कानपुर देहात: जनपद न्यायालय में देश के दो बड़े बहुचर्चित मामले बेहमई कांड और बिकरू कांड की सुनवाई चल रही है, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते दोनों की सुनवाई टल गई. जनपद की भोगनीपुर कोर्ट के स्थानांतरण को लेकर जिला न्यायालय के अधिवक्ता 12 मार्च से हड़ताल पर हैं. अब दोनों मामलों की सुनवाई 9 मई को होगी.
जनपद के न्यायालय में बिकरू कांड की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में चल रही है. आरोप निर्धारण को लेकर सुनवाई होनी थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम नरेश मिश्रा ने बताया कि अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. अब इसके लिए 9 मई की तारीख तय की गई है. इस कांड के आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.
बता दें कि दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ मिलकर बिकरू गांव में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं. इसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में आई और एक-एक करके कुख्यात अपराधी विकास दुबे सहित उसके पूरे गैंग को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. विकास दुबे व उसके गैंग को सहयोग करने वाले आरोपी अभी भी कानपुर देहात के जिला कारागार में बंद हैं. इसी लिए इस मामले की सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है.
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अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते दूसरे बहुचर्चित बेहमई कांड की भी सुनवाई टल गई. इस मामले की सुनवाई भी एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की ही अदालत में चल रही है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे ने बताया कि कोर्ट में आरोपी विश्वनाथ उपस्थित रहे. जबकि श्यामबाबू की तरफ से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया. दूसरी ओर डाकू पोसा इस मामले में बंद चल रहा है. इस मामले की भी सुनवाई 9 मई को होनी है. बता दें कि पूर्व दस्यु सुंदरी फूलनदेवी ने बेहमई गांव में सबसे बड़े नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था.
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