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आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए झांसी पूरी ताकत लगा देगा- पीएम मोदी

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Published : Aug 29, 2020, 6:43 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित किया और छात्रों की जमकर तारीफ की. पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए झांसी पूरी ताकत लगा देगा.

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पीएम मोदी का संबोधन

झांसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया. यह केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं की तैयारियां, उनका उत्साह, संवाद के दौरान उत्साह, उमंग, विश्वास दिखाई दिया. मुझे विश्वास है कि इस नए भवन के बनने से छात्रों को अनेक नई सुविधाएं मिलेंगी. इन सुविधाओं से विद्यार्थियों को और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलेगी.

पीएम योगी का संबोधन.

'आत्मनिर्भरता में कृषि महत्वपूर्ण'
पीएम ने कहा कि कही बुन्देलखण्ड की धरती पर रानी लक्ष्मीबाई ने गर्जना की थी कि 'मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी'. आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है. मेरी झांसी, मेरा बुन्देलखण्ड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा. इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ने कि छह साल पहले देश में एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय था, जबकि आज तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत हैं. पीएम ने कहा कि मई के महीने में बुन्देलखण्ड में टिड्डी दल का बहुत बड़ा हमला हुआ था. टिड्डी दल किसानों की सारी मेहनत मिनटों में तबाह कर देते हैं. बुन्देलखण्ड में करीब तीस साल बाद टिड्डियों ने हमला किया है.

'टिड्डी दल से बेहतर तरीके से निपटा बुंदेलखण्ड'
पीएम ने कहा कि सिर्फ उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि देश के दस राज्य टिड्डी दल के हमले में प्रभावित हुए थे. जिस तेजी से यह फैल रहा था, उस पर सामान्य और पारंपरिक तौर- तरीकों से नियंत्रण पाना मुश्किल था. जिस प्रकार से भारत ने टिड्डी दल से मुक्ति पाई है, इतने बड़े हमले को जिस तरह से वैज्ञानिक तरीके से संभाला गया है, यदि कोरोना का प्रभाव न होता तो देश की मीडिया में हफ्ते भर इसकी सकारात्मक चर्चा हुई होती.

पीएम ने कहा कि टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए झांसी सहित अनेक शहरों में कई कंट्रोल रूम बनाए गए. किसानों तक पहले से जानकारी पहुंचे, इसका इंतजाम किया गया. टिड्डियों को मारने और भगाने के लिए जो स्प्रे वाली मशीनें होती हैं, सरकार ने ऐसी दर्जनों मशीनों को खरीदकर तत्काल जिलों तक पहुंचाया था. ट्रैक्टर, गाड़ियां, केमिकल, दवाइयां सहित सारे संसाधन टिड्डी दल के हमलों से निपटने के लिए लगा दिए, ताकि किसानों को कम से कम नुकसान हो. बड़े पेड़ों को बचाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से दवाई का छिड़काव किया गया. इन सारे प्रयासों के बाद ही अपने किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान होने से हम बचा पाए.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को उसके प्रैक्टिकल एप्लिकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है. प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए. पीएम ने कहा कि इससे दो लाभ होंगे. गांव के बच्चों में खेती को लेकर जो स्वाभाविक समझ होती है, उसका वैज्ञानिक तरीके से विस्तार होगा, वहीं दूसरा लाभ यह होगा कि वह खेती और इससे जुड़ी तकनीकी, व्यापार, कारोबार के बारे में अपने परिवार को अधिक जानकारी दे पाएगा. देश की नई शिक्षा नीति में इसके लिए जरूरी रिफॉर्म किए गए हैं.

'बदलेगी बुंदेलखण्ड की तस्वीर'
पीएम मोदी ने कहा कि कितनी ही चुनौतियां क्यों न हो, निरन्तर उनका मुकाबला करना सिर्फ लक्ष्मीबाई के जमाने से नहीं, हमेशा से बुन्देलखण्ड अगुवाई करता आया है. यही बुन्देलखण्ड की विशेषता रही है. पीएम ने कहा कि झांसी, महोबा, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, ललितपुर के साथ पश्चिमी यूपी के सैकड़ों गांव में जल स्तर को सुधारने के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक की योजना पर काम जारी है. बुन्देलखण्ड में एक ओर बेतवा बहती है और दूसरी ओर केन बहती है. उत्तर दिशा में मां यमुना जी हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि नदियों के पानी का पूरा लाभ पूरे क्षेत्र को नहीं मिल पाता है. इस स्थिति को बदलने के लिए भी केंद्र सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है. केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना में इस क्षेत्र के भाग्य को बदलने की बहुत ताकत है. इस दिशा में हम दोनों राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं, काम कर रहे हैं. एक बार बुन्देलखण्ड को पर्याप्त जल मिलेगा तो यहां जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा.

झांसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया. यह केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं की तैयारियां, उनका उत्साह, संवाद के दौरान उत्साह, उमंग, विश्वास दिखाई दिया. मुझे विश्वास है कि इस नए भवन के बनने से छात्रों को अनेक नई सुविधाएं मिलेंगी. इन सुविधाओं से विद्यार्थियों को और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलेगी.

पीएम योगी का संबोधन.

'आत्मनिर्भरता में कृषि महत्वपूर्ण'
पीएम ने कहा कि कही बुन्देलखण्ड की धरती पर रानी लक्ष्मीबाई ने गर्जना की थी कि 'मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी'. आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है. मेरी झांसी, मेरा बुन्देलखण्ड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा. इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ने कि छह साल पहले देश में एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय था, जबकि आज तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत हैं. पीएम ने कहा कि मई के महीने में बुन्देलखण्ड में टिड्डी दल का बहुत बड़ा हमला हुआ था. टिड्डी दल किसानों की सारी मेहनत मिनटों में तबाह कर देते हैं. बुन्देलखण्ड में करीब तीस साल बाद टिड्डियों ने हमला किया है.

'टिड्डी दल से बेहतर तरीके से निपटा बुंदेलखण्ड'
पीएम ने कहा कि सिर्फ उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि देश के दस राज्य टिड्डी दल के हमले में प्रभावित हुए थे. जिस तेजी से यह फैल रहा था, उस पर सामान्य और पारंपरिक तौर- तरीकों से नियंत्रण पाना मुश्किल था. जिस प्रकार से भारत ने टिड्डी दल से मुक्ति पाई है, इतने बड़े हमले को जिस तरह से वैज्ञानिक तरीके से संभाला गया है, यदि कोरोना का प्रभाव न होता तो देश की मीडिया में हफ्ते भर इसकी सकारात्मक चर्चा हुई होती.

पीएम ने कहा कि टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए झांसी सहित अनेक शहरों में कई कंट्रोल रूम बनाए गए. किसानों तक पहले से जानकारी पहुंचे, इसका इंतजाम किया गया. टिड्डियों को मारने और भगाने के लिए जो स्प्रे वाली मशीनें होती हैं, सरकार ने ऐसी दर्जनों मशीनों को खरीदकर तत्काल जिलों तक पहुंचाया था. ट्रैक्टर, गाड़ियां, केमिकल, दवाइयां सहित सारे संसाधन टिड्डी दल के हमलों से निपटने के लिए लगा दिए, ताकि किसानों को कम से कम नुकसान हो. बड़े पेड़ों को बचाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से दवाई का छिड़काव किया गया. इन सारे प्रयासों के बाद ही अपने किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान होने से हम बचा पाए.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को उसके प्रैक्टिकल एप्लिकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है. प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए. पीएम ने कहा कि इससे दो लाभ होंगे. गांव के बच्चों में खेती को लेकर जो स्वाभाविक समझ होती है, उसका वैज्ञानिक तरीके से विस्तार होगा, वहीं दूसरा लाभ यह होगा कि वह खेती और इससे जुड़ी तकनीकी, व्यापार, कारोबार के बारे में अपने परिवार को अधिक जानकारी दे पाएगा. देश की नई शिक्षा नीति में इसके लिए जरूरी रिफॉर्म किए गए हैं.

'बदलेगी बुंदेलखण्ड की तस्वीर'
पीएम मोदी ने कहा कि कितनी ही चुनौतियां क्यों न हो, निरन्तर उनका मुकाबला करना सिर्फ लक्ष्मीबाई के जमाने से नहीं, हमेशा से बुन्देलखण्ड अगुवाई करता आया है. यही बुन्देलखण्ड की विशेषता रही है. पीएम ने कहा कि झांसी, महोबा, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, ललितपुर के साथ पश्चिमी यूपी के सैकड़ों गांव में जल स्तर को सुधारने के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक की योजना पर काम जारी है. बुन्देलखण्ड में एक ओर बेतवा बहती है और दूसरी ओर केन बहती है. उत्तर दिशा में मां यमुना जी हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि नदियों के पानी का पूरा लाभ पूरे क्षेत्र को नहीं मिल पाता है. इस स्थिति को बदलने के लिए भी केंद्र सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है. केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना में इस क्षेत्र के भाग्य को बदलने की बहुत ताकत है. इस दिशा में हम दोनों राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं, काम कर रहे हैं. एक बार बुन्देलखण्ड को पर्याप्त जल मिलेगा तो यहां जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा.

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