झांसी: आजादी की पहली लड़ाई की महान योद्धा वीरांगना लक्ष्मीबाई की उपेक्षा पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा ने अपनी ही पार्टी के सांसद और विधायकों पर निशाना साधा है. ईटीवी भारत से बातचीत में कुशवाहा ने रानी की उपेक्षा के लिए झांसी के वर्तमान और पूर्व के जन प्रतिनिधियों की उदासीनता को जिम्मेदार बताया है.
दरअसल, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ी कई चीजें आज भी झांसी में नहीं हैं. जन संगठन इन चीजों को वापस झांसी लाये जाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की तलवार, कटार सहित युद्ध के कई अन्य सामान ग्वालियर के नगर निगम संग्रहालय में रखे हुए हैं. इसके अलावा लक्ष्मीबाई से जुड़ी कई अन्य चीजें इंग्लैंड, देहरादून और अन्य स्थानों पर रखे हुए हैं, जिन्हें झांसी लाये जाने की मांग होती रही है.
रानी की जयंती पर अवकाश होना चाहिए
ईटीवी भारत से बातचीत में हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि राजनीतिक आदमी चुना जाता है, वह प्रतिनिधित्व करता है. झांसी के सभी एमएलए, एमएलसी, लोकसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य जिस दिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सामने अड़ जाएंगे, सारी चीजें वापस आ जाएंगी, लेकिन नेताओं को मतलब ही नहीं है. उन्होंने कहा कि रानी की जयंती पर अवकाश होना चाहिए और इसे राष्ट्रीय दिवस घोषित किया जाना चाहिए.