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शिवरात्रि तक अपने पुराने स्वरुप में लौटेगा ये भव्य शिवमदिंर

सालों से वीरान पड़ा ये मदिंर शिवरात्रि तक अपने पुराने रुप में वापस आ जायेगा.कई सालों से ये मदिंर एक समुदाय के कब्जे से घिरा था. कब्जा खाली होने के बाद अब मंदिर को पुराने स्वरूप में लाया जा रहा है.

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Published : Feb 23, 2019, 10:36 AM IST

पुराने स्वरुप में लौटेगा यह शिवमदिंर

झांसी : जिले में सालों से वीरान पड़ा ये मदिंर शिवरात्रि तक अपने पुराने रुप में वापस आ जायेगा. 3 साल पहले तक ये मंदिर एक समुदाय के कब्जे से घिरा था. लेकिन जन सहयोग से मंदिर का कायाकल्प हो रहा है.

गोविंद चौराहे के समीप मडिया मोहल्ला में महाकालेश्वर मंदिर समेत 12 मंदिर समाधियों का निर्माण कराया गया था. पुरातत्व महत्व के इन आकर्षक मंदिरों पर काफी समय तक एक समुदाय विशेष का कब्जा रहा. इस कारण ये मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए.

पुराने स्वरुप में लौटेगा यह शिवमदिंर

कब्जा खाली होने के बाद अब इन मंदिरों को पुराने स्वरूप में लाया जा रहा है. श्रद्धालुओं की मदद से यह काम तेजी से हो रहा है. बीते 6 महीने पहले राज्य पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षण में लिया. 4 साल पहले यह मंदिर तब सुर्खियों में आया, जब यहां जलाभिषेक करने आ रहे गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को कानपुर में हिरासत में ले लिया गया था.

अब मंदिर परिसर को उसका पुराना स्वरूप लौटाया जा रहा है.मंदिर की बाहरी दीवारों पर जमी काई हटाई जा रही है. दीवारों की मरम्मत कर पुरानी नक्काशी बनाई जा रही है. फिर रंग रोगन होगा. मंदिर के पुजारी रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय और विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री अंचल अर्जरिया ने बताया कि यह काम जन सहयोग से हो रहा है.

झांसी : जिले में सालों से वीरान पड़ा ये मदिंर शिवरात्रि तक अपने पुराने रुप में वापस आ जायेगा. 3 साल पहले तक ये मंदिर एक समुदाय के कब्जे से घिरा था. लेकिन जन सहयोग से मंदिर का कायाकल्प हो रहा है.

गोविंद चौराहे के समीप मडिया मोहल्ला में महाकालेश्वर मंदिर समेत 12 मंदिर समाधियों का निर्माण कराया गया था. पुरातत्व महत्व के इन आकर्षक मंदिरों पर काफी समय तक एक समुदाय विशेष का कब्जा रहा. इस कारण ये मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए.

पुराने स्वरुप में लौटेगा यह शिवमदिंर

कब्जा खाली होने के बाद अब इन मंदिरों को पुराने स्वरूप में लाया जा रहा है. श्रद्धालुओं की मदद से यह काम तेजी से हो रहा है. बीते 6 महीने पहले राज्य पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षण में लिया. 4 साल पहले यह मंदिर तब सुर्खियों में आया, जब यहां जलाभिषेक करने आ रहे गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को कानपुर में हिरासत में ले लिया गया था.

अब मंदिर परिसर को उसका पुराना स्वरूप लौटाया जा रहा है.मंदिर की बाहरी दीवारों पर जमी काई हटाई जा रही है. दीवारों की मरम्मत कर पुरानी नक्काशी बनाई जा रही है. फिर रंग रोगन होगा. मंदिर के पुजारी रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय और विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री अंचल अर्जरिया ने बताया कि यह काम जन सहयोग से हो रहा है.

Intro:झांसी : 3 साल पहले तक 3 शताब्दी पुराना यह मंदिर एक समुदाय के कब्जे से घिरा था. लेकिन जन सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा है. यह मंदिर शिवरात्रि से पहले अपने पुराने स्वरूप में वापस लौट आएगा.


Body:17वीं शताब्दी में खुशियों ने महानगर में भगवान शिव के अनेक मंदिर व समाधिया बनाई थी. गोविंद चौराहे के समीप मडिया मोहल्ला में उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर समेत 12 मंदिर समाधियों का निर्माण कराया. पुरातत्व महत्व के इन आकर्षक मंदिरों पर काफी समय तक एक समुदाय विशेष का कबजा रहा. इस कारण ये मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए. कब्जा खाली होने के बाद अब इन मंदिरों को पुराने स्वरूप में लाया जा रहा है. श्रद्धालुओं की मदद से यह काम तेजी से हो रहा है.


Conclusion:बीते 6 महीने पहले राज्य पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षण में लिया. 4 साल पहले यह मंदिर तब सुर्खियों में आया था जब यहां जलाभिषेक करने आ रहे गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को कानपुर में हिरासत में ले लिया गया था. अब मंदिर परिसर को उसका पुराना स्वरूप लौटाया जा रहा है. मंदिर की बाहरी दीवारों पर जमी काई हटाई जा रही है. दीवारों की मरम्मत कर पुरानी नक्काशी बनाई जा रही है. फिर रंग रोगन होगा. मंदिर के पुजारी रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय और विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री अंचल अर्जरिया ने बताया कि यह काम जन सहयोग से हो रहा है. शिवरात्रि से पूर्व मंदिर अपने पुराने स्वरूप में होगा.

बाइट- पुजारी, रामेश्वर प्रसाद

Regarder
Ram Naresh Yadav
Jhansi
9458784159

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