कन्नौजः आश्रय स्थल में रखे गए मजदूर रातों रात भाग निकले. दरअसल कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिले के जलालाबाद के एक स्कूल को आश्रय स्थल बनाया गया जहां दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को 14 दिनों तक रखने की व्यवस्था की गई . लेकिन सुविधाओं के अभाव में चार दिन में ही लोग परेशान हो गए और भाग निकले. अब सूने पड़े आश्रय स्थल को देखकर अफसरों और पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए हैं.
ये मजदूर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली जैसे प्रदेशों में रहकर आइसक्रीम बेचने व दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि अनौगी गांव के आश्रय स्थल से पचपुखरा, खेडा, बदलेपूर्वा गांव के सैकड़ों लोग भाग निकले.
कोरोना महामारी को लेकर घोषित हुए लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं ऐसे में कोरोना जैसी घातक बीमारी गांवों में न फैले इसलिए ग्राम प्रधानों की मदद से ग्राम पंचायतों के प्राथमिक विद्यालयों में अस्थाई आश्रय स्थल बनवा दिये गए और बाहर से आए लोगों को यहां रोक दिया गया.
आश्रय स्थल पर सभी जरूरी प्रबंध करने के निर्देश प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों को दिए थे लेकिन व्यवस्था न होने के कारण लोग भाग निकले. अब पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से पूछताछ कर आश्रय स्थल से गायब होने वालों की खोजबीन शुरू कर दी है.