कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश सरकार के इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी के मंत्री अजीत पाल के भाई कैप्टन उर्फ इंदर पाल ने सपा का दामन थाम लिया है. लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में उन्हें पार्टी में शामिल किया गया. इसके बाद से विधानसभा सिकंदरा क्षेत्र में भाजपा के दो फाड़ हो गए हैं. एक फाड़ में राज्यमंत्री के नए लोग और कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ क्षेत्रीय राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले इंदर पाल के साथ भाजपा का दामन छोड़कर कार्यकर्ता भी साथ आ गए हैं. लोगों की माने तो 2022 के विधानसभा चुनाव में सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र से इंदर पाल ही प्रत्याशी होंगे और जीत का परचम लहरायेंगे.
इंदर पाल ने बताया की बीजेपी में अब मौजूदा स्थिति में कार्यकर्ताओं का सम्मान सुरक्षित नहीं है. भाजपा से जुड़े लोग लगातार अब अपमानित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिता के साथ काम करने वाले उनके सभी साथी उपेक्षित थे. सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मथुरा पाल का21 जुलाई 2017 को बीमारी के चलते निधन हो गया था. राजनीतिक विरासत संभालने को लेकर परिवार में भी काफी खींचातानी की बात सामने आई है.
भाजपा ने उनके छोटे बेटे विदेश से केमिकल इंजीनियरिंग किए हुए अजीत पाल को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया था. वह जीतकर विधायक बने तो उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया. बता दें कि मथुरा प्रसाद पाल के निधन के बाद टिकट को लेकर भी इंदर पाल पर छोटे भाई अजीत पाल के बीच काफी खींचातानी हुई थी.
राज्यमंत्री के भाई कैप्टन उर्फ इंदर पाल ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वह पिता के साथ रहकर उनका साथ देने वालों की पहचान की थी. लेकिन भाई राज्यमंत्री अजीत पाल के साथ मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को पहचान नहीं रहे हैं, जिससे कि पुराने कार्यकर्ता बहुत नाराज हैं. मुझे सपा में शामिल होना पड़ा है. सभी कार्यकर्ता व क्षेत्रीय लोग अब मेरे साथ हैं.