कानपुर: जैसे ही किसी मरीज को पता लगता है कि उसके शरीर के अंदरूनी हिस्से में गांठें हो गई हैं तो उसकी आधी जान तो यह सुनकर ही निकल जाती है. कई सवाल मरीज के मन को उलझा देते हैं. फिर, सोचिए अगर किसी महिला की बच्चेदानी में 35 गांठें हों और वह बच जाए, तो निश्चित तौर पर यह किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहीं है. ऐसा ही एक वाक्या बुधवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से सामने आया है. जब जच्चा-बच्चा अस्पताल में एक 30 वर्षीय महिला का ऑपरेशन करने कई डॉक्टरों को पहुंचना पड़ा. महिला की बच्चेदानी में 35 गांठें थी.
एसोसिएट प्रोफेसर प्रतिमा वर्मा और प्रोफेसर सीमा द्विवेदी और अन्य डॉक्टरों की टीम ने उक्त महिला का सफल ऑपरेशन कर उसे बचा लिया. डॉक्टरों की टीम ने दावा किया कि यह ऑपरेशन अब तक का ऐतिहासिक ऑपरेशन है, जिसमें एक साथ 35 ट्यूमर निकाले गए है.
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की डॉ.सीमा द्विेवेदी ने बताया कि जब मरीज की हिस्ट्री चेक की गई तो सामने आया कि मरीज की बच्चेदानी में म्योमेकटॉमी ट्यूमर्स होने के चलते उन्हें बहुत अधिक ब्लीडिंग हो रही थी. इसलिए, ऑपरेशन से पहले एक बड़ी चुनौती थी कि मरीज के शरीर में खून की कमी को कैसे पूरा किया जाए. इसके लिए मरीज को आयरन के इंजेक्शन लगाए गए और खून की कमी पूरी की गई. इसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया. कुछ घंटों के अंदर ही सभी 35 ट्यूमर्स निकाल दिए गए.
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