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पीएम मोदी की जीत से खुश होकर इस दंपति ने किया देहदान - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

झांसी में मेडिकल के छात्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक दम्पति ने अपना देहदान करने का एलान किया है. इस एलान के बाद दम्पति की मृत्यु होने के बाद उनके शव पर महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज का अधिकार हो जाएगा.

दम्पति के शव पर महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज का अधिकार हो जाएगा.
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Published : May 25, 2019, 11:10 PM IST

झांसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने के मौके पर सागर गेट मोहल्ले में रहने वाले सुनील सब्बरवाल और उनकी पत्नी एकता सब्बरवाल ने संयुक्त रूप से अपना देहदान करने का एलान किया है. मेडिकल के छात्रों को शवों की कमी होने के कारण कई तरह के प्रयोगों में दिक्कत आती है. दम्पति का मानना है कि इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और देहदान के लिये आगे आएंगे.

दम्पति के शव पर महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज का अधिकार हो जाएगा.
  • मेडिकल की पढ़ाई के दौरान शव के अंगों पर कई तरह के प्रयोग किये जाते हैं.
  • दान में मिले शव को मेडिकल कालेज अपने पास रख लेता है और अंगों का अपनी जरूरत के मुताबिक उनका उपयोग करता है
  • आमतौर पर मृतक के परिजन शव का अंतिम संस्कार कर देते हैं और धार्मिक मान्यताओं के कारण उसे दान में देने से परहेज करते हैं


"एक बार वह मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने गए थे. उन्हें वहां पता चला कि शव की कमी के कारण स्टूडेंट्स को प्रयोग करने में दिक्कत आती है. तभी मन में विचार आया कि हम देहदान करेंगे. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के फिर से प्रधानमंत्री बने हैं, जो देश के लिए बिना रुके और थके काम कर रहे हैं. इस अवसर पर हम कुछ बड़ा तो नहीं कर सकते, लेकिन देहदान के अपने विचार को पूरा करने का निर्णय लिया है."
-सुनील सब्बरवाल - देहदान करने वाले व्यक्ति

झांसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने के मौके पर सागर गेट मोहल्ले में रहने वाले सुनील सब्बरवाल और उनकी पत्नी एकता सब्बरवाल ने संयुक्त रूप से अपना देहदान करने का एलान किया है. मेडिकल के छात्रों को शवों की कमी होने के कारण कई तरह के प्रयोगों में दिक्कत आती है. दम्पति का मानना है कि इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और देहदान के लिये आगे आएंगे.

दम्पति के शव पर महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज का अधिकार हो जाएगा.
  • मेडिकल की पढ़ाई के दौरान शव के अंगों पर कई तरह के प्रयोग किये जाते हैं.
  • दान में मिले शव को मेडिकल कालेज अपने पास रख लेता है और अंगों का अपनी जरूरत के मुताबिक उनका उपयोग करता है
  • आमतौर पर मृतक के परिजन शव का अंतिम संस्कार कर देते हैं और धार्मिक मान्यताओं के कारण उसे दान में देने से परहेज करते हैं


"एक बार वह मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने गए थे. उन्हें वहां पता चला कि शव की कमी के कारण स्टूडेंट्स को प्रयोग करने में दिक्कत आती है. तभी मन में विचार आया कि हम देहदान करेंगे. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के फिर से प्रधानमंत्री बने हैं, जो देश के लिए बिना रुके और थके काम कर रहे हैं. इस अवसर पर हम कुछ बड़ा तो नहीं कर सकते, लेकिन देहदान के अपने विचार को पूरा करने का निर्णय लिया है."
-सुनील सब्बरवाल - देहदान करने वाले व्यक्ति

Intro:झांसी। मेडिकल स्टूडेंट्स की समस्या को ध्यान में रखते हुए झाँसी के एक दम्पत्ति ने अपना देहदान करने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुबारा पीएम बनने के मौके इस दम्पत्ति ने यह ऐलान किया है। दरअसल मेडिकल की पढ़ाई के दौरान शव के अंगों पर कई तरह के प्रयोग किये जाते हैं। इसके लिए दान में मिले शव को मेडिकल कालेज अपने पास रख लेता है और अंगों का अपनी जरूरत के मुताबिक उपयोग करता है। आमतौर पर मृतक के परिजन शव का अंतिम संस्कार कर देते हैं और धार्मिक मान्यताओं के कारण उसे दान में देने से परहेज करते हैं। 





Body:झांसी के सागर गेट बाहर मोहल्ले में रहने वाले सुनील सब्बरवाल और उनकी पत्नी एकता सब्बरवाल ने संयुक्त रूप से अपना देहदान करने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद मृत्यु होने के बाद देहदान करने वाले व्यक्ति के शव पर झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज का अधिकार हो जाएगा। मेडिकल स्टूडेंट्स को शवों की कमी होने के कारण कई तरह के प्रयोगों में दिक्कत आती है। दम्पत्ति का मानना है कि इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और देहदान के लिये आगे आएंगे।





Conclusion:सुनील सब्बरवाल ने बताया कि वे एक बार मेडिकल कालेज में इलाज कराने गए थे। उन्हें वहां पता चला कि शव की कमी के कारण स्टूडेंट्स को प्रयोग करने में दिक्कत आती है। तभी मन में विचार आया कि हम देहदान करेंगे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के फिर से प्रधानमंत्री बने हैं, जो देश के लिए बिना रुके और थके काम कर रहे हैं। इस अवसर पर हम कुछ बड़ा तो नहीं कर सकते लेकिन देहदान के अपने विचार को पूरा करने का निर्णय लिया है।


बाइट - सुनील सब्बरवाल - देहदान करने वाले व्यक्ति


लक्ष्मी नारायण शर्मा

झांसी

9454013045

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