कन्नौज: बहुजन क्रांति मोर्चा के लोगों ने प्रदर्शन कर नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के खिलाफ बताया. कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा. सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ बांटों और राज करो कि राजनीति कर रही है. उन्होंने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन में मांग कि है, दोनों कानूनों को असंवैधानिक मानते हुए इसे निरस्त किया जाए.
खास बातें
- एनआरसी, सीएए के विरोध में बहुजन क्रांति मोर्चा ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
- दिए गए ज्ञापन में दोनों कानूनों को संविधान के खिलाफ बताया गया.
- पदाधिकारियों ने एलान किया कि 29 जनवरी को विरोध में राष्ट्रीय बंदी की जाएगी.
- सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ बांटने की राजनीति कर रही है.
- ज्ञापन में दोनों कानूनों को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त करने की मांग की है.
कन्नौज बहुजन क्रान्ति मोर्चा, यह बहुजन समाज के हित में सोशल ऑर्गेनाइजेशन है. हम लोग एनआरसी और सीएए के विरोध में इसलिए आये हुए हैं, क्योंकि यह मामला बीजेपी द्वारा हिन्दू और मुसलमान का बनाया जा रहा है. एनआरसी और सीएए का जो यह षड्यंत्र है, वह हम नहीं होने देंगे. हमारा अगला स्टैंड 29 जनवरी को होगा. हम पूरे भारत में सभी बहुजन समाज के लोग राष्ट्रीय बंदी करेंगे.
सतवंत सिंह राणा, मुख्य पदाधिकारी, बहुजन क्रांति मोर्चा