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कन्नौज: 16 साल बाद सरकार ने नीरज हत्याकांड की मांगी रिपोर्ट

कन्नौज जिले के छिबरामऊ में 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता नीरज मिश्रा की हत्या कर दी गई थी. नीरज हत्याकांड मामले में प्रदेश सरकार ने एक बार फिर रिपोर्ट तलब की है. प्रदेश सरकार के विशेष सचिव ने सभी तथ्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. दंगे के कई दिनों बाद नीरज की ईशन नदी में सिर कटी लाश मिली थी.

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नीरज हत्याकांड की मांगी रिपोर्ट
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Published : Sep 10, 2020, 8:16 AM IST

कानपुर: छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के कसावा गांव निवासी भाजपा बूथ अध्यक्ष नीरज मिश्रा की 16 साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने का विरोध करने पर हत्या कर दी गई थी. 6 मई 2004 को नीरज का बिना सिर का शव ईशन नदी में पड़ा मिला था. काफी कोशिशों के बाद भी पुलिस सिर को नहीं खोज सकी थी.

नीरज के गांव के बूथ बाबा हरिपुर इंटर कॉलेज पर विवाद हुआ था. नीरज के भाई मुनीश मिश्रा ने आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने भाई के हत्याकांड की दोबारा जांच कराए जाने की सरकार से गुहार लगाई थी. अब प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अटल राय ने कोतवाली पुलिस को पत्र भेजकर आख्या मांगी है.

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी रिपोर्ट
1- जर्मन सिंह यादव (तत्कालीन सिपाही छिबरामऊ कोतवाली)
2- अशोक कुमार यादव निवासी कबीरगंज
3- अवनीश कुमार यादव निवासी कबीरगंज
4- पप्पू यादव निवासी कबीरगंज
5- मुन्नू सिंह यादव निवासी कबीरगंज
6- सुनील कुमार यादव निवासी कबीरगंज
7- हरिविलास यादव निवासी कबीरगंज
8- बृजेन्द्र सहाय दुबे उर्फ गांधी निवासी कसावा ( मृत्यु हो
चुकी)

पांच को हुई थी आजीवन कारावास
नीरज हत्याकांड में एक पुलिसकर्मी सहित आठ लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें अशोक, अवनीश, पप्पू, मुन्नू, हरिविलास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 9 माह बाद ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे लोगों को जमानत मिल गई थी. अभी भी सभी जमानत पर बाहर हैं. पुलिस ने विवेचना के दौरान सिपाही जर्मन सिंह का नाम निकाल दिया था, जबकि साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने सुनील सिंह को बरी कर दिया था.

शासन की ओर से भेजे गए पत्र पर कार्रवाई की जा रही है. पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने मानसून सत्र के दौरान नीरज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा उठाया था. 16 साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने का विरोध करने पर नीरज की हत्या कर दी गई थी.
शिव कुमार थापा, सीओ

कानपुर: छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के कसावा गांव निवासी भाजपा बूथ अध्यक्ष नीरज मिश्रा की 16 साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने का विरोध करने पर हत्या कर दी गई थी. 6 मई 2004 को नीरज का बिना सिर का शव ईशन नदी में पड़ा मिला था. काफी कोशिशों के बाद भी पुलिस सिर को नहीं खोज सकी थी.

नीरज के गांव के बूथ बाबा हरिपुर इंटर कॉलेज पर विवाद हुआ था. नीरज के भाई मुनीश मिश्रा ने आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने भाई के हत्याकांड की दोबारा जांच कराए जाने की सरकार से गुहार लगाई थी. अब प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अटल राय ने कोतवाली पुलिस को पत्र भेजकर आख्या मांगी है.

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी रिपोर्ट
1- जर्मन सिंह यादव (तत्कालीन सिपाही छिबरामऊ कोतवाली)
2- अशोक कुमार यादव निवासी कबीरगंज
3- अवनीश कुमार यादव निवासी कबीरगंज
4- पप्पू यादव निवासी कबीरगंज
5- मुन्नू सिंह यादव निवासी कबीरगंज
6- सुनील कुमार यादव निवासी कबीरगंज
7- हरिविलास यादव निवासी कबीरगंज
8- बृजेन्द्र सहाय दुबे उर्फ गांधी निवासी कसावा ( मृत्यु हो
चुकी)

पांच को हुई थी आजीवन कारावास
नीरज हत्याकांड में एक पुलिसकर्मी सहित आठ लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें अशोक, अवनीश, पप्पू, मुन्नू, हरिविलास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 9 माह बाद ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे लोगों को जमानत मिल गई थी. अभी भी सभी जमानत पर बाहर हैं. पुलिस ने विवेचना के दौरान सिपाही जर्मन सिंह का नाम निकाल दिया था, जबकि साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने सुनील सिंह को बरी कर दिया था.

शासन की ओर से भेजे गए पत्र पर कार्रवाई की जा रही है. पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने मानसून सत्र के दौरान नीरज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा उठाया था. 16 साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने का विरोध करने पर नीरज की हत्या कर दी गई थी.
शिव कुमार थापा, सीओ

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