कानपुर देहात: एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बेहद करीबी व खजांची जयकांत वाजपेयी को कानपुर पुलिस ने कानपुर देहात की कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे कानपुर देहात की माती स्थित जिला कारागार में भेज दिया गया. वहीं इसके बाद जय की पत्नी स्वेता वाजपेयी का कहना है कि उसके पति निर्दोष हैं, जब भी पुलिस उन्हें बुलाती थी, वे जाते थे.
जय की पत्नी स्वेता ने कहा कि कल पुलिस ने क्लीन चिट देकर छोड़ दिया था, लेकिन देर रात पुलिस से उन्हें घर से उठा लिया. सुबह पता चला कि मेरे पति को जेल भेजा जा रहा है. स्वेता के मुताबिक पुलिस ने सोमवार सुबह उन्हें बताया कि घटना वाले दिन जय वाजपेयी ने दो लाख रुपये नकद व 25 रिवॉल्वर बुलेट विकास दुबे को दी थीं, जिसके आरोप में उन्हें जेल भेजा जा रहा है.
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के दो दिन बाद एसटीएफ ने उसके बेहद करीबी जय वाजपेयी की तीन लावारिस लग्जरी गाड़ियों के मिलने के बाद शक के आधार पर कानपुर के बजरिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार जय वाजपेयी ही एक ऐसा सख्स था, जो विकास दुबे की काली कमाई को सफेद करने का काम करता था. हिस्ट्रीशीटर के अवैध धंधों से जो पैसा आता था, उसे जय कानपुर के कारोबारियों को ब्याज पर देता था, जिससे दोनों को मोटा मुनाफा होता था.
हिस्ट्रीशीटर और वाजपेयी के बीच पिछले एक साल में करोड़ों रुपये का लेनदेन भी हुआ था, जिसमें ज्यादातर नकद लेनदेन शामिल था. जयकांत और उसकी पत्नी के खातों से विकास दुबे के बैंक खाते में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन भी हुआ है. इसी आधार पर यूपी एसटीएफ ने पूरे 12 दिनों तक जय बाजपेई से पूछताछ भी की थी.
रविवार देर शाम पुलिस की ओर से वाजपेयी को क्लीन चिट देने की बात सामने आयी और पुलिस ने सरकारी जीप से उसे उसके घर तक छोड़ा था. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वहीं पुलिस एक बार फिर इस केस में बैकफुट पर नजर आई और रातों रात जयकांत की गिरफ्तारी दिखा दी. वहीं जेल जाते समय उसने कहां कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है.