कानपुर: नौबस्ता थाना के यूनियन बैंक में 2018 में लॉकर काटकर चोरी की वारदात की गई थी. मामले में राज्य उपभोक्ता फोरम ने यूनियन बैंक को दोषी पाया है, जिसके बाद बैंक पीड़ित ग्राहकों को 10-10 लाख रुपये का डैमेज और 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. राज्य उपभोक्ता फोरम आयोग ने 21 दिंसबर को मामले में फैसला सुनाते हुए बैंक को आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि बैंक से जेवर चोरी होने के बाद ग्राहकों ने राज्य आयोग से गुहार लगाई थी. राज्य आयोग ने ग्राहकों के पक्ष में फैसला देते हुए एक माह में भुगतान का फैसला सुनाया है. एक माह में पैसा न देने पर बैंक पर 9% ब्याज देने का आदेश है.
पीड़ित सुशील कुमार शुक्ला ने बताया कि यूनियन बैंक यशोदा नगर ब्रांच में 18 फरवरी 2018 को लूट की वारदात हुई थी. इसमें बदमाशों ने 32 लॉकर काटकर करोड़ों रुपए औरकरीब 12-14 किलो सोना बैंक से उड़ा ले गए थे. पुलिस ने मामले में 11 चोरों को पकड़कर जेल भेजा था. हालांकि पुलिस मामले के खुलासे के बाद भी लॉकर धारकों की रिकवरी पूरी नही हुई थी. जिसके बाद 9 पीड़ितों ने ने राज्य उपभोक्ता फोरम में न्याय की गुहार लगाई थी.
बीती 21 दिसंबर को राज्य उपभोक्ता फोरम ने इस पर फैसला दिया. आयोग ने बैंक को डिफरेंस इन सर्विस एंड सिक्योरिटी का दोषी पाया है. जिसके तहत बैंक को पीड़ित ग्राहकों को नुकसान की भरपाई के आदेश दिए गए है. इसके साथ ही यह भी आदेश दिया है कि अगर भुगतान में देरी हुई तो 9% ब्याज भी बैंक को हर्जाने के रूप में देना होगा.
पीड़ित सुशील कुमार के अनुसार, यूनियन बैंक में इस लूट के बाद 32 परिवारों ने सड़क पर विरोध जताया था. इसमें 9 ऐसे परिवार ऐसे थे, जिनके करीब 20 से 40 लाख रुपये के जेवरात यूनियन बैंक में रखे हुए थे. सभी पीड़ितों ने राज्य उपभोक्ता फोरम में मुआवजे की मांग को लेकर अपनी बात रखी थी. वहीं, अन्य पीड़ितों का जिला उपभोक्ता फोरम में केस चल रहा है.
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