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कन्नौज: गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में सजाई गई झांकी, श्रद्धालुओं की लंबी कतार

उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में झांकी सजाई गई है. काफी दूर दूर से भक्त झांकी के दर्शन को लिए मंदिर परिसर में आते हैं, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में झांकी सजाई गई है.
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Published : Aug 19, 2019, 11:17 AM IST

कन्नौज: सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव मनाया गया है. बाबा का भव्य श्रृंगार देख भक्त बहुत खुश हैं. यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है.

सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर-
शहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में चल रहे दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के दौरान दूसरे दिन भी भक्तों की भारी भीड़ में देखने को मिली है. यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं. वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन मंदिर में सजी भव्य झांकी को देखने और बाबा गौरीशमंदिर के दर्शन करने के लिए शाम होते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगाता है.

गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में झांकी सजाई गई है.

गौरी शंकर मंदिर भव्य श्रृंगार-
बाबा का भव्य श्रृंगार होने के बाद मंदिर के पट खोल दिए जाता है, जिसके बाद भक्त भारी संख्या में आरती कर प्रसाद ग्रहण करते हैं. आरती संपूर्ण होने के बाद मंदिर में बाबा दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इससे पुलिसकर्मियों और मंदिर कमेटी कर्मचारियों को भक्तों की भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए खास दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. जबकि मंदिर में चल रहे भजनों का आनंद लेने के लिए देर रात तक स्थानीय भक्तों की चहल-पहल बनी रहती है. देर रात तक बाबा की झांकी के दर्शन के लिए भक्तों का आना जाना लगा रहा.

क्या है इस मन्दिर का इतिहास-
मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह मंदिर छठी शताब्दी पूर्व का माना जाता है. छठी शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के समय यहां इस मंदिर की देखरेख के लिए 1000 पुजारी शिवार्चन के लिए नियुक्त थे. कन्नौज शहर के पूर्वी छोर में स्थित सिद्धपीठ इस बाबा गौरी शंकर मंदिर को पौराणिक भाषा में गौरी पीठ भी कहा जाता है. जहां-जहां माता सती के शव के अंग गिरे थे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई थी. उसी क्रम में कान्यकुब्ज, कन्नौज क्षेत्र में मां गौरी के अंग गिरने से यह स्थान भी 51 शक्ति पीठ में शुमार किया जाता है.

पढ़ें-कन्नौज: पुलिस की गिरफ्त में आई 2 महिला तस्कर, अवैध हथियारों की करती थी तस्करी

कन्नौज: सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव मनाया गया है. बाबा का भव्य श्रृंगार देख भक्त बहुत खुश हैं. यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है.

सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर-
शहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में चल रहे दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के दौरान दूसरे दिन भी भक्तों की भारी भीड़ में देखने को मिली है. यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं. वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन मंदिर में सजी भव्य झांकी को देखने और बाबा गौरीशमंदिर के दर्शन करने के लिए शाम होते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगाता है.

गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में झांकी सजाई गई है.

गौरी शंकर मंदिर भव्य श्रृंगार-
बाबा का भव्य श्रृंगार होने के बाद मंदिर के पट खोल दिए जाता है, जिसके बाद भक्त भारी संख्या में आरती कर प्रसाद ग्रहण करते हैं. आरती संपूर्ण होने के बाद मंदिर में बाबा दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इससे पुलिसकर्मियों और मंदिर कमेटी कर्मचारियों को भक्तों की भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए खास दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. जबकि मंदिर में चल रहे भजनों का आनंद लेने के लिए देर रात तक स्थानीय भक्तों की चहल-पहल बनी रहती है. देर रात तक बाबा की झांकी के दर्शन के लिए भक्तों का आना जाना लगा रहा.

क्या है इस मन्दिर का इतिहास-
मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह मंदिर छठी शताब्दी पूर्व का माना जाता है. छठी शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के समय यहां इस मंदिर की देखरेख के लिए 1000 पुजारी शिवार्चन के लिए नियुक्त थे. कन्नौज शहर के पूर्वी छोर में स्थित सिद्धपीठ इस बाबा गौरी शंकर मंदिर को पौराणिक भाषा में गौरी पीठ भी कहा जाता है. जहां-जहां माता सती के शव के अंग गिरे थे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई थी. उसी क्रम में कान्यकुब्ज, कन्नौज क्षेत्र में मां गौरी के अंग गिरने से यह स्थान भी 51 शक्ति पीठ में शुमार किया जाता है.

पढ़ें-कन्नौज: पुलिस की गिरफ्त में आई 2 महिला तस्कर, अवैध हथियारों की करती थी तस्करी

Intro:कन्नौज से सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर के वार्षिकोत्सव में सजाई गई झांकी की लाइव रिपोर्ट

कन्नौज के सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव मनाया गया जिसमें बाबा का भव्य श्रृंगार देख भक्त गदगद हुए यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और काफी दूर दूर से भक्त झांकी के दर्शन को मंदिर परिसर में पहुंचे आइए देखते हैं कन्नौज से यह खास रिपोर्ट।


Body:शहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर में चल रहे दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के दौरान दूसरे दिन भी भक्तों की भारी भीड़ में देखने को मिली । यहां सजाई गई बाबा की अद्भुत झांकी और मंदिर की साज-सज्जा देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही । वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन मंदिर में सजी भव्य झांकी को देखने और बाबा गौरीशमंदिर के दर्शन करने के लिए शाम होते ही मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा । बाबा का भव्य श्रृंगार होने के बाद मंदिर के पट खोल दिए गए।


Conclusion:जिसके बाद भक्तों ने भारी संख्या में आरती कर प्रसाद ग्रहण किया । आरती संपूर्ण होने के बाद मंदिर में बाबा दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे पुलिसकर्मियों व मंदिर कमेटी कर्मचारियों को भक्तों की भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए खास दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। जबकि मंदिर में चल रहे भजनों का आनंद लेने के लिए देर रात तक स्थानीय भक्तों की चहल-पहल बनी रही और देर रात तक बाबा की झांकी के दर्शन के लिए भक्तों का आना जाना लगा रहा।

क्या है इस मन्दिर का इतिहास

इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है । यह मंदिर छठी शताब्दी पूर्व का माना जाता है । छठी शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के समय यहां इस मंदिर की देखरेख के लिए 1000 पुजारी शिवार्चन के लिए नियुक्त थे। कन्नौज शहर के पूर्वी छोर में स्थित सिद्धपीठ इस बाबा गौरी शंकर मंदिर को पौराणिक भाषा में गौरी पीठ भी कहा जाता है। जहां-जहां माता सती के शव के अंग गिरे थे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई थी । उसी क्रम में कान्यकुब्ज (कन्नौज) क्षेत्र में मां गौरी के अंग गिरने से यह स्थान भी 51 शक्ति पीठ में शुमार किया जाता है । श्रद्धालु गौरी और शंकर दोनों को अर्धनारीश्वर के रूप में देखते हैं, अर्थात शिव का आधा पुरुष रूप में है और दूसरे रूप में पार्वती स्वरूप हैं । रामचरितमानस में भी इसका उल्लेख मिलता है।
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
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