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दहेज हत्या मामले में कोर्ट ने पति, सास व ननद को सुनाई दस साल कैद की सजा - ADJ I Vishambhar Prasad

कन्नौज में कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने पर आरोपी पति, सास व ननद को दस-दस साल कारावास की  सजा सुनाई है. यह फैसला एडीजे प्रथम विशंभर प्रसाद ने सुनाया है.

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Published : Oct 29, 2022, 10:49 PM IST

कन्नौजः दहेज हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी पति, सास व ननद को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक आरोपी पर 12-12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. यह फैसला एडीजे प्रथम विशंभर प्रसाद ने सुनाया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए गए.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि शिकायतकर्ता मैनपुरी जनपद भोगांव थाना क्षेत्र के रूई गांव निवासी रामकृष्ण ने विशुनगढ़ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसने अपनी बहन रिंकी (23) की शादी 30 मई 2009 को उस्मानपुर गांव निवासी मुकेश पाल पुत्र काली चरण के साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ की थी. शादी में सामर्थ के अनुसार खूब दान दहेज भी दिया था, लेकिन शादी में दिए गए दहेज से ससुरालीजन खुश नहीं हुए. पति मुकेश पाल, सास विद्यावती, ननद नीरज, गुड्डी, अल्ली व पप्पी 50 हजार रुपये व कार की मांग करते हुए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. 1 अगस्त 2013 को बहन को ज्वलनशील पदार्थ डालकर जलाकर मौत के घाट उतार दिया.

घटना के तीन दिन बाद यानी तीन अगस्त को रिंकी का शव तालाब में घर के पास उतराता मिला था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत होने की बात सामने आई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना की. विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने पर गुड्डी, अल्ली व पप्पी नाम निकाल दिए गए. पुलिस ने पति मुकेश पाल, सास विद्यावती व ननद नीरज के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए.

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए. साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर शनिवार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशंभर प्रसाद ने पति, सास व ननद को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 12- 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. धारा 304 में दस-दस साल, 498 ए में दो-दो साल व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना, धारा 201 में चार-चार वर्ष कारावास व पांच-पांच हजार रुपये, धारा दहेज 4 प्रतिषेध अधिनियम में छह-छह माह कारावास व दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

मां के साथ दो मासूमों को भी जाना पड़ेगा जेल
जब घटना हुई थी तब नीरज अविवाहित थी, लेकिन वह अब शादी शुदा है. सजा सुनाए जाने के दौरान उसका एक पुत्र कंहैया चार साल का तो दूसरा बेटा माधव दो साल का है. अधिवक्ता ने बताया कि जेन मैन्युअल के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु होने के कारण बच्चे मां के साथ रहेगें.

नौ साल से जेल में बंद है पति
पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति मुकेश करीब नौ साल दो माह से जेल में बंद है, जबकि मां व बहन जमानत पर बाहर थी.

पढ़ेंः मुजफ्फरनगर कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई दो-दो साल की कैद

कन्नौजः दहेज हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी पति, सास व ननद को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक आरोपी पर 12-12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. यह फैसला एडीजे प्रथम विशंभर प्रसाद ने सुनाया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए गए.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि शिकायतकर्ता मैनपुरी जनपद भोगांव थाना क्षेत्र के रूई गांव निवासी रामकृष्ण ने विशुनगढ़ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसने अपनी बहन रिंकी (23) की शादी 30 मई 2009 को उस्मानपुर गांव निवासी मुकेश पाल पुत्र काली चरण के साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ की थी. शादी में सामर्थ के अनुसार खूब दान दहेज भी दिया था, लेकिन शादी में दिए गए दहेज से ससुरालीजन खुश नहीं हुए. पति मुकेश पाल, सास विद्यावती, ननद नीरज, गुड्डी, अल्ली व पप्पी 50 हजार रुपये व कार की मांग करते हुए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. 1 अगस्त 2013 को बहन को ज्वलनशील पदार्थ डालकर जलाकर मौत के घाट उतार दिया.

घटना के तीन दिन बाद यानी तीन अगस्त को रिंकी का शव तालाब में घर के पास उतराता मिला था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत होने की बात सामने आई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना की. विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने पर गुड्डी, अल्ली व पप्पी नाम निकाल दिए गए. पुलिस ने पति मुकेश पाल, सास विद्यावती व ननद नीरज के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए.

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए. साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर शनिवार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशंभर प्रसाद ने पति, सास व ननद को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 12- 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. धारा 304 में दस-दस साल, 498 ए में दो-दो साल व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना, धारा 201 में चार-चार वर्ष कारावास व पांच-पांच हजार रुपये, धारा दहेज 4 प्रतिषेध अधिनियम में छह-छह माह कारावास व दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

मां के साथ दो मासूमों को भी जाना पड़ेगा जेल
जब घटना हुई थी तब नीरज अविवाहित थी, लेकिन वह अब शादी शुदा है. सजा सुनाए जाने के दौरान उसका एक पुत्र कंहैया चार साल का तो दूसरा बेटा माधव दो साल का है. अधिवक्ता ने बताया कि जेन मैन्युअल के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु होने के कारण बच्चे मां के साथ रहेगें.

नौ साल से जेल में बंद है पति
पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति मुकेश करीब नौ साल दो माह से जेल में बंद है, जबकि मां व बहन जमानत पर बाहर थी.

पढ़ेंः मुजफ्फरनगर कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई दो-दो साल की कैद

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