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आगरा में 300 करोड़ रुपए की जमीन की हथियाने के लिए बनाई फर्जी वसीयत; बाबा के बेटे संग मिलकर रची गई साजिश - AGRA FAKE WILL CASE

फर्जी वसीयत तहसील के रिकॉर्ड रूम में जमा कराई गई थी. पुलिस ने तहसील के संविदाकर्मी और बाबा के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है.

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आगरा में 300 करोड़ रुपए की जमीन की हथियाने के लिए बनाई फर्जी वसीयत (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 10:25 AM IST

आगरा: एसआईटी ने आगरा सदर तहसील में फर्जी बैनामा कांड की जांच में डौकी के बाबा मुंशीदास की 300 करोड़ रुपए से अधिक की जमीनों की फर्जी वसीयत कराने का खुलासा किया है. आरोपियों ने बाबा मुंशीदास की पहली पत्नी के बेटे राजकुमार के साथ मिलकर साजिश रची थी. फर्जी वसीयत तहसील के रिकॉर्ड रूम में जमा करा दी थी. पुलिस ने तहसील के संविदाकर्मी चित्र सिंह और बाबा के बेटे राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि सदर तहसील में जमीनों का फर्जी बैनामा करके कब्जाने वाले गिरोह का बीते माह खुलासा हुआ था. जिस पर प्रशासन ने 21 जनवरी को शाहगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. आगरा पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने एसीपी सदर विनायक भोंसले के नेतृत्व में एसआईटी बनाई और एक हेल्पलाइन नंबर जारी की थी.

आश्रम में बाबा की गोली मारकर हत्या की गई थी हत्या: एसीपी सदर विनायक भोंसले ने बताया कि बाबा मुंशीदास की दूसरी पत्नी उर्मिला देवी ने पति के नाम से फर्जी प्रपत्र बनाने की शिकायत की थी. जिसमें बताया था कि बाबा मुंशीदास की वर्ष 2017 में आश्रम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिस पर एसआईटी ने छानबीन की. पता चला कि पहली पत्नी राजवती उर्फ विमला देवी से एक बेटा राजकुमार है. वह पढ़ने देहरादून चला गया.

मां राजवती भी साथ चली गई थीं. बाबा मुंशीदास ने आश्रम में रहने वाली उर्मिला से दूसरी शादी कर ली. उर्मिला देवी से पांच बच्चे हैं. मुंशीदास ने अपनी वसीयत में फोटो उर्मिला देवी का लगाया. इसके बाद आरोपियों ने वसीयत में राजवती उर्फ विमला देवी उर्फ उर्मिला का नाम लिखा था.

ये वसीयत फतेहाबाद तहसील के रिकॉर्ड रूम में थी. मुंशीदास की हत्या के बाद दोनों पत्नियों में विवाद चल रहा था. वसीयत में किसी एक का नाम नहीं होने के चलते दोनों ही जमीन को नहीं बेच पा रहे थे.

छानबीन के बाद दो आरोपी गिरफ्तार: एसीपी सदर विनायक भोंसले ने बताया कि छानबीन में पता चला कि पहली पत्नी के बेटे राजकुमार से फर्जी बैनामा करने वाले गिरोह के सरगना अजय सिसौदिया और प्रशांत शर्मा ने मुलाकात की. उसके साथ मिलकर फर्जी वसीयत तैयार करने की साजिश रची गई. बाबा मुंशीदास की असली वसीयत से पहले की फर्जी वसीयत तैयार की. जिसमें पहली पत्नी राजवती और बेटे राजकुमार को उत्तराधिकारी बनाया था. इस मामले में राजकुमार और तहसील के निजी कर्मचारी चित्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है.

ये भी पढ़ेंः फिरोजाबाद के दारूबाज सिपाही; पुलिस चौकी में छलके जाम, SSP ने की बड़ी कार्रवाई

आगरा: एसआईटी ने आगरा सदर तहसील में फर्जी बैनामा कांड की जांच में डौकी के बाबा मुंशीदास की 300 करोड़ रुपए से अधिक की जमीनों की फर्जी वसीयत कराने का खुलासा किया है. आरोपियों ने बाबा मुंशीदास की पहली पत्नी के बेटे राजकुमार के साथ मिलकर साजिश रची थी. फर्जी वसीयत तहसील के रिकॉर्ड रूम में जमा करा दी थी. पुलिस ने तहसील के संविदाकर्मी चित्र सिंह और बाबा के बेटे राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि सदर तहसील में जमीनों का फर्जी बैनामा करके कब्जाने वाले गिरोह का बीते माह खुलासा हुआ था. जिस पर प्रशासन ने 21 जनवरी को शाहगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. आगरा पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने एसीपी सदर विनायक भोंसले के नेतृत्व में एसआईटी बनाई और एक हेल्पलाइन नंबर जारी की थी.

आश्रम में बाबा की गोली मारकर हत्या की गई थी हत्या: एसीपी सदर विनायक भोंसले ने बताया कि बाबा मुंशीदास की दूसरी पत्नी उर्मिला देवी ने पति के नाम से फर्जी प्रपत्र बनाने की शिकायत की थी. जिसमें बताया था कि बाबा मुंशीदास की वर्ष 2017 में आश्रम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिस पर एसआईटी ने छानबीन की. पता चला कि पहली पत्नी राजवती उर्फ विमला देवी से एक बेटा राजकुमार है. वह पढ़ने देहरादून चला गया.

मां राजवती भी साथ चली गई थीं. बाबा मुंशीदास ने आश्रम में रहने वाली उर्मिला से दूसरी शादी कर ली. उर्मिला देवी से पांच बच्चे हैं. मुंशीदास ने अपनी वसीयत में फोटो उर्मिला देवी का लगाया. इसके बाद आरोपियों ने वसीयत में राजवती उर्फ विमला देवी उर्फ उर्मिला का नाम लिखा था.

ये वसीयत फतेहाबाद तहसील के रिकॉर्ड रूम में थी. मुंशीदास की हत्या के बाद दोनों पत्नियों में विवाद चल रहा था. वसीयत में किसी एक का नाम नहीं होने के चलते दोनों ही जमीन को नहीं बेच पा रहे थे.

छानबीन के बाद दो आरोपी गिरफ्तार: एसीपी सदर विनायक भोंसले ने बताया कि छानबीन में पता चला कि पहली पत्नी के बेटे राजकुमार से फर्जी बैनामा करने वाले गिरोह के सरगना अजय सिसौदिया और प्रशांत शर्मा ने मुलाकात की. उसके साथ मिलकर फर्जी वसीयत तैयार करने की साजिश रची गई. बाबा मुंशीदास की असली वसीयत से पहले की फर्जी वसीयत तैयार की. जिसमें पहली पत्नी राजवती और बेटे राजकुमार को उत्तराधिकारी बनाया था. इस मामले में राजकुमार और तहसील के निजी कर्मचारी चित्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है.

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