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बिकरूकांड: मां के साथ जेल में बंद बच्ची को किया मौसी के हवाले - बिकरूकांड शूटआउट केस

बहुचर्चित बिकरूकांड मामले को लेकर सुनवाई न्यायालय में चल रही है. कानपुर देहात में आज बहुचर्चित बिकरूकांड मामले में जेल में बंद रेखा अग्निहोत्री की सात वर्ष की बच्ची को कोर्ट के आदेश पर उसकी मौसी गुड्डी को सौंप दिया गया है.

राजू पोरवाल, डीजीसी.
राजू पोरवाल, डीजीसी.
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Published : Mar 4, 2021, 8:36 PM IST

कानपुर देहात: बहुचर्चित बिकरूकांड मामले को लेकर सुनवाई न्यायालय में चल रही है. गुरुवार को आरोप निर्धारण पर बहस नहीं हो सकी. साथ ही बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने केस डायरी न मिलने का हवाला दिया. अब अगली सुनवाई की तारीख 16 मार्च तय की गई है. बिकरूकांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है. वहीं, जेल में बंद रेखा अग्निहोत्री की सात वर्ष की बच्ची को कोर्ट के आदेश पर उसकी मौसी गुड्डी को सौंप दिया गया है. इसकी जानकारी न्यायालय के डीजीसी राजू पोरवाल ने दी.

राजू पोरवाल, डीजीसी.
बचाव पक्ष बोला, उन्हें केस डायरी की प्रति नहीं मिली

बिकरूकांड मामले की सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. इसी के चलते आरोपियों पर आरोप निर्धारण को लेकर बहस होनी थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया और तत्कालीन चौबेपुर सीओ विनय तिवारी व विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी सहित 33 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित, पवनेश शुक्ला और अवधेश शुक्ला ने कोर्ट में तर्क रखा कि उन्हें केस डायरी की प्रति नहीं मिली है. इस पर सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं से कहा कि केस डायरी वृहद रूप में है. इसलिए उसकी छाया प्रति कराना संभव नहीं हो रहा है. उन्होंने केस डायरी का अवलोकन करने या फिर पेन ड्राइव में लेने के लिए कहा है.

पढ़ें: बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित

कोर्ट ने बच्ची को सौंपने का दिया आदेश

जेल में बंद रेखा अग्निहोत्री की सात वर्ष की बच्ची को कोर्ट के आदेश पर उसकी मौसी गुड्डी को सौंप दिया गया है. घटना के बाद पुलिस ने रेखा को आरोपी बनाया था. उसे गिरफ्तार करने के दौरान उसके साथ 7 साल की बेटी भी थी. बेटी के मां के साथ रहने की जिद करने के चलते वह जेल में ही रह रही थी. वहीं, दो आरोपियों ने फिर से जांच कराने की मांग की है. बिकरूकांड में आरोपी हीरू दुबे और शांति देवी ने पुलिस पर मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर मुलजिम बनाने का आरोप लगाया है. दोनों अभियुक्तों ने अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित के माध्यम से एंटी डकैती कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर दोबारा घटनास्थल का निरीक्षण कराने की मांग की है. पत्र में इस बात का जिक्र है कि विकास का घर गिराया जा चुका है. ऐसे में सभी साक्ष्य भी नष्ट हो गए हैं. विवेचना भी स्पष्ट नहीं हो सकी है. साक्ष्य नष्ट होने से बेगुनाही साबित करने में परेशानी हो रही है. शिवकांत दीक्षित ने बताया कि कोर्ट को पत्र देकर दोबारा घटनास्थल का निरीक्षण कराने का अनुरोध किया गया है.

कानपुर देहात: बहुचर्चित बिकरूकांड मामले को लेकर सुनवाई न्यायालय में चल रही है. गुरुवार को आरोप निर्धारण पर बहस नहीं हो सकी. साथ ही बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने केस डायरी न मिलने का हवाला दिया. अब अगली सुनवाई की तारीख 16 मार्च तय की गई है. बिकरूकांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है. वहीं, जेल में बंद रेखा अग्निहोत्री की सात वर्ष की बच्ची को कोर्ट के आदेश पर उसकी मौसी गुड्डी को सौंप दिया गया है. इसकी जानकारी न्यायालय के डीजीसी राजू पोरवाल ने दी.

राजू पोरवाल, डीजीसी.
बचाव पक्ष बोला, उन्हें केस डायरी की प्रति नहीं मिली

बिकरूकांड मामले की सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. इसी के चलते आरोपियों पर आरोप निर्धारण को लेकर बहस होनी थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया और तत्कालीन चौबेपुर सीओ विनय तिवारी व विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी सहित 33 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित, पवनेश शुक्ला और अवधेश शुक्ला ने कोर्ट में तर्क रखा कि उन्हें केस डायरी की प्रति नहीं मिली है. इस पर सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं से कहा कि केस डायरी वृहद रूप में है. इसलिए उसकी छाया प्रति कराना संभव नहीं हो रहा है. उन्होंने केस डायरी का अवलोकन करने या फिर पेन ड्राइव में लेने के लिए कहा है.

पढ़ें: बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित

कोर्ट ने बच्ची को सौंपने का दिया आदेश

जेल में बंद रेखा अग्निहोत्री की सात वर्ष की बच्ची को कोर्ट के आदेश पर उसकी मौसी गुड्डी को सौंप दिया गया है. घटना के बाद पुलिस ने रेखा को आरोपी बनाया था. उसे गिरफ्तार करने के दौरान उसके साथ 7 साल की बेटी भी थी. बेटी के मां के साथ रहने की जिद करने के चलते वह जेल में ही रह रही थी. वहीं, दो आरोपियों ने फिर से जांच कराने की मांग की है. बिकरूकांड में आरोपी हीरू दुबे और शांति देवी ने पुलिस पर मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर मुलजिम बनाने का आरोप लगाया है. दोनों अभियुक्तों ने अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित के माध्यम से एंटी डकैती कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर दोबारा घटनास्थल का निरीक्षण कराने की मांग की है. पत्र में इस बात का जिक्र है कि विकास का घर गिराया जा चुका है. ऐसे में सभी साक्ष्य भी नष्ट हो गए हैं. विवेचना भी स्पष्ट नहीं हो सकी है. साक्ष्य नष्ट होने से बेगुनाही साबित करने में परेशानी हो रही है. शिवकांत दीक्षित ने बताया कि कोर्ट को पत्र देकर दोबारा घटनास्थल का निरीक्षण कराने का अनुरोध किया गया है.

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