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दहेज हत्या में सास को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - life imprisonment for dowry death in Kannauj

कन्नौज न्यायालय ने दहेज के लिए बहू की आग लगा कर हत्या करने में दोषी पाए जाने पर सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, देवर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.

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Published : Apr 27, 2023, 9:30 PM IST

कन्नौज: दहेज हत्या के मामले में कोर्ट ने महिला की सास और देवर को दोषी करार दिया है. आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला जज ने दोषी सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में देवर के मौजूद न होने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में पति दोष मुक्त करार दिया गया है.

क्या है पूरा मामला: अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के सफीपुर जब्ती गांव निवासी मोहतसीन उर्फ गुड्डू ने 27 सितंबर 2019 को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसकी बहन रेश्मा बेगम का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से बालापीर मोहल्ला निवासी सीबू के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही पति, सास अकीला बेगम, देवर संजू, दानिश, ननद जेबा बहन को कम दहेज का ताना देते हुए मारपीट करते थे. अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपए व कार की मांग कर प्रताड़ित करते थे. 25 सितम्बर की सुबह बहन को आग लगाकर सभी लोग भाग गए. मौके पर पहुंचने पर बहन जली अवस्था में मिली. बहन को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान रेशमा बेगम की शाम को मौत हो गई.

पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. आरोप सिद्ध होने पर गुरुवार को अपर जिला जज विशंभर प्रसाद ने सास अकीला बेगम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, सजा सुनाए जाने के दौरान आरोपी देवर संजू न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ. जिसके चलते कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से कोर्ट ने पति सीबू को दोष मुक्त करार दिया है.

कन्नौज: दहेज हत्या के मामले में कोर्ट ने महिला की सास और देवर को दोषी करार दिया है. आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला जज ने दोषी सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में देवर के मौजूद न होने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में पति दोष मुक्त करार दिया गया है.

क्या है पूरा मामला: अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के सफीपुर जब्ती गांव निवासी मोहतसीन उर्फ गुड्डू ने 27 सितंबर 2019 को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसकी बहन रेश्मा बेगम का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से बालापीर मोहल्ला निवासी सीबू के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही पति, सास अकीला बेगम, देवर संजू, दानिश, ननद जेबा बहन को कम दहेज का ताना देते हुए मारपीट करते थे. अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपए व कार की मांग कर प्रताड़ित करते थे. 25 सितम्बर की सुबह बहन को आग लगाकर सभी लोग भाग गए. मौके पर पहुंचने पर बहन जली अवस्था में मिली. बहन को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान रेशमा बेगम की शाम को मौत हो गई.

पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. आरोप सिद्ध होने पर गुरुवार को अपर जिला जज विशंभर प्रसाद ने सास अकीला बेगम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, सजा सुनाए जाने के दौरान आरोपी देवर संजू न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ. जिसके चलते कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से कोर्ट ने पति सीबू को दोष मुक्त करार दिया है.


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