कन्नौज: सांसद सुब्रत पाठक के समर्थकों ने पिछले दिनों सदर तहसीलदार अरविंद कुमार और लेखपाल के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की थी. इस प्रकरण में तहसीलदार की तहरीर पर सांसद और उनके समर्थकों पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था, लेकिन इस मामले में नाटकीय मोड़ देखने को मिल रहा है. सांसद समर्थक तसीलदार के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने तहसीलदार के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है.
आहत तहसीलदार भी घर में कैद
सांसद समर्थकों ने सदर कोतवाली में तहसीलदार और दो लेखपालों सहित कई अज्ञात के खिलाफ मारपीट सहित कई आरोपों से जुड़ी एक तहरीर दी. तहरीर में खुद को सांसद कार्यालय का प्रभारी बताने वाले अविनाश बेरिया की ओर से दी गई है, जिसमे तहसीलदार और दो लेखपालों के खिलाफ मारपीट सहित कई आरोप लगाए गए हैं. हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है, जिससे सांसद समर्थको में रोष व्याप्त है. वहीं दूसरी ओर घटना से आहत तहसीलदार भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.
उच्चाधिकारियों की अनुमति न मिलने पर भाजपाइयों की तहरीर हुई वापस
सदर तहसील परिसर में मंगलवार दोपहर को तहसीलदार अरविंद कुमार के आवास में घुसकर भाजपाइयों ने मारपीट की थी. सांसद सुब्रत पाठक के अलावा भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी सचिन शर्मा, सौरभ कटियार और शिवेंद्र के अलावा 25 अज्ञात के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था.
इसके बाद देर रात करीब एक बजे सांसद पक्ष की ओर से सांसद कार्यालय प्रभारी अवनीश बेरिया समर्थकों के साथ सदर कोतवाली पहुंचे. कोतवाल नागेंद्र कुमार पाठक को सदर तहसीलदार अरविंद कुमार, लेखपाल अमित राय, रामबरन और कुछ अज्ञात के खिलाफ तहरीर सौंपी. उच्चाधिकारियों से मुकदमा दर्ज करने की स्वीकृति न मिलने से कोतवाल ने तहरीर को वापस कर दिया.
तहसीलदार पर हमले के बाद भी नहीं दिखी सुरक्षा
राशन वितरण के मामले को लेकर तहसीलदार सदर पर हुए हमले के बाद भी पुलिस ने उनकी सुरक्षा नहीं बढ़ाई. तहसीलदार के आवास पर सुरक्षा व्यवस्था में इजाफा नहीं किया गया है. घायल तहसीलदार अभी अपनी पत्नी व बच्ची के साथ अपने सरकारी आवास पर ही रह रहे हैं. उनके सरकारी आवास के मुख्य गेट पर सन्नाटा दिख रहा है.
सपा नेताओं ने मजिस्ट्रेटी जांच की उठाई मांग
तहसीलदार की पिटाई के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सपा ने इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच की मांग उठाई है. सपा के पूर्व ब्लाक प्रमुख ने कहा कि जहां पूरा देश कोरोना जैसी महामारी के संकट से गुजर रहा है, ऐसें में भाजपा के सांसद का सरकारी काम में बाधा डालने और अफसरों की पिटाई की घटना बहुत ही निंदनीय है.