झांसीः इंसान हिम्मत न हारे तो मुश्किल काम भी बेहद आसान साबित हो जाता है. इसी का उदाहरण है गरौठा के रहने वाले जितेंद्र. जिनका एक दुर्घटना में दोनों हाथ और दोनों पैर खराब हो गए थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जितेंद्र ने इस शारीरिक अपंगता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और हर उस काम को बखूबी अंजाम देने की कोशिश करते रहे. जिसे शारीरिक रूप से सक्षम एक व्यक्ति अंजाम दे सकता है. जितेंद्र न सिर्फ रोजमर्रा के काम करते हैं बल्कि कार भी ड्राइव कर लेते हैं.
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बिजली का काम करते समय हुए दुर्घटना का शिकार
जितेंद्र कुमार सोनी बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे. उसी दौरान 3 दिसम्बर 2007 को बिजली का काम करते समय अचानक करंट आ जाने के कारण जितेंद्र दुर्घटना का शिकार हो गए. उनके एक हाथ का झांसी में जबकि दूसरे हाथ और दोनों पैरों का दिल्ली में ऑपरेशन कराया गया. हाथ-पैर भले ही जितेंद्र का साथ छोड़ गए लेकिन हौसले ने उनका साथ नहीं छोड़ा.
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आसपास के बच्चों को स्कूल ले जाते है जितेन्द्र
दुर्घटना के कुछ समय तक तो जितेंद्र ने बिस्तर पर आराम किया, लेकिन वे घर के छोटे-मोटे कामों में सहयोग करने लगे. धीरे-धीरे वे कार भी चलाने लगे और आसपास के क्षेत्रों में जाने से लेकर बच्चों को स्कूल ले जाने और ले आने का भी काम वे खुद कार ड्राइव कर करते हैं. वे मोबाइल भी चलाते हैं और जरूरी होने पर सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर भी भेज देते हैं.