झांसी: पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े सुरेन्द्र सिंह यादव बौक्सी ने राज्य निर्माण की मांग को बुलंद करने के मकसद से रविवार को अनूठा तरीका अपनाया है. उन्होंने आंदोलनकारियों की ओर से प्रस्तावित बुन्देलखण्ड राज्य के नक्शे और झंडे को विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर फहराने का संकल्प लिया है.
बुन्देलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग, माउंट एवरेस्ट पर झंडा फहराएंगे सुरेंद्र बौक्सी
बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर पर्वतारोही सुरेन्द्र सिंह यादव बौक्सी ने अनोखा तरीका अपनाया है. उन्होंने बुन्देलखण्ड राज्य के नक्शे और झंडे को विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर फहराने का संकल्प लिया है.
माउंट एवरेस्ट चढ़ने जा रहे हैं सुरेंद्र बौक्सी
झांसी: पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े सुरेन्द्र सिंह यादव बौक्सी ने राज्य निर्माण की मांग को बुलंद करने के मकसद से रविवार को अनूठा तरीका अपनाया है. उन्होंने आंदोलनकारियों की ओर से प्रस्तावित बुन्देलखण्ड राज्य के नक्शे और झंडे को विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर फहराने का संकल्प लिया है.
बौक्सी को सैनिक स्कूल में पढ़ने के समय से ही माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने की चाहत थी. इसके लिए उन्होंने पर्वतारोहण संस्थान नेहरू इन्सटीट्यूट ऑफ माउंटनेरिंग उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का कोर्स पूरा किया . दो साल की ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद वे एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार हैं. बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा की ओर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने बौक्सी को झंडा सौपते हुए उनकी सफलता की कामना की. साथ उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया.
बेहतर प्रशासन के लिए छोटे राज्य की वकालत
इस मौके पर सुरेंद्र बौक्सी ने कहा कि मैं बुन्देलखण्ड का निवासी हूं और किसान का बेटा हूं. इस क्षेत्र में विकास की तमाम दुश्वारियां हैं. अच्छे प्रशासन के लिए छोटे राज्य का बनना बहुत जरूरी है. आजादी के पूर्व से ही बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग चलती चली आ रही है. इसी मांग को बुलंद करने के लिए मैंने संकल्प लिया है कि राज्य निर्माण की मांग को लेकर एवरेस्ट तक जाऊं, जिससे बहरी-गूंगी सरकारें हमारी बात सुनें और बुन्देलखण्ड राज्य जल्द से जल्द बनाएं.
काठमांडू से शुरू होगी यात्रा
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि सुरेंद्र बौक्सी बुन्देलखण्ड के पहले योद्धा हैं, जो एवरेस्ट की चोटी फतह करने जा रहे हैं. तिरंगे के साथ वे प्रस्तावित बुन्देलखण्ड राज्य का झंडा भी एवरेस्ट पर फहराएंगे. बौक्सी 31 मार्च को काठमांडू पहुंचेंगे और वहां से इनकी यात्रा प्रारंभ होगी.
बौक्सी को सैनिक स्कूल में पढ़ने के समय से ही माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने की चाहत थी. इसके लिए उन्होंने पर्वतारोहण संस्थान नेहरू इन्सटीट्यूट ऑफ माउंटनेरिंग उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का कोर्स पूरा किया . दो साल की ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद वे एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार हैं. बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा की ओर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने बौक्सी को झंडा सौपते हुए उनकी सफलता की कामना की. साथ उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया.
बेहतर प्रशासन के लिए छोटे राज्य की वकालत
इस मौके पर सुरेंद्र बौक्सी ने कहा कि मैं बुन्देलखण्ड का निवासी हूं और किसान का बेटा हूं. इस क्षेत्र में विकास की तमाम दुश्वारियां हैं. अच्छे प्रशासन के लिए छोटे राज्य का बनना बहुत जरूरी है. आजादी के पूर्व से ही बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग चलती चली आ रही है. इसी मांग को बुलंद करने के लिए मैंने संकल्प लिया है कि राज्य निर्माण की मांग को लेकर एवरेस्ट तक जाऊं, जिससे बहरी-गूंगी सरकारें हमारी बात सुनें और बुन्देलखण्ड राज्य जल्द से जल्द बनाएं.
काठमांडू से शुरू होगी यात्रा
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि सुरेंद्र बौक्सी बुन्देलखण्ड के पहले योद्धा हैं, जो एवरेस्ट की चोटी फतह करने जा रहे हैं. तिरंगे के साथ वे प्रस्तावित बुन्देलखण्ड राज्य का झंडा भी एवरेस्ट पर फहराएंगे. बौक्सी 31 मार्च को काठमांडू पहुंचेंगे और वहां से इनकी यात्रा प्रारंभ होगी.