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मारपीट में घायल अधिवक्ता की इलाज के दौरान मौत, वकीलों ने लगाया जाम - कन्नौज में हत्या

यूपी के कन्नौज जिले में मारपीट में घायल हुए अधिवक्ता की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद नाराज अधिवक्ताओं ने सड़क जामकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

कन्नौज में अधिवक्ता की मौत
कन्नौज में अधिवक्ता की मौत
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Published : Dec 9, 2020, 8:01 PM IST

कन्नौज: जिले के तालग्राम गांव में भूमि विवाद में दबंगों की पिटाई से घायल हुए अधिवक्ता की कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. बुधवार की शाम मृतक अधिवक्ता का शव कन्नौज आते ही आक्रोशित वकीलों ने पुरानी कचहरी के सामने जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वकीलों ने दबंगों की तत्काल गिफ्तारी व तत्कालीन एचएसओ तालग्राम पर कार्रवाई की मांग की. जाम की खबर मिलते ही एडीएम, एसडीएम सदर, एएसपी समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा. कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद वकीलों ने जाम खोला. पुलिस ने शव का पंचनामा भरने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

जानकारी देते राम भजन सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन.
क्या है पूरा मामलातालग्राम निवासी अधिवक्ता शिव कुमार सिसौदिया का गांव के ही कुछ लोगों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. बीते दो अक्तूबर को फार्म से लौटते समय कलकत्ता गांव के सामने दबंगों ने अधिवक्ता व उनके पुत्र अगम सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वह और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था. आरोप था कि पुलिस ने अधिवक्ता की रिपोर्ट दर्ज करने की बजाए उनको ही जेल भेज दिया था. इसके बाद वकीलों ने हड़ताल कर एफआईआर दर्ज करवाई थी. जमानत के बाद अधिवक्ता को इलाज के लिए कानपुर में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई.कार्रवाई की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने लगाया जामसाथी अधिवक्ता की मौत की खबर मिलते ही कई अधिवक्ता पुरानी कचहरी पहुंच गए. शव कन्नौज पहुंचते ही अधिवक्ताओं ने जीटी रोड पर जाम लगा दिया. अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वह आरोपियों की गिरफ्तारी व तत्कालीन एसएचओ विनोद कुमार मिश्रा पर कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए. मामले की जानकारी मिलते ही एडीएम गजेंद्र सिंह, एसडीएम सदर गौरव शुक्ला, एएसपी विनोद कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. वकीलों को समझा बुझाकर शांत कराया. कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद वकीलों ने जाम खोल दिया. पुलिस ने कागजी कार्रवाई करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.गिरफ्तारी न होने पर आंदेलन की दी चेतावनी

अधिवक्ताओं ने अधिकारियों को एक दिन का समय दिया है. उन्होंने एक दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

कन्नौज: जिले के तालग्राम गांव में भूमि विवाद में दबंगों की पिटाई से घायल हुए अधिवक्ता की कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. बुधवार की शाम मृतक अधिवक्ता का शव कन्नौज आते ही आक्रोशित वकीलों ने पुरानी कचहरी के सामने जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वकीलों ने दबंगों की तत्काल गिफ्तारी व तत्कालीन एचएसओ तालग्राम पर कार्रवाई की मांग की. जाम की खबर मिलते ही एडीएम, एसडीएम सदर, एएसपी समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा. कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद वकीलों ने जाम खोला. पुलिस ने शव का पंचनामा भरने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

जानकारी देते राम भजन सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन.
क्या है पूरा मामलातालग्राम निवासी अधिवक्ता शिव कुमार सिसौदिया का गांव के ही कुछ लोगों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. बीते दो अक्तूबर को फार्म से लौटते समय कलकत्ता गांव के सामने दबंगों ने अधिवक्ता व उनके पुत्र अगम सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वह और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था. आरोप था कि पुलिस ने अधिवक्ता की रिपोर्ट दर्ज करने की बजाए उनको ही जेल भेज दिया था. इसके बाद वकीलों ने हड़ताल कर एफआईआर दर्ज करवाई थी. जमानत के बाद अधिवक्ता को इलाज के लिए कानपुर में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई.कार्रवाई की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने लगाया जामसाथी अधिवक्ता की मौत की खबर मिलते ही कई अधिवक्ता पुरानी कचहरी पहुंच गए. शव कन्नौज पहुंचते ही अधिवक्ताओं ने जीटी रोड पर जाम लगा दिया. अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वह आरोपियों की गिरफ्तारी व तत्कालीन एसएचओ विनोद कुमार मिश्रा पर कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए. मामले की जानकारी मिलते ही एडीएम गजेंद्र सिंह, एसडीएम सदर गौरव शुक्ला, एएसपी विनोद कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. वकीलों को समझा बुझाकर शांत कराया. कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद वकीलों ने जाम खोल दिया. पुलिस ने कागजी कार्रवाई करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.गिरफ्तारी न होने पर आंदेलन की दी चेतावनी

अधिवक्ताओं ने अधिकारियों को एक दिन का समय दिया है. उन्होंने एक दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

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