आजमगढ़: 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के कोट चौराहे पर जानलेवा हमले के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने गवाहों के मुकर जाने के बाद पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में सभी 10 आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया. वहीं मुकदमे में गवाही से मुकरने को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने वादी मुकदमा विधान परिषद सदस्य शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 3 जैनेंद्र कुमार पांडे ने सुनाया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार एमएलसी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 5 मार्च 2022 को चुनाव प्रचार से जब लौट रहे थे. मध्य रात्रि एक बजे शहर के कोट चौराहे पर समाजवादी पार्टी के तीस चालीस लोगों ने उन्हें घेर कर जानलेवा हमला किया. गुड्डू जमाली ने शहर कोतवाली में आजम एबाद खान, अबू जफर आजमी, अफजल उर्फ गुड्डू, मोहम्मद आजम उर्फ मामा, असफर खान उर्फ अशफा खान, रिंकू उर्फ मोहम्मद जकारिया, खुरदिल उर्फ मिर्ज़ा फ़राज़, अबू बकर तथा अब्दुल्ला समेत दस के विरुद्ध नामजद एवं तीस चालीस अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई.
पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी 10 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में सबमिट की. अभियोजन पक्ष की तरफ से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली समेत छह गवाह न्यायालय में पेश हुए. शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली समेत सभी गवाह अदालत में पुलिस को दिए गए अपने बयान से मुकर गए. अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद सभी 10 आरोपियों को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोष मुक्त कर दिया.
अदालत ने वादी मुकदमा शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, जिससे कि शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली नियत तिथि पर अदालत में उपस्थित होकर स्पष्ट करें कि उनके बयान के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई क्यों न अमल में लाई जाए. वही इस मामले में एमएलसी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का कहना है की वह कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए अग्रिम विधिक कार्रवाई में शामिल होंगे.
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