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झांसी: लेखक राम नारायण शर्मा लोक कवि ईसुरी पर लिख रहे ग्रन्थ, पूरा होने में लगेगा एक साल - साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक राम नारायण शर्मा

उत्तर प्रदेश के झांसी के प्रसिद्ध लोक कवि ईसुरी के जीवन और रचनाकर्म पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. राम नारायण शर्मा एक ग्रन्थ लिख रहे हैं. डॉ. राम नारायण शर्मा ईसुरी के जीवन के सभी पहलुओं को समेटते हुए एक ग्रन्थ का लेखन करने में जुटे हुए हैं.

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डॉ. राम नारायण शर्मा, लेखक.
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Published : Dec 29, 2019, 8:51 AM IST

झांसी: बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध लोक कवि ईसुरी के जीवन और रचनाकर्म पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. राम नारायण शर्मा एक ग्रन्थ लिख रहे हैं. ईसुरी के फाग तो बेहद प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके जीवन और अन्य रचनाकर्मों के बारे में लोगों को बेहद कम जानकारी है. झांसी के डॉ. राम नारायण शर्मा उनके जीवन के सभी पहलुओं को समेटते हुए एक ग्रन्थ का लेखन करने में जुटे हुए हैं.

लोक कवि ईसुरी के जीवन पर ग्रन्थ लिख रहे हैं डॉ. राम नारायण शर्मा.
पूर्व में भी ईसुरी पर लिख चुके हैं पुस्तकलोक कवि ईसुरी का जन्म स्थान झांसी के निकट मऊरानीपुर क्षेत्र के मेढकी गांव को माना जाता है. उनके लिखे फाग लोक जीवन में बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं. ईसुरी पर राम नारायण शर्मा पूर्व में भी एक पुस्तक 'महाकवि ईसुरी बुंदेली काव्य' नाम से लिख चुके हैं. अब उनके जीवन पर आधारित एक सम्पूर्ण ग्रन्थ का लेखन डॉ. शर्मा कर रहे हैं.'महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ' है नामईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. राम नारायण शर्मा ने बताया कि ईसुरी हमारे यहां के बहुत बड़े कवि हैं, जिन्होंने जीवन के हर पहलू को अपने फाग में लिखा है. इसे मैथिलीशरण गुप्त ने नरेंद्र छंद का नाम दिया है. ईसुरी की फागें सभी लोगों को आती हैं, लेकिन हमें उनके उस व्यक्तित्व को लेकर ऊपर लेकर जाना है, जिसे उन्होंने लिखा है. हमें उनके रचनाकर्म को बाहर लाना है. इसके लिए मैं 'महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ' लिख रहा हूं. इसे पूरा होने में एक साल लगेगा.

इसे भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले हास्य कवि बिहारी लाल अंबर, आजमगढ़ में दिखाई देता है भाईचारे का स्वरूप

झांसी: बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध लोक कवि ईसुरी के जीवन और रचनाकर्म पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. राम नारायण शर्मा एक ग्रन्थ लिख रहे हैं. ईसुरी के फाग तो बेहद प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके जीवन और अन्य रचनाकर्मों के बारे में लोगों को बेहद कम जानकारी है. झांसी के डॉ. राम नारायण शर्मा उनके जीवन के सभी पहलुओं को समेटते हुए एक ग्रन्थ का लेखन करने में जुटे हुए हैं.

लोक कवि ईसुरी के जीवन पर ग्रन्थ लिख रहे हैं डॉ. राम नारायण शर्मा.
पूर्व में भी ईसुरी पर लिख चुके हैं पुस्तकलोक कवि ईसुरी का जन्म स्थान झांसी के निकट मऊरानीपुर क्षेत्र के मेढकी गांव को माना जाता है. उनके लिखे फाग लोक जीवन में बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं. ईसुरी पर राम नारायण शर्मा पूर्व में भी एक पुस्तक 'महाकवि ईसुरी बुंदेली काव्य' नाम से लिख चुके हैं. अब उनके जीवन पर आधारित एक सम्पूर्ण ग्रन्थ का लेखन डॉ. शर्मा कर रहे हैं.'महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ' है नामईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. राम नारायण शर्मा ने बताया कि ईसुरी हमारे यहां के बहुत बड़े कवि हैं, जिन्होंने जीवन के हर पहलू को अपने फाग में लिखा है. इसे मैथिलीशरण गुप्त ने नरेंद्र छंद का नाम दिया है. ईसुरी की फागें सभी लोगों को आती हैं, लेकिन हमें उनके उस व्यक्तित्व को लेकर ऊपर लेकर जाना है, जिसे उन्होंने लिखा है. हमें उनके रचनाकर्म को बाहर लाना है. इसके लिए मैं 'महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ' लिख रहा हूं. इसे पूरा होने में एक साल लगेगा.

इसे भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले हास्य कवि बिहारी लाल अंबर, आजमगढ़ में दिखाई देता है भाईचारे का स्वरूप

Intro:झांसी. बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध लोक कवि ईसुरी के जीवन और रचनाकर्म पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ राम नारायण शर्मा एक ग्रन्थ लिख रहे है। ईसुरी के फाग तो बेहद प्रसिद्ध हैं लेकिन उनके जीवन और अन्य रचनाकर्मों के बारे में लोगों को बेहद कम जानकारी है। झांसी के डॉ राम नारायण शर्मा उनके जीवन के सभी पहलुओं को समेटते हुए एक ग्रन्थ का लेखन करने में जुटे हुए हैं।


Body:पूर्व में भी ईसुरी पर लिख चुके हैं पुस्तक

लोक कवि ईसुरी का जन्म स्थान झांसी के निकट मऊरानीपुर क्षेत्र के मेढकी गांव को माना जाता है। उनके लिखे फाग लोक जीवन में बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं। ईसुरी पर राम नारायण शर्मा पूर्व में भी एक पुस्तक 'महाकवि ईसुरी बुंदेली काव्य' नाम से लिख चुके हैं। अब उनके जीवन पर आधारित एक सम्पूर्ण ग्रन्थ का लेखन डॉ शर्मा कर रहे हैं।



Conclusion:
' महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ ' है नाम

ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ राम नारायण शर्मा ने बताया कि ईसुरी हमारे यहां के बहुत बड़े कवि हो गए हैं, जिन्होंने जीवन के हर पहलू को अपने फ़ाग में लिखा है, जिसे मैथिलीशरण गुप्त ने नरेंद्र छंद का नाम दिया है। ईसुरी की फागें सभी लोगों को आती हैं लेकिन हमें उनके उस व्यक्तित्व को लेकर ऊपर लेकर जाना है, जिसे उन्होंने लिखा है। हमें उनके रचनाकर्म को बाहर लाना है। इसके लिए मैं 'महाकवि ईसुरी काव्य मीमांसा ग्रन्थ' लिख रहा हूँ। इसे पूरा होने में एक साल लगेगा।

बाइट - डॉ राम नारायण शर्मा - साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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