राजनीति करने से इनकार किया. उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ने में सक्षम है. उनकी पार्टी देशभर में मजबूत स्थिति में है. लिहाजा, पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. पार्टी गांव, गरीब, किसान और बेरोजगारी खत्म करने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और वोट मांगेगी. वहीं हाल ही में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान करने वाली एआईएमआईएम (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) को भाजपा का सहयोगी करार दिया. उन्होंने कहा असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भारतीय जनता पार्टी को जिताने के लिए यूपी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा अन्य पार्टियां कहती हैं कि वो बीजेपी को हराएंगी. कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी ने कई बार चैलेंज दिया, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने चैलेंज नहीं स्वीकार किया, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के चैलेंज को उन्होंने बड़े प्यार से स्वीकार कर लिया. इससे साबित होता है कि ये दोनों ही पार्टियां एक ही हैं.

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आगे उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो प्रदेशवासियों को मुफ्त बिजली, युवाओं को रोजगार नहीं तो रोजगार भत्ता, फ्री शिक्षा-चिकित्सा उपलब्ध करायी जाएगी. आपको बता दें कि, आम आदमी पार्टी 'केजरीवाल के दिल्ली मॉडल' को दिल्ली के बाहर भी प्रसारित कर रही है. इसमें बिजली, पानी, स्कूल और हॉस्पिटल के साथ ही साथ देशभक्ति वाली बात कर रही है. कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी ने अब अपना सिलेबस तैयार कर लिया है, जिसके सहारे वो कम से कम बीजेपी को देशभर में टक्कर दे सके. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर अभी कोई दल बीजेपी को सीधी चुनौती देते नहीं दिख रहा.

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