झांसी: एकात्म मानववाद की विचारधारा के प्रवर्तक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर झांसी में बने सभागार का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रूप दिया गया है. पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर 25 सितंबर को इसके लोकार्पण की तैयारी झांसी विकास प्राधिकरण कर रहा है. आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिले में इस तरह का यह पहला सभागार है.
दीनदयाल उपाध्याय सभागार का निर्माण साल 2003-04 में सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग ने ऐतिहासिक किले के निकट कराया था. देखरेख के अभाव में बाद के समय में यह सभागार बेहद जीर्ण शीर्ण हो गया था. झांसी विकास प्राधिकरण ने 12 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराते हुए इसे भव्य रूप दिया है. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को इसके जीर्णोद्धार का काम दिया गया था. इस सभागार में 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. यह सभागार पूरी तरह से एयरकंडीशन्ड है और इसमें बेहतरीन लाइट व साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है. सभागार के सामने एक खूबसूरत पार्क बनाया गया है. इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा भी लगाई गई है.
झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित के मुताबिक सभागार के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है. कमिश्नर ने निर्देश दिए थे कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर इसका लोकार्पण कराया जाए. इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. अतिथियों और जन प्रतिनिधियों से बात हो रही है. सम्भव है कि 25 सितंबर को इसका लोकार्पण कराएं. बुन्देलखण्ड के सांस्कृतिक आयोजनों के लिए यह एक बड़ा प्लेटफार्म साबित होगा.
झांसी: दीनदयाल उपाध्याय सभागार को दिया गया भव्य रूप, जयंती पर लोकार्पण की तैयारी
उत्तर प्रदेश के झांसी में पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर बने सभागार का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रूप दिया गया है. अब 25 सितंबर को पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर इसके लोकार्पण की तैयारी की जा रही है.
झांसी: एकात्म मानववाद की विचारधारा के प्रवर्तक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर झांसी में बने सभागार का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रूप दिया गया है. पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर 25 सितंबर को इसके लोकार्पण की तैयारी झांसी विकास प्राधिकरण कर रहा है. आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिले में इस तरह का यह पहला सभागार है.
दीनदयाल उपाध्याय सभागार का निर्माण साल 2003-04 में सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग ने ऐतिहासिक किले के निकट कराया था. देखरेख के अभाव में बाद के समय में यह सभागार बेहद जीर्ण शीर्ण हो गया था. झांसी विकास प्राधिकरण ने 12 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराते हुए इसे भव्य रूप दिया है. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को इसके जीर्णोद्धार का काम दिया गया था. इस सभागार में 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. यह सभागार पूरी तरह से एयरकंडीशन्ड है और इसमें बेहतरीन लाइट व साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है. सभागार के सामने एक खूबसूरत पार्क बनाया गया है. इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा भी लगाई गई है.
झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित के मुताबिक सभागार के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है. कमिश्नर ने निर्देश दिए थे कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर इसका लोकार्पण कराया जाए. इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. अतिथियों और जन प्रतिनिधियों से बात हो रही है. सम्भव है कि 25 सितंबर को इसका लोकार्पण कराएं. बुन्देलखण्ड के सांस्कृतिक आयोजनों के लिए यह एक बड़ा प्लेटफार्म साबित होगा.