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झांसी: प्रसूता की अस्पताल में मौत, गर्भ में पल रहे थे दो बच्चे

उत्तर प्रदेश के झांसी में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई. उसके गर्भ में दो बच्चे भी पल रहे थे. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है. हालांकि परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस के पास दर्ज करा दी है.

Woman dies due to negligence of doctors
डॉक्टरों का लापरवाही से महिला की मौत
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Published : May 16, 2020, 3:49 PM IST

झांसी: जिले के थाना समथर के ग्राम कडूरा में एक 26 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत हो गई. महिला प्रसव के लिए गुरुवार की रात में मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती कराई गई थी. शुक्रवार को सुबह उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिला की मौत हुई है. इस मामले को लेकर परिजनों ने पुलिस से शिकायत की है.

ग्राम कडूरा निवासी अमित राजपूत ने बताया कि उसकी पत्नी दीपिका 8 माह की गर्भवती थी. उसके पेट में जुड़वां बच्चे थे. दो दिन पहले जिला अस्पताल में उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया था, जिसमें जुड़वां बच्चे होने की पुष्टि हुई थी. गुरुवार की रात करीब 10 बजे दीपिका को घर पर प्रसव दर्द शुरू हुआ. अमित उसको लेकर सीधा मेडिकल कॉलेज झांसी गया, जहां करीब 11 बजे उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया.

अमित का आरोप है कि 11 बजे भर्ती कराने के बाद उसकी पत्नी को कोई डॉक्टर या नर्स देखने नहीं आया और न ही लेबर रूम में ले जाया गया. महिला को बाहर गैलरी में लिटा दिया गया. सुबह करीब 3 बजे एक नर्स ने एक इंजेक्शन दिया, जिसके बाद वह फिर चली गई और दीपिका को बाहर फर्श पर ही गैलरी में पड़ा रहने दिया. आरोप है कि इस दौरान उसकी पत्नी को बहुत अधिक दर्द हुआ, जिसके चलते कई बार अमित ने डॉक्टरों और सहयोगियों से प्रार्थना की, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. परिणाम स्वरूप शुक्रवार को सुबह 7 बजे उसकी पत्नी की मौत हो गई और पेट में पल रहे 2 बच्चे भी मर गए गए.

सुबह 7 बजे के बाद महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरतते हुए परिजनों को बताया कि मृतक दीपिका की कोरोना रिपोर्ट आ जाने के बाद ही पोस्टमार्टम या आगे की कार्रवाई की जाएगी. परिजन दिन भर कोरोना रिपोर्ट का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम को 6 बजे बताया गया कि मृतक महिला का कोरोना सेैंपल ही नही लिया गया था. अब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ही शव को परिजनों को दिया जाएगा. अमित ने बताया कि शाम 5 बजे के बाद पोस्टमार्टम नहीं होते हैं और अगर पोस्टमार्टम हो तो उसके लिए जिलाधिकारी की अनुमति लेनी होती है.

अमित ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और नर्सों के ऊपर इलाज न करने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायती पत्र दिया है. इसके अलावा एक शिकायती पत्र थाना पुलिस नवाबाद को भी दिया गया है.

झांसी: जिले के थाना समथर के ग्राम कडूरा में एक 26 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत हो गई. महिला प्रसव के लिए गुरुवार की रात में मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती कराई गई थी. शुक्रवार को सुबह उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिला की मौत हुई है. इस मामले को लेकर परिजनों ने पुलिस से शिकायत की है.

ग्राम कडूरा निवासी अमित राजपूत ने बताया कि उसकी पत्नी दीपिका 8 माह की गर्भवती थी. उसके पेट में जुड़वां बच्चे थे. दो दिन पहले जिला अस्पताल में उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया था, जिसमें जुड़वां बच्चे होने की पुष्टि हुई थी. गुरुवार की रात करीब 10 बजे दीपिका को घर पर प्रसव दर्द शुरू हुआ. अमित उसको लेकर सीधा मेडिकल कॉलेज झांसी गया, जहां करीब 11 बजे उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया.

अमित का आरोप है कि 11 बजे भर्ती कराने के बाद उसकी पत्नी को कोई डॉक्टर या नर्स देखने नहीं आया और न ही लेबर रूम में ले जाया गया. महिला को बाहर गैलरी में लिटा दिया गया. सुबह करीब 3 बजे एक नर्स ने एक इंजेक्शन दिया, जिसके बाद वह फिर चली गई और दीपिका को बाहर फर्श पर ही गैलरी में पड़ा रहने दिया. आरोप है कि इस दौरान उसकी पत्नी को बहुत अधिक दर्द हुआ, जिसके चलते कई बार अमित ने डॉक्टरों और सहयोगियों से प्रार्थना की, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. परिणाम स्वरूप शुक्रवार को सुबह 7 बजे उसकी पत्नी की मौत हो गई और पेट में पल रहे 2 बच्चे भी मर गए गए.

सुबह 7 बजे के बाद महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरतते हुए परिजनों को बताया कि मृतक दीपिका की कोरोना रिपोर्ट आ जाने के बाद ही पोस्टमार्टम या आगे की कार्रवाई की जाएगी. परिजन दिन भर कोरोना रिपोर्ट का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम को 6 बजे बताया गया कि मृतक महिला का कोरोना सेैंपल ही नही लिया गया था. अब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ही शव को परिजनों को दिया जाएगा. अमित ने बताया कि शाम 5 बजे के बाद पोस्टमार्टम नहीं होते हैं और अगर पोस्टमार्टम हो तो उसके लिए जिलाधिकारी की अनुमति लेनी होती है.

अमित ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और नर्सों के ऊपर इलाज न करने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायती पत्र दिया है. इसके अलावा एक शिकायती पत्र थाना पुलिस नवाबाद को भी दिया गया है.

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